
हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि डिजीटल पहल के अंतर्गत सारे देश में योजनाओं का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। क्योंकि यदि हम तकनीक के साथ नहीं चलेंगे तो दुनिया में पिछड़ जांएगें। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हरियाणा में परिवहन क्षेत्र को डिजिटलीकरण के सहारे आगे बढ़ाया जा रहा है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, ताकि लोगों को सुगम रूप से परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। विज ने कहा कि सडक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हरियाणा में फोर-ई अर्थात शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और पर्यावरण एवं आपातकाल पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। विज यहां चंडीगढ़ में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही दो दिवसीय परिवहन क्षेत्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्रालय सहित 12 राज्यों के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में केन्द्रीय मंत्रालय और एनआईसी सहित हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। भारत-इजराइल की टेक्नीक की तारीफ की परिवहन मंत्री विज ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के युद्ध और वर्तमान में ईरान व इजराइल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि आज के युग में युद्ध भी तकनीक के आधार पर लड़ा जाता है। इसका बेहतरीन नमूना हाल ही में भारत की ब्रह्मोस मिसाइल का है, जिसने पाकिस्तान में जाकर सटीक निशाने लगाए है। इसी प्रकार, ईरान में इजराइल ने तकनीक का सहारा लेते हुए ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। इसी तरह, परिवहन प्रणाली को नियंत्रित करने और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक पर पूर्णतः उतरना होगा ताकि हमें यह पता रहे कि कौन सी गाड़ी किस प्रदेश में किस जगह पर किसी स्पीड से जा रही है। ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना होगा विज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन की बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश की श्रेणी में लाना चाहते हैं और इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें तकनीक का सहारा जरूरी है। इसी प्रकार, विज ने कहा कि ई-परिवहन प्रणाली को ओर अधिक पुख्ता बनाने के लिए हमें आगे बढ़ना होगा और इस दिशा में हम अपने अनुभवों व विचारों को सांझा करके इस प्रणाली में सुधार ला सकते हैं। देश से हरियाणा की सड़क दुर्घटनाओं की तुलना की विज ने कहा कि देशभर में एक जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 तक 10 लाख से अधिक सडक दुर्घटनाएं घटित हुई हैं जबकि हरियाणा में इस अवधि के दौरान 23 हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार राज्य सड़क सुरक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग, पर्यावरण एवं आपातकाल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि परिवहन के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए शिक्षा एक जरूरी घटक है, जबकि प्रर्वतन दायित्व निर्वाह के लिए आवश्यक है। इसी प्रकार, इंजीनियरिंग गाडियों, सड़कों आदि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए आवश्यक है तथा पर्यावरण और आपातकाल को ध्यान में रखते हुए में आगे बढ़ना है। तकनीक से मानव हस्तक्षेप को खत्म होगा पिछले दिनों अखिल भारतीय परिवहन मंत्रियों की कान्फ्रेंस का जिक्र करते हुए विज ने कहा कि इस कान्फ्रेंस के दौरान परिवहन क्षेत्र में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाने का निर्णय लिया गया हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें सिस्टम को पुख्ता करने के लिए तकनीक का सहारा लेना होगा ताकि मानव हस्तक्षेप को खत्म किया जा सकें। उन्होंने अपने गृह मंत्री रहते हुए कार्यकाल में डायल 112 के क्रियान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके गृह मंत्री के कार्यकाल के दौरान डायल 112 को क्रियान्वित किया गया और लगभग आठ मिनट में डायल 112 की गाडी दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती थी, क्योंकि हमारी पहली डयूटी लोगों की जान बचाना है। इस कार्यशाला में इस प्रकार से कई बेहतरीन सुझाव आ सकते है। हरियाणा में ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा, हरियाणा सरकार ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना के अंतर्गत विभिन्न पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन में केन्द्रीय मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत हाल के वर्षों में नई सुविधाओं को शामिल किया गया है, जिसमें आधार प्रमाणित ऑनलाइन सेवाएं, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा, स्वचालित परीक्षण स्टेशन, ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट, संजया पोर्टल और सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए केशलैस योजना शामिल हैं, जिन्हें हरियाणा में लागू किया गया है। भिवानी में आईडीटीआर जल्द चालू होगी अनिल विज कहा, ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत हम व्यापक ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करके, जिम्मेदार ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि यातायात संबंधी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकें। इस उद्देश्य से राज्य के प्रत्येक जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए जाएंगें। वर्तमान में रोहतक, बहादुरगढ़ (झज्जर), करनाल और कैथल में 4 आईडीटीआर संचालित हैं। इसके अलावा, भिवानी में आईडीटीआर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और शीघ्र ही इसे चालू कर दिया जाएगा। नूंह, फरीदाबाद की आईडीटीआर के लिए आर्किटेक्ट एडवाइजर मिला इसके अलावा, नूंह और फरीदाबाद में आईडीटीआर की स्थापना के लिए एक जनरल आर्किटेक्ट एडवाइजर का चयन किया गया है और गुरुग्राम में क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (RDTC) की स्थापना के लिए संशोधित लेआउट योजना को सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। शेष जिलों में आईडीटीआर की स्थापना का कार्य विभाग के विचाराधीन है।इसी प्रकार, ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट पोर्टल केन्द्रीय मंत्रालय की एक बेहतरीन पहल है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना डेटा एकत्रित करना, उसका विश्लेषण करके उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करना और सुधारात्मक उपाय सुझाकर देश-प्रदेष में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इन दुर्घटनाओं के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए एकत्रित डेटा का विश्लेषण किया जाता है। यह पोर्टल डेटा-संचालित विश्लेषण, नीति-निर्माण और रणनीतिक योजना में सहयोग करता है। इसलिए हो रही है ये वर्कशॉप दरअसल, केंद्र सरकार ट्रांसपोर्ट विभाग की वाहन और सारथी एप के जरिए ऑनलाइन सेवाएं देती है। इन एप से सभी राज्य भी जुड़े हुए हैं। अब सरकार इन एप के जरिए लोगों को अच्छी अपग्रेड ऑनलाइन सेवाएं दे सके इस पर काम कर रही है। इसी को लेकर ये बारह राज्यों की चंडीगढ़ में दो दिवसीय वर्कशॉप रखी गई है। वाहन और सारथी भारत सरकार द्वारा संचालित दो अलग-अलग ऑनलाइन पोर्टल हैं, जो परिवहन संबंधी सेवाओं को सुव्यवस्थित और डिजिटल बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। अब यहां पढ़िए वाहन और सारथी एप के बारे में… वाहन एप क्या है? – यह एक ऐसा पोर्टल है जो मुख्य रूप से वाहन पंजीकरण, परमिट, कराधान, और फिटनेस से संबंधित सेवाओं पर केंद्रित है। – यह पोर्टल वाहन मालिकों को अपने वाहनों के विवरण देखने, पंजीकरण प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा करने, और विभिन्न प्रकार के परमिट प्राप्त करने की अनुमति देता है। – इसके अतिरिक्त, वाहन पोर्टल का उपयोग करके, उपयोगकर्ता अपने वाहन के दस्तावेजों को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं, स्वामित्व स्थानांतरित कर सकते हैं, और अन्य संबंधित सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं। सारथी एप क्या है? – सारथी पोर्टल ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सेवाओं पर केंद्रित है। – यह पोर्टल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने, परीक्षा की तिथि निर्धारित करने, ड्राइविंग लाइसेंस की स्थिति की जांच करने, और लाइसेंस नवीनीकरण जैसी सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करता है। – सारथी पोर्टल के माध्यम से, उपयोगकर्ता अपने ड्राइविंग लाइसेंस के विवरण भी देख सकते हैं और आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।
हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि डिजीटल पहल के अंतर्गत सारे देश में योजनाओं का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। क्योंकि यदि हम तकनीक के साथ नहीं चलेंगे तो दुनिया में पिछड़ जांएगें। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हरियाणा में परिवहन क्षेत्र को डिजिटलीकरण के सहारे आगे बढ़ाया जा रहा है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, ताकि लोगों को सुगम रूप से परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। विज ने कहा कि सडक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हरियाणा में फोर-ई अर्थात शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और पर्यावरण एवं आपातकाल पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। विज यहां चंडीगढ़ में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही दो दिवसीय परिवहन क्षेत्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्रालय सहित 12 राज्यों के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में केन्द्रीय मंत्रालय और एनआईसी सहित हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। भारत-इजराइल की टेक्नीक की तारीफ की परिवहन मंत्री विज ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के युद्ध और वर्तमान में ईरान व इजराइल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि आज के युग में युद्ध भी तकनीक के आधार पर लड़ा जाता है। इसका बेहतरीन नमूना हाल ही में भारत की ब्रह्मोस मिसाइल का है, जिसने पाकिस्तान में जाकर सटीक निशाने लगाए है। इसी प्रकार, ईरान में इजराइल ने तकनीक का सहारा लेते हुए ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। इसी तरह, परिवहन प्रणाली को नियंत्रित करने और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक पर पूर्णतः उतरना होगा ताकि हमें यह पता रहे कि कौन सी गाड़ी किस प्रदेश में किस जगह पर किसी स्पीड से जा रही है। ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना होगा विज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन की बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश की श्रेणी में लाना चाहते हैं और इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें तकनीक का सहारा जरूरी है। इसी प्रकार, विज ने कहा कि ई-परिवहन प्रणाली को ओर अधिक पुख्ता बनाने के लिए हमें आगे बढ़ना होगा और इस दिशा में हम अपने अनुभवों व विचारों को सांझा करके इस प्रणाली में सुधार ला सकते हैं। देश से हरियाणा की सड़क दुर्घटनाओं की तुलना की विज ने कहा कि देशभर में एक जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 तक 10 लाख से अधिक सडक दुर्घटनाएं घटित हुई हैं जबकि हरियाणा में इस अवधि के दौरान 23 हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार राज्य सड़क सुरक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग, पर्यावरण एवं आपातकाल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि परिवहन के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए शिक्षा एक जरूरी घटक है, जबकि प्रर्वतन दायित्व निर्वाह के लिए आवश्यक है। इसी प्रकार, इंजीनियरिंग गाडियों, सड़कों आदि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए आवश्यक है तथा पर्यावरण और आपातकाल को ध्यान में रखते हुए में आगे बढ़ना है। तकनीक से मानव हस्तक्षेप को खत्म होगा पिछले दिनों अखिल भारतीय परिवहन मंत्रियों की कान्फ्रेंस का जिक्र करते हुए विज ने कहा कि इस कान्फ्रेंस के दौरान परिवहन क्षेत्र में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाने का निर्णय लिया गया हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें सिस्टम को पुख्ता करने के लिए तकनीक का सहारा लेना होगा ताकि मानव हस्तक्षेप को खत्म किया जा सकें। उन्होंने अपने गृह मंत्री रहते हुए कार्यकाल में डायल 112 के क्रियान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके गृह मंत्री के कार्यकाल के दौरान डायल 112 को क्रियान्वित किया गया और लगभग आठ मिनट में डायल 112 की गाडी दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती थी, क्योंकि हमारी पहली डयूटी लोगों की जान बचाना है। इस कार्यशाला में इस प्रकार से कई बेहतरीन सुझाव आ सकते है। हरियाणा में ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा, हरियाणा सरकार ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना के अंतर्गत विभिन्न पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन में केन्द्रीय मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत हाल के वर्षों में नई सुविधाओं को शामिल किया गया है, जिसमें आधार प्रमाणित ऑनलाइन सेवाएं, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा, स्वचालित परीक्षण स्टेशन, ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट, संजया पोर्टल और सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए केशलैस योजना शामिल हैं, जिन्हें हरियाणा में लागू किया गया है। भिवानी में आईडीटीआर जल्द चालू होगी अनिल विज कहा, ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत हम व्यापक ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करके, जिम्मेदार ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि यातायात संबंधी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकें। इस उद्देश्य से राज्य के प्रत्येक जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए जाएंगें। वर्तमान में रोहतक, बहादुरगढ़ (झज्जर), करनाल और कैथल में 4 आईडीटीआर संचालित हैं। इसके अलावा, भिवानी में आईडीटीआर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और शीघ्र ही इसे चालू कर दिया जाएगा। नूंह, फरीदाबाद की आईडीटीआर के लिए आर्किटेक्ट एडवाइजर मिला इसके अलावा, नूंह और फरीदाबाद में आईडीटीआर की स्थापना के लिए एक जनरल आर्किटेक्ट एडवाइजर का चयन किया गया है और गुरुग्राम में क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (RDTC) की स्थापना के लिए संशोधित लेआउट योजना को सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। शेष जिलों में आईडीटीआर की स्थापना का कार्य विभाग के विचाराधीन है।इसी प्रकार, ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट पोर्टल केन्द्रीय मंत्रालय की एक बेहतरीन पहल है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना डेटा एकत्रित करना, उसका विश्लेषण करके उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करना और सुधारात्मक उपाय सुझाकर देश-प्रदेष में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इन दुर्घटनाओं के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए एकत्रित डेटा का विश्लेषण किया जाता है। यह पोर्टल डेटा-संचालित विश्लेषण, नीति-निर्माण और रणनीतिक योजना में सहयोग करता है। इसलिए हो रही है ये वर्कशॉप दरअसल, केंद्र सरकार ट्रांसपोर्ट विभाग की वाहन और सारथी एप के जरिए ऑनलाइन सेवाएं देती है। इन एप से सभी राज्य भी जुड़े हुए हैं। अब सरकार इन एप के जरिए लोगों को अच्छी अपग्रेड ऑनलाइन सेवाएं दे सके इस पर काम कर रही है। इसी को लेकर ये बारह राज्यों की चंडीगढ़ में दो दिवसीय वर्कशॉप रखी गई है। वाहन और सारथी भारत सरकार द्वारा संचालित दो अलग-अलग ऑनलाइन पोर्टल हैं, जो परिवहन संबंधी सेवाओं को सुव्यवस्थित और डिजिटल बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। अब यहां पढ़िए वाहन और सारथी एप के बारे में… वाहन एप क्या है? – यह एक ऐसा पोर्टल है जो मुख्य रूप से वाहन पंजीकरण, परमिट, कराधान, और फिटनेस से संबंधित सेवाओं पर केंद्रित है। – यह पोर्टल वाहन मालिकों को अपने वाहनों के विवरण देखने, पंजीकरण प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा करने, और विभिन्न प्रकार के परमिट प्राप्त करने की अनुमति देता है। – इसके अतिरिक्त, वाहन पोर्टल का उपयोग करके, उपयोगकर्ता अपने वाहन के दस्तावेजों को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं, स्वामित्व स्थानांतरित कर सकते हैं, और अन्य संबंधित सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं। सारथी एप क्या है? – सारथी पोर्टल ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सेवाओं पर केंद्रित है। – यह पोर्टल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने, परीक्षा की तिथि निर्धारित करने, ड्राइविंग लाइसेंस की स्थिति की जांच करने, और लाइसेंस नवीनीकरण जैसी सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करता है। – सारथी पोर्टल के माध्यम से, उपयोगकर्ता अपने ड्राइविंग लाइसेंस के विवरण भी देख सकते हैं और आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।