
जोधपुर में नाबालिग से रेप के मामले में जेल में बंद आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आसाराम की ओर से सजा स्थगन व जमानत के लिए पेश याचिका पर आज सुनवाई हुई। आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने बताया- उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब 11 साल बाद जमानत पर जेल से बाहर आएगा। अभी यह साफ नहीं है कि आसाराम आज जेल से बाहर आएगा या नहीं। आसाराम के वकील के मुताबिक कोर्ट का कर्मचारी ऑर्डर लेकर जेल जाएगा, उसके बाद आसाराम जेल से बाहर आएगा। आसाराम फिलहाल जोधपुर स्थित आरोग्यम अस्पताल में भर्ती है। इन 3 शर्तों पर मिली जमानत आसाराम ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
आसाराम को इससे पहले 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सूरत के आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि आसाराम अपने फॉलोअर्स से नहीं मिल सकता है। आसाराम को जोधपुर रेप केस में राहत नहीं मिली थी। इसके बाद आसाराम के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। आज हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद बड़ी राहत मिली। अब 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है। आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से 2 सितंबर 2013 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद है। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल में की थी महिला वैद्य की मांग
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था। तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था- ‘करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाड़ी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए।’ इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी। ——- आसाराम से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट से जमानत,अब आसाराम ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका:स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला; जोधपुर रेप केस में काट रहा आजीवन कारावास आसाराम के जेल से बाहर आने की राह आसान नहीं:पहले भी हाईकोर्ट में 5 बार खारिज हो चुकी अर्जी, लीगल एक्सपर्ट बोले- छठी बार भी वही मुश्किल
जोधपुर में नाबालिग से रेप के मामले में जेल में बंद आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आसाराम की ओर से सजा स्थगन व जमानत के लिए पेश याचिका पर आज सुनवाई हुई। आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने बताया- उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब 11 साल बाद जमानत पर जेल से बाहर आएगा। अभी यह साफ नहीं है कि आसाराम आज जेल से बाहर आएगा या नहीं। आसाराम के वकील के मुताबिक कोर्ट का कर्मचारी ऑर्डर लेकर जेल जाएगा, उसके बाद आसाराम जेल से बाहर आएगा। आसाराम फिलहाल जोधपुर स्थित आरोग्यम अस्पताल में भर्ती है। इन 3 शर्तों पर मिली जमानत आसाराम ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
आसाराम को इससे पहले 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सूरत के आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि आसाराम अपने फॉलोअर्स से नहीं मिल सकता है। आसाराम को जोधपुर रेप केस में राहत नहीं मिली थी। इसके बाद आसाराम के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। आज हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद बड़ी राहत मिली। अब 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है। आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से 2 सितंबर 2013 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद है। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल में की थी महिला वैद्य की मांग
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था। तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था- ‘करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाड़ी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए।’ इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी। ——- आसाराम से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट से जमानत,अब आसाराम ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका:स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला; जोधपुर रेप केस में काट रहा आजीवन कारावास आसाराम के जेल से बाहर आने की राह आसान नहीं:पहले भी हाईकोर्ट में 5 बार खारिज हो चुकी अर्जी, लीगल एक्सपर्ट बोले- छठी बार भी वही मुश्किल