
कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना को 29 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है। एनडीआरएफ की चार कोशिशों के बाद भी उसे केवल 30 फीट ही ऊपर खींचा जा सका है। बच्ची को एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) के जरिए ऊपर खींचने का प्रयास सफल नहीं हो पा रहा। कैमरे में बच्ची की मूवमेंट भी नहीं दिख रही। अब बोरवेल के पास पाइलिंग मशीन से गड्ढा खोदकर रेस्क्यू के प्रयास किए जाएंगे। इधर, बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रशासन कह रहा है कि हम मिट्टी हटा रहे हैं। अब बोल रहे हैं कि मशीन से गड्ढा खोदेंगे। अभी तक मशीन भी नहीं आई है, पता नहीं कब काम होगा। दरअसल, किरतपुरा क्षेत्र के बड़ीयाली की ढाणी की रहने वाली चेतना सोमवार दोपहर 1:50 बजे घर के पास बने बोरवेल में गिर गई थी। बीते 29 घंटे से भूखी-प्यासी चेतना पहले बोरवेल में 150 फीट पर अटकी थी। रेस्क्यू टीमें एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) के जरिए चौथे प्रयास में उसे 120 फीट तक लाने में कामयाब रही हैं। सबसे पहले जानिए- कहां हुआ हादसा 30 फीट ऊपर आई बच्ची
सोमवार रात करीब 1 बजे रिंग रॉड और अंब्रेला टेक्नीक से बच्ची को निकालने का पहला प्रयास विफल रहा। एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया- जो रिंग बच्ची को फंसाने के लिए बोरवेल में डाली थी। वो बच्ची के कपड़ों में उलझ गई थी। उस रिंग से बच्ची की बॉडी पर पकड़ नहीं बन पाई। इसके बाद देर रात तीन बजे फिर से उसे रिंग के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की गई थी। मंगलवार सुबह प्रशासनिक अधिकारियों ने बच्ची के दादा और परिवार के अन्य लोगों को रेस्क्यू से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने चेतना को हुक के जरिए बाहर खींचने की परमिशन भी परिवार से ली। इसके बाद बच्ची को बाहर खींचने में फिर वे फेल हो गए। चौथ प्रयास में उसे एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) से खींचा गया। अब तक रेस्क्यू टीमें उसे 30 फीट ऊपर खींचने में कामयाब रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी PHOTOS…
कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना को 29 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है। एनडीआरएफ की चार कोशिशों के बाद भी उसे केवल 30 फीट ही ऊपर खींचा जा सका है। बच्ची को एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) के जरिए ऊपर खींचने का प्रयास सफल नहीं हो पा रहा। कैमरे में बच्ची की मूवमेंट भी नहीं दिख रही। अब बोरवेल के पास पाइलिंग मशीन से गड्ढा खोदकर रेस्क्यू के प्रयास किए जाएंगे। इधर, बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रशासन कह रहा है कि हम मिट्टी हटा रहे हैं। अब बोल रहे हैं कि मशीन से गड्ढा खोदेंगे। अभी तक मशीन भी नहीं आई है, पता नहीं कब काम होगा। दरअसल, किरतपुरा क्षेत्र के बड़ीयाली की ढाणी की रहने वाली चेतना सोमवार दोपहर 1:50 बजे घर के पास बने बोरवेल में गिर गई थी। बीते 29 घंटे से भूखी-प्यासी चेतना पहले बोरवेल में 150 फीट पर अटकी थी। रेस्क्यू टीमें एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) के जरिए चौथे प्रयास में उसे 120 फीट तक लाने में कामयाब रही हैं। सबसे पहले जानिए- कहां हुआ हादसा 30 फीट ऊपर आई बच्ची
सोमवार रात करीब 1 बजे रिंग रॉड और अंब्रेला टेक्नीक से बच्ची को निकालने का पहला प्रयास विफल रहा। एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया- जो रिंग बच्ची को फंसाने के लिए बोरवेल में डाली थी। वो बच्ची के कपड़ों में उलझ गई थी। उस रिंग से बच्ची की बॉडी पर पकड़ नहीं बन पाई। इसके बाद देर रात तीन बजे फिर से उसे रिंग के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की गई थी। मंगलवार सुबह प्रशासनिक अधिकारियों ने बच्ची के दादा और परिवार के अन्य लोगों को रेस्क्यू से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने चेतना को हुक के जरिए बाहर खींचने की परमिशन भी परिवार से ली। इसके बाद बच्ची को बाहर खींचने में फिर वे फेल हो गए। चौथ प्रयास में उसे एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) से खींचा गया। अब तक रेस्क्यू टीमें उसे 30 फीट ऊपर खींचने में कामयाब रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी PHOTOS…