
पंजाब में PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक का मामला 3 साल बाद फिर सुर्खियों में आ गया है। कोर्ट ने इस मामले में 25 किसानों का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जिसमें हत्या की कोशिश की धारा भी जोड़ दी गई है। इसका पता तब चला, जब किसानों को इस बारे में समन जारी किए गए। जिससे खुलासा हुआ कि 5 जनवरी 2022 के 3 साल पुराने सुरक्षा चूक मामले में पुलिस ने अब IPC की धारा 307, 353, 341, 186, 149 और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी भी जोड़ दी है। पहले यह केस सार्वजनिक रास्ता रोकने के मामले में धारा 283 के तहत दर्ज हुआ था। बता दें कि सुरक्षा चूक के दिन प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करना था। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए हुसैनीवाला स्मारक भी जाना था। पहले उन्हें हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया गया। मगर, रास्ते में किसानों ने जाम लगा दिया। जिसके बाद PM का काफिला करीब 20 मिनट फिरोजपुर के प्यारेआना फ्लाईओवर पर रुका रहा। जिसके बाद पीएम वापस लौट आए और दिल्ली चले गए। बठिंडा लौटकर मोदी ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- ”अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका। पुलिस सूत्रों के अनुसार, किसान कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो रहे थे, जिसके चलते 22 जनवरी को कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। साथ ही इस मामले में SP (डिटेक्टिव) रणधीर कुमार ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। पहले जमानती अपराध था, एक आरोपी की मौत हो चुकी
पुलिस के मुताबिक इस मामले में 6 जनवरी 2022 को पहले आईपीसी की धारा 283 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जो जमानती अपराध है। हालांकि, कमजोर एफआईआर पर भाजपा नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अधिकारियों की तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था। जांच के आधार पर अब एफआईआर में और भी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना) और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8-बी शामिल हैं। एफआईआर में बीकेयू क्रांतिकारी के महासचिव बलदेव सिंह जीरा और अन्य किसान नेताओं और सदस्यों समेत 26 लोगों के नाम हैं। एक आरोपी मेजर सिंह की मौत हो चुकी है, जबकि शेष 25 के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। अदालत ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट
3 जनवरी 2025 को फिरोजपुर की अदालत ने इन 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोपियों को पहले भी अदालत में पेश होने के लिए समन और वारंट भेजे गए थे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट ने 22 जनवरी तक उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने की थी सुरक्षा चूक की जांच
PM की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित की थी। जिसकी अगुआई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने की थी। उनके अलावा कमेटी में NIA के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह, चंडीगढ़ के DGP प्रवीर रंजन और पंजाब के स्पेशल DGP शरद सत्य चौहान थे। इस कमेटी ने तत्कालीन DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, फिरोजपुर के DIG इंदरबीर सिंह और फिरोजपुर के SSP हरमन हंस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके अलावा तत्कालीन गृह सचिव अनिरुद्ध तिवारी और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कार्रवाई को कहा था। SP समेत 7 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी पंजाब सरकार
पंजाब में कांग्रेस की जगह AAP की सरकार बनने के बाद 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें सबसे पहले बठिंडा में तैनात रहे एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड किया गया था। गुरबिंदर घटना के समय फिरोजपुर के SP थे। उनकी डयूटी घटना के समय एमरजेंसी के लिए रिजर्व रखी गई पुलिस टीम के प्रमुख की थी। इसके अलावा सस्पेंड किए गए अधिकारियों में DSP प्रसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, SI जसवंत सिंह और ASI रमेश कुमार शामिल थे। 5 जनवरी 2022 को PM मोदी के दौरे के दौरान ये सभी फिरोजपुर में तैनात थे। किसान नेता बोले- केंद्र के दबाव में काम कर रही पंजाब सरकार
भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने पंजाब सरकार पर केंद्र के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर रही है। फूल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि किसानों को निशाना न बनाया जाए। हमारे विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे और हत्या का प्रयास जैसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। यह केवल किसानों और उनके नेताओं को डराने की साजिश है। फूल ने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर में भी पंजाब पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन उठाया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। ********
PM की सुरक्षा चूक से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बठिंडा एयरपोर्ट पर मोदी अफसरों से बोले- मैं एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच पाया, इसके लिए अपने CM को थैंक्स कहना रैली रद्द होने के बाद जब नरेंद्र मोदी बठिंडा एयरपोर्ट वापस पहुंचे तो उन्होंने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका (पढ़ें पूरी खबर..) PM मोदी को जोखिम में डालने वाला कौन? 130 किमी लंबे रूट पर बिखरे सबूत; पढ़िए सबसे बड़ी पड़ताल उस दिन मोदी के काफिले में सिर्फ एक ब्लैक गाड़ी थी, जिससे आसानी से PM की शिनाख्त की जा सकती थी। न कोई डमी काफिला, न कोई ऑल्टरनेट रूट की तैयारी और आगे प्रदर्शनकारियों का चक्का जाम (पढ़ें पूरी खबर…)
पंजाब में PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक का मामला 3 साल बाद फिर सुर्खियों में आ गया है। कोर्ट ने इस मामले में 25 किसानों का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जिसमें हत्या की कोशिश की धारा भी जोड़ दी गई है। इसका पता तब चला, जब किसानों को इस बारे में समन जारी किए गए। जिससे खुलासा हुआ कि 5 जनवरी 2022 के 3 साल पुराने सुरक्षा चूक मामले में पुलिस ने अब IPC की धारा 307, 353, 341, 186, 149 और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी भी जोड़ दी है। पहले यह केस सार्वजनिक रास्ता रोकने के मामले में धारा 283 के तहत दर्ज हुआ था। बता दें कि सुरक्षा चूक के दिन प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करना था। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए हुसैनीवाला स्मारक भी जाना था। पहले उन्हें हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया गया। मगर, रास्ते में किसानों ने जाम लगा दिया। जिसके बाद PM का काफिला करीब 20 मिनट फिरोजपुर के प्यारेआना फ्लाईओवर पर रुका रहा। जिसके बाद पीएम वापस लौट आए और दिल्ली चले गए। बठिंडा लौटकर मोदी ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- ”अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका। पुलिस सूत्रों के अनुसार, किसान कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो रहे थे, जिसके चलते 22 जनवरी को कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। साथ ही इस मामले में SP (डिटेक्टिव) रणधीर कुमार ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। पहले जमानती अपराध था, एक आरोपी की मौत हो चुकी
पुलिस के मुताबिक इस मामले में 6 जनवरी 2022 को पहले आईपीसी की धारा 283 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जो जमानती अपराध है। हालांकि, कमजोर एफआईआर पर भाजपा नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अधिकारियों की तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था। जांच के आधार पर अब एफआईआर में और भी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना) और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8-बी शामिल हैं। एफआईआर में बीकेयू क्रांतिकारी के महासचिव बलदेव सिंह जीरा और अन्य किसान नेताओं और सदस्यों समेत 26 लोगों के नाम हैं। एक आरोपी मेजर सिंह की मौत हो चुकी है, जबकि शेष 25 के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। अदालत ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट
3 जनवरी 2025 को फिरोजपुर की अदालत ने इन 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोपियों को पहले भी अदालत में पेश होने के लिए समन और वारंट भेजे गए थे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट ने 22 जनवरी तक उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने की थी सुरक्षा चूक की जांच
PM की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित की थी। जिसकी अगुआई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने की थी। उनके अलावा कमेटी में NIA के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह, चंडीगढ़ के DGP प्रवीर रंजन और पंजाब के स्पेशल DGP शरद सत्य चौहान थे। इस कमेटी ने तत्कालीन DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, फिरोजपुर के DIG इंदरबीर सिंह और फिरोजपुर के SSP हरमन हंस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके अलावा तत्कालीन गृह सचिव अनिरुद्ध तिवारी और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कार्रवाई को कहा था। SP समेत 7 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी पंजाब सरकार
पंजाब में कांग्रेस की जगह AAP की सरकार बनने के बाद 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें सबसे पहले बठिंडा में तैनात रहे एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड किया गया था। गुरबिंदर घटना के समय फिरोजपुर के SP थे। उनकी डयूटी घटना के समय एमरजेंसी के लिए रिजर्व रखी गई पुलिस टीम के प्रमुख की थी। इसके अलावा सस्पेंड किए गए अधिकारियों में DSP प्रसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, SI जसवंत सिंह और ASI रमेश कुमार शामिल थे। 5 जनवरी 2022 को PM मोदी के दौरे के दौरान ये सभी फिरोजपुर में तैनात थे। किसान नेता बोले- केंद्र के दबाव में काम कर रही पंजाब सरकार
भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने पंजाब सरकार पर केंद्र के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर रही है। फूल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि किसानों को निशाना न बनाया जाए। हमारे विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे और हत्या का प्रयास जैसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। यह केवल किसानों और उनके नेताओं को डराने की साजिश है। फूल ने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर में भी पंजाब पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन उठाया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। ********
PM की सुरक्षा चूक से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बठिंडा एयरपोर्ट पर मोदी अफसरों से बोले- मैं एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच पाया, इसके लिए अपने CM को थैंक्स कहना रैली रद्द होने के बाद जब नरेंद्र मोदी बठिंडा एयरपोर्ट वापस पहुंचे तो उन्होंने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका (पढ़ें पूरी खबर..) PM मोदी को जोखिम में डालने वाला कौन? 130 किमी लंबे रूट पर बिखरे सबूत; पढ़िए सबसे बड़ी पड़ताल उस दिन मोदी के काफिले में सिर्फ एक ब्लैक गाड़ी थी, जिससे आसानी से PM की शिनाख्त की जा सकती थी। न कोई डमी काफिला, न कोई ऑल्टरनेट रूट की तैयारी और आगे प्रदर्शनकारियों का चक्का जाम (पढ़ें पूरी खबर…)