
भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था।
पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था।
पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…