
अरुण त्रिसल
कठुआ , 25 दिसंबर:पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की 100वीं जयंती पर कठुआ के बीजेपी कार्यकर्ताओ ने अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान जिला प्रधान गोपाल महाजन, कठुआ विधायक भारत भूषण, तिलक राज भगत, रेखा कुमारी , जिला प्रधान महिला मोर्चा सुषमा,प्रेम नाथ डोगरा, और रविंदर सलाथिआ ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के देश के लिए योगदान को याद किया। इस दौरान भाजपा की ओर से बीजेपी कार्यालय पर अटल बिहारी वाजपेई के जीवन को याद करते हुए प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसका शुभारंभ जिला प्रधान गोपाल महाजन ने किया।

जिला प्रधान गोपाल महाजन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए कहा कि लोग उनके शतायु होने की कामना करते थे। अटल बिहारी वाजपेई जीवन के 100 वर्ष नहीं देख पाए, लेकिन आज उनकी 100 वीं जयंती मना रहे हैं। वह भविष्य के भारत के परिकल्पना पुरुष थे। उनकी सरकार ने देश को सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया। उनके शासन काल में ही, एनडीए ने टेक्नोलॉजी को आम आदमी की पहुंच तक लाने का काम शुरू किया। वाजपेयी जी की सरकार में शुरू हुई जिस स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने भारत के महानगरों को एक सूत्र में जोड़ा, वह आज भी लोगों की स्मृतियों पर अमिट है। लोकल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए भी एनडीए गठबंधन की सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए। उनके शासन काल में दिल्ली मेट्रो शुरू हुई, जिसका विस्तार आज हमारी सरकार एक वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रूप में कर रही है। जब भी सर्व शिक्षा अभियान की बात होती है, तो अटल जी की सरकार का जिक्र जरूर होता है। शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानने वाले वाजपेयी जी चाहते थे भारत के वर्ग, यानी ओबीसी, एससी, एसटी, आदिवासी और महिला, सभी के लिए शिक्षा सहज और सुलभ बने।


वही रविंदर सलाथिया पोखरण परमाणु परीक्षण को याद करते हुए कहा कि सारा विश्व देखता रह गया और अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने परमाणु परीक्षण करके दिखाया। उन्होंने कहा कि अपने शासन के दौरान अटल बिहारी वाजपेई ने जिस तरह से शासन चलाया उसी को आज सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

वहीं इस दौरान कठुआ विधायक भारत भूषणने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई श्रद्धांजलि देते हुए कठुआ से उनके नाते को याद किया। कठुआ विधायक भारत भूषणने कहा कि प्रधानमंत्री होते हुए भी अटल बिहारी वाजपेई कठुआ आया करते थे।कठुआ विधायक भारत भूषणने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की कुछ पंक्तियां सुनाई, मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं..लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं? अटल जी के ये शब्द कितने साहसी हैं…कितने गूढ़ हैं। अटल जी, कूच से नहीं डरे। वह कहते थे..जीवन बंजारों का डेरा, आज यहां, कल कहां कूच है…कौन जानता किधर सवेरा…आज अगर अटल जी हमारे बीच होते, तो अपने जन्मदिन पर नया सवेरा देख रहे होते।वाजपेयी सरकार के शासन काल में कई बार सुरक्षा संबंधी चुनौतियां आईं। कारगिल युद्ध का दौर आया। संसद पर आतंकियों ने कायराना प्रहार किया। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले से वैश्विक स्थितियां बदलीं, लेकिन हर स्थिति में अटल जी के लिए भारत और भारत का हित सर्वोपरि रहा। उनकी बोलने की कला का कोई सानी नहीं था।




कविताओं और शब्दों में उनका कोई जवाब नहीं था। विरोधी भी वाजपेयी जी के भाषणों के मुरीद थे। युवा सांसदों के लिए वो चर्चाएं सीखने का माध्यम बनतीं। संसद में कहा गया उनका यह वाक्य…सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी, मगर ये देश रहना चाहिए…आज भी मंत्र की तरह हम सबके मन में गूंजता रहता है।उन्होंने कहा 100वीं जयंती के मौके पर वह उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद करते हैं।