
असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान से शनिवार को तीन शव निकाले गए। इनमें एक सुबह और दो दोपहर में मिले। अब तक चार मजदूरों के शव मिल चुके हैं। इनमें से 2 की पहचान नहीं हो सकी है। शनिवार सुबह 27 साल के लिजान मगर का शव पानी पर तैरता मिला था। वह दीमा हसाओ के कलामती गांव नंबर 1 का निवासी था। इससे पहले बुधवार को नेपाल के रहने वाले गंगा बहादुर श्रेठ का शव मिला था। NDRF की टीम शनिवार सुबह पानी का लेवल चेक करने गई थी, तभी उन्हें लिजान मगर का शव तैरता दिखा। उसे सुबह करीब 7:30 बजे बाहर निकाला गया। खदान में पानी का लेवल 6 मीटर कम हो गया है। 5 पंप से रात भर पानी निकाला गया।। इधर, असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि यह अवैध खदान नहीं थी, बल्कि 12 साल पहले बंद कर दी गई थी। तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। 6 जनवरी को पहली बार मजदूर खदान में घुसे थे। 3 किलो उमरांगसो में बनी इस खदान में 6 जनवरी को पानी भर गया था। जिससे वहां काम कर रहे रैट होल माइनर्स फंस गए। बाकी बचे 5 मजदूर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी जारी है। हादसे के दिन से आज तक की 6 तस्वीरें… उमरांगसो कोयला खदान में फंसे मजदूरों के नाम इस लिस्ट में दो उन लोगों के नाम भी है, जिनके शव आज मिले हैं, लेकिन पहचान नहीं हो सकी है। खदान हादसे में 2 गिरफ्तारियां, 2 पर FIR; कांग्रेस की मांग- SIT बनाएं
असम पुलिस ने खदान हादसे के सिलसिले में एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इसका नाम हनान लस्कर है। हनान को खदान मालिक ने मैनेजर बनाया था। यही मजदूरों का पेमेंट भी देखता था। घटना के तुरंत बाद हनान भाग गया था। गुरुवार रात एक तलाशी अभियान के बाद हनान को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में पुलिस ने इस मामले में पहले पुनुश नुनिसा को गिरफ्तार किया था। कांग्रेस की दिमा हसाओ यूनिट के कोम केम्पराई और पितुश लंगथासा ने उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा और उनकी पत्नी कनिका होजाई के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें गोरलोसा और होजाई की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है। दावा है कि ये दोनों खदान में अवैध खनन करवा रहे थे। वहीं लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने खदान हादसे को लेकर PM मोदी के नाम चिट्ठी लिखी है और मामले की जांच के लिए SIT बनाने की मांग की है। गौरव ने लिखा- पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए और यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। 2018 में भी मारे गए थे 15 रैट होल माइनर्स
ऐसा ही एक हादसा मेघालय की ईस्ट जयंतिया हिल्स में 2018 में हुआ था। जहां 15 मजदूर कोयला खदान में फंसकर मारे गए थे। 13 दिसंबर को इस खदान में 20 खनिक 370 फीट गहरी खदान में घुसे थे, जिसमें से 5 मजदूर पानी भरने से पहले बाहर निकल आए थे। 15 मजदूरों को बचाया नहीं जा सका था। ————————————————- खदान हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जिंदा लौटा मजदूर बोला- सुरंग में सीधा लेट गया, पानी के प्रेशर ने बाहर फेंक दिया 6 जनवरी को सुरंग में पानी भरने के बाद समझ-बूझ के चलते जिंदा लौटे मजदूर रियाज अली ने भास्कर से बात की। उसने बताया कि पानी आते ही वह सीधा लेट गया, जिससे पानी के प्रेशर ने उसे बाहर फेंक दिया। रियाज ने बताया- मैंने ऊपर वाले को याद किया और आंख बंदकर सांस रोककर सुरंग में सीधा लेट गया। कुछ ही सेकंड्स बाद सुरंग के भीतर से इतना तेजी से पानी आया कि मैं प्रेशर के साथ सुरंग से बाहर निकलकर खदान की तली पर जा गिरा। पानी में ऊपर आकर देखा तो वहां कुछ और मजदूर भी थे। हमें खदान के भीतर-बाहर लाने -ले जाने वाली क्रेन की रस्सी पास ही लटक रही थी। मैं उसे पकड़ कर बाहर आ गया। पढ़ें पूरी खबर…
असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान से शनिवार को तीन शव निकाले गए। इनमें एक सुबह और दो दोपहर में मिले। अब तक चार मजदूरों के शव मिल चुके हैं। इनमें से 2 की पहचान नहीं हो सकी है। शनिवार सुबह 27 साल के लिजान मगर का शव पानी पर तैरता मिला था। वह दीमा हसाओ के कलामती गांव नंबर 1 का निवासी था। इससे पहले बुधवार को नेपाल के रहने वाले गंगा बहादुर श्रेठ का शव मिला था। NDRF की टीम शनिवार सुबह पानी का लेवल चेक करने गई थी, तभी उन्हें लिजान मगर का शव तैरता दिखा। उसे सुबह करीब 7:30 बजे बाहर निकाला गया। खदान में पानी का लेवल 6 मीटर कम हो गया है। 5 पंप से रात भर पानी निकाला गया।। इधर, असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि यह अवैध खदान नहीं थी, बल्कि 12 साल पहले बंद कर दी गई थी। तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। 6 जनवरी को पहली बार मजदूर खदान में घुसे थे। 3 किलो उमरांगसो में बनी इस खदान में 6 जनवरी को पानी भर गया था। जिससे वहां काम कर रहे रैट होल माइनर्स फंस गए। बाकी बचे 5 मजदूर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी जारी है। हादसे के दिन से आज तक की 6 तस्वीरें… उमरांगसो कोयला खदान में फंसे मजदूरों के नाम इस लिस्ट में दो उन लोगों के नाम भी है, जिनके शव आज मिले हैं, लेकिन पहचान नहीं हो सकी है। खदान हादसे में 2 गिरफ्तारियां, 2 पर FIR; कांग्रेस की मांग- SIT बनाएं
असम पुलिस ने खदान हादसे के सिलसिले में एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इसका नाम हनान लस्कर है। हनान को खदान मालिक ने मैनेजर बनाया था। यही मजदूरों का पेमेंट भी देखता था। घटना के तुरंत बाद हनान भाग गया था। गुरुवार रात एक तलाशी अभियान के बाद हनान को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में पुलिस ने इस मामले में पहले पुनुश नुनिसा को गिरफ्तार किया था। कांग्रेस की दिमा हसाओ यूनिट के कोम केम्पराई और पितुश लंगथासा ने उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा और उनकी पत्नी कनिका होजाई के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें गोरलोसा और होजाई की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है। दावा है कि ये दोनों खदान में अवैध खनन करवा रहे थे। वहीं लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने खदान हादसे को लेकर PM मोदी के नाम चिट्ठी लिखी है और मामले की जांच के लिए SIT बनाने की मांग की है। गौरव ने लिखा- पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए और यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। 2018 में भी मारे गए थे 15 रैट होल माइनर्स
ऐसा ही एक हादसा मेघालय की ईस्ट जयंतिया हिल्स में 2018 में हुआ था। जहां 15 मजदूर कोयला खदान में फंसकर मारे गए थे। 13 दिसंबर को इस खदान में 20 खनिक 370 फीट गहरी खदान में घुसे थे, जिसमें से 5 मजदूर पानी भरने से पहले बाहर निकल आए थे। 15 मजदूरों को बचाया नहीं जा सका था। ————————————————- खदान हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जिंदा लौटा मजदूर बोला- सुरंग में सीधा लेट गया, पानी के प्रेशर ने बाहर फेंक दिया 6 जनवरी को सुरंग में पानी भरने के बाद समझ-बूझ के चलते जिंदा लौटे मजदूर रियाज अली ने भास्कर से बात की। उसने बताया कि पानी आते ही वह सीधा लेट गया, जिससे पानी के प्रेशर ने उसे बाहर फेंक दिया। रियाज ने बताया- मैंने ऊपर वाले को याद किया और आंख बंदकर सांस रोककर सुरंग में सीधा लेट गया। कुछ ही सेकंड्स बाद सुरंग के भीतर से इतना तेजी से पानी आया कि मैं प्रेशर के साथ सुरंग से बाहर निकलकर खदान की तली पर जा गिरा। पानी में ऊपर आकर देखा तो वहां कुछ और मजदूर भी थे। हमें खदान के भीतर-बाहर लाने -ले जाने वाली क्रेन की रस्सी पास ही लटक रही थी। मैं उसे पकड़ कर बाहर आ गया। पढ़ें पूरी खबर…