
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय मंडपम में आयोजित भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने यहां 25 मिनट की स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने IMD के विकास, उसके महत्व और चुनौतियों के बारे में बात की। पीएम ने कहा- आज मौसम से जुड़ी सारी अपडेट वॉट्सएप पर मिल जाती है। पिछले 10 सालों में कई साइक्लोन आए, लेकिन हमने जनहानि को जीरो या सबसे कम करके दिखाया। पिछली सरकारों में जब ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में हजारों जानें जाती थीं तो उसे नियति कहकर टाल दिया जाता था। मोदी ने मौसम की भविष्यवाणी से जुड़ा एक पर्सनल एक्सपीरियंस भी शेयर किया.. कल (13 जनवरी) मैं जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में था, वहां का प्रोग्राम पहले बनाया गया था लेकिन मौसम विभाग ने कहा कि 13 जनवरी को प्रोग्राम बनाइए। मैं वहां कल दिन में था। एक बार भी बादल नहीं आए। मौसम विभाग की सूचना के कारण मैं आसानी से कार्यक्रम पूरा करके लौटा। PM की स्पीच, 3 पॉइंट में… 1. रिसर्च-इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा किसी भी देश के वैज्ञानिक संस्थानों की प्रगति साइंस के प्रति उसकी जागरूकता को दिखाती है। वैज्ञानिक संस्थाओं में रिसर्च और इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 सालों में IMD के इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में विस्तार हुआ है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, रनवे वेदर मॉनिटरिंग सिस्टम, डिस्ट्रिक्ट वाइज रेनफॉल मॉनिटराइजेशन ऐसे अनेक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जोड़े गए हैं। 2. भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार
मौसम विज्ञान को भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी का फायदा मिल रहा है। आज देश के पास अंटार्कटिका में मैत्रेयी और भारती नाम के दो मेट्रोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी हैं। पिछले साल अर्थ और अरुणिका नाम के सुपर कंप्यूटर शुरू किए गए हैं। इससे मौसम विभाग की विश्वसनीयता पहले से ज्यादा बढ़ी है। भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे। 3. IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है आज हम भारतीय मौसम विभाग के 150 साल सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये 150 साल केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा ही नहीं है। यह हमारे भारत के साइंस और टेक्नोलॉजी के विकास की भी यात्रा है। IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तब भारतीय मौसम विभाग का स्वरूप क्या होगा, इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया गया है। सभी देशवासियों को इस गौरवपूर्ण अवसर के लिए शुभकामनाएं। PM ने IMD की 4 खासियत भी बताईं… ‘IMD विजन-2047’ का डॉक्युमेंट PM ने जारी किया
इस कार्यक्रम में PM मोदी ने क्लाइमेट चेंज के लिए IMD विजन-2047 डॉक्युमेंट भी जारी किया जो मॉडर्न वेदर मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने के लिए मददगार होगा। इस डॉक्युमेंट में मौसम के पूर्वानुमान का प्रोसेस, कृषि, आपदा प्रबंधन और उद्योगों के लिए समाधान और जलवायु परिवर्तन को कम करने की प्लानिंग का ब्लू प्रिंट है। ‘मिशन मौसम’ क्या है? ‘मिशन मौसम’ देश को मौसम के लिए तैयार होने और देश को क्लाइमेट-स्मार्ट बनाने की प्लानिंग है। इसमें वेदर मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें नेक्स्ट जनरेशन रडार, सैटेलाइट और हाई-पर्फॉर्मिंग सुपर कंप्यूटर शामिल हैं। इससे भारत को क्लाइमेट चेंज के प्रभावों को कम करने और नेचुरल डिजास्टर से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी। ——————————————— पीएम मोदी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… PM ने सोनमर्ग टनल का इनॉगरेशन किया, PM बोले- वादा निभाता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में जेड मोड़ टनल का इनॉगरेशन किया। श्रीनगर-लेह हाइवे NH-1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी। टनल बनने से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। पूरी खबर पढ़ें…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय मंडपम में आयोजित भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने यहां 25 मिनट की स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने IMD के विकास, उसके महत्व और चुनौतियों के बारे में बात की। पीएम ने कहा- आज मौसम से जुड़ी सारी अपडेट वॉट्सएप पर मिल जाती है। पिछले 10 सालों में कई साइक्लोन आए, लेकिन हमने जनहानि को जीरो या सबसे कम करके दिखाया। पिछली सरकारों में जब ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में हजारों जानें जाती थीं तो उसे नियति कहकर टाल दिया जाता था। मोदी ने मौसम की भविष्यवाणी से जुड़ा एक पर्सनल एक्सपीरियंस भी शेयर किया.. कल (13 जनवरी) मैं जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में था, वहां का प्रोग्राम पहले बनाया गया था लेकिन मौसम विभाग ने कहा कि 13 जनवरी को प्रोग्राम बनाइए। मैं वहां कल दिन में था। एक बार भी बादल नहीं आए। मौसम विभाग की सूचना के कारण मैं आसानी से कार्यक्रम पूरा करके लौटा। PM की स्पीच, 3 पॉइंट में… 1. रिसर्च-इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा किसी भी देश के वैज्ञानिक संस्थानों की प्रगति साइंस के प्रति उसकी जागरूकता को दिखाती है। वैज्ञानिक संस्थाओं में रिसर्च और इनोवेशन नए भारत के टेंपरामेंट का हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 सालों में IMD के इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में विस्तार हुआ है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, रनवे वेदर मॉनिटरिंग सिस्टम, डिस्ट्रिक्ट वाइज रेनफॉल मॉनिटराइजेशन ऐसे अनेक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जोड़े गए हैं। 2. भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार
मौसम विज्ञान को भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी का फायदा मिल रहा है। आज देश के पास अंटार्कटिका में मैत्रेयी और भारती नाम के दो मेट्रोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी हैं। पिछले साल अर्थ और अरुणिका नाम के सुपर कंप्यूटर शुरू किए गए हैं। इससे मौसम विभाग की विश्वसनीयता पहले से ज्यादा बढ़ी है। भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे। 3. IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है आज हम भारतीय मौसम विभाग के 150 साल सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये 150 साल केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा ही नहीं है। यह हमारे भारत के साइंस और टेक्नोलॉजी के विकास की भी यात्रा है। IMD ने करोड़ों भारतीयों की सेवा की है। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तब भारतीय मौसम विभाग का स्वरूप क्या होगा, इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया गया है। सभी देशवासियों को इस गौरवपूर्ण अवसर के लिए शुभकामनाएं। PM ने IMD की 4 खासियत भी बताईं… ‘IMD विजन-2047’ का डॉक्युमेंट PM ने जारी किया
इस कार्यक्रम में PM मोदी ने क्लाइमेट चेंज के लिए IMD विजन-2047 डॉक्युमेंट भी जारी किया जो मॉडर्न वेदर मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने के लिए मददगार होगा। इस डॉक्युमेंट में मौसम के पूर्वानुमान का प्रोसेस, कृषि, आपदा प्रबंधन और उद्योगों के लिए समाधान और जलवायु परिवर्तन को कम करने की प्लानिंग का ब्लू प्रिंट है। ‘मिशन मौसम’ क्या है? ‘मिशन मौसम’ देश को मौसम के लिए तैयार होने और देश को क्लाइमेट-स्मार्ट बनाने की प्लानिंग है। इसमें वेदर मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें नेक्स्ट जनरेशन रडार, सैटेलाइट और हाई-पर्फॉर्मिंग सुपर कंप्यूटर शामिल हैं। इससे भारत को क्लाइमेट चेंज के प्रभावों को कम करने और नेचुरल डिजास्टर से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी। ——————————————— पीएम मोदी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… PM ने सोनमर्ग टनल का इनॉगरेशन किया, PM बोले- वादा निभाता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में जेड मोड़ टनल का इनॉगरेशन किया। श्रीनगर-लेह हाइवे NH-1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी। टनल बनने से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। पूरी खबर पढ़ें…