
भारत के ऑल पार्टी डेलिगेशन की अगुआई कर रहीं DMK सांसद कनिमोझी ने सोमवार को स्पेन में कहा कि भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता और विविधता है। उन्होंने कहा कि यही संदेश यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया को देने आया है। दरअसल, स्पेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उनसे पूछा गया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है। इसके जवाब में कनिमोझी ने कहा, ‘भारत की राष्ट्रीय भाषा है एकता और विविधता। यही सबसे जरूरी संदेश है जो आज दुनिया तक पहुंचाना चाहिए।’ कनिमोझी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में DMK केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शामिल तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध कर चुकी है। स्पेन के विदेश मंत्री से मुलाकात स्पेन में कनिमोझी के नेतृत्व में भारत का ‘ग्रुप-6’ डेलिगेशन स्पेन के विदेश मंत्री जोसे मैनुएल अल्बारेस से भी मिला। स्पेन में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि इस मुलाकात में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और अप्रैल 22 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत की स्थिति की जानकारी स्पेन को दी। विदेश मंत्री अल्बारेस ने कहा कि स्पेन भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई में पूरी तरह से उसके साथ खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद कभी जीत नहीं सकता और दुनिया में शांति सबसे जरूरी है। आतंकवाद पीड़ितों के संगठन से मुलाकात डेलिगेशन ने स्पेन में ‘एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म’ नाम की संस्था से भी मुलाकात की। यह संस्था दुनियाभर में आतंकवाद से पीड़ित 4,000 से ज्यादा लोगों के साथ काम करती है और उन्हें मानसिक और सामाजिक मदद देती है। इस बातचीत में भारत और स्पेन दोनों देशों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और ऐसे पीड़ितों की मदद के लिए अपनाए जा रहे तरीकों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने भारत में सीमा पार आतंकवाद से निपटने के अनुभवों को भी साझा किया। केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच भाषा विवाद जारी केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर विवाद चल रहा है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत सिफारिश की गई थी कि स्टूडेंट्स 3 भाषाएं सीख सकता है, लेकिन किसी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की आजादी है कि वे कौन-सी 3 भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। तमिलनाडु सरकार हिंदी भाषा का विरोध कर रही है। तमिलनाडु में कैसे शुरू हुआ ट्राय लैंग्वेज वॉर… 15 फरवरी: धर्मेंद्र प्रधान ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया। 18 फरवरी: उदयनिधि बोले- केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें चेन्नई में DMK की रैली में डिप्टी CM उदयनिधि स्टालिन ने कहा- धर्मेंद्र प्रधान ने खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा, जब हम ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूला स्वीकार करेंगे, लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं। जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करे। 23 फरवरी: शिक्षा मंत्री ने स्टालिन को लेटर लिखा ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा। उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की। उन्होंने लिखा, ‘किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है, लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। NEP इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है।’ 25 फरवरी: स्टालिन बोले- हम लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार हैं स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है।
भारत के ऑल पार्टी डेलिगेशन की अगुआई कर रहीं DMK सांसद कनिमोझी ने सोमवार को स्पेन में कहा कि भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता और विविधता है। उन्होंने कहा कि यही संदेश यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया को देने आया है। दरअसल, स्पेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उनसे पूछा गया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है। इसके जवाब में कनिमोझी ने कहा, ‘भारत की राष्ट्रीय भाषा है एकता और विविधता। यही सबसे जरूरी संदेश है जो आज दुनिया तक पहुंचाना चाहिए।’ कनिमोझी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में DMK केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शामिल तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध कर चुकी है। स्पेन के विदेश मंत्री से मुलाकात स्पेन में कनिमोझी के नेतृत्व में भारत का ‘ग्रुप-6’ डेलिगेशन स्पेन के विदेश मंत्री जोसे मैनुएल अल्बारेस से भी मिला। स्पेन में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि इस मुलाकात में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और अप्रैल 22 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत की स्थिति की जानकारी स्पेन को दी। विदेश मंत्री अल्बारेस ने कहा कि स्पेन भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई में पूरी तरह से उसके साथ खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद कभी जीत नहीं सकता और दुनिया में शांति सबसे जरूरी है। आतंकवाद पीड़ितों के संगठन से मुलाकात डेलिगेशन ने स्पेन में ‘एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म’ नाम की संस्था से भी मुलाकात की। यह संस्था दुनियाभर में आतंकवाद से पीड़ित 4,000 से ज्यादा लोगों के साथ काम करती है और उन्हें मानसिक और सामाजिक मदद देती है। इस बातचीत में भारत और स्पेन दोनों देशों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और ऐसे पीड़ितों की मदद के लिए अपनाए जा रहे तरीकों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने भारत में सीमा पार आतंकवाद से निपटने के अनुभवों को भी साझा किया। केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच भाषा विवाद जारी केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर विवाद चल रहा है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत सिफारिश की गई थी कि स्टूडेंट्स 3 भाषाएं सीख सकता है, लेकिन किसी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की आजादी है कि वे कौन-सी 3 भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। तमिलनाडु सरकार हिंदी भाषा का विरोध कर रही है। तमिलनाडु में कैसे शुरू हुआ ट्राय लैंग्वेज वॉर… 15 फरवरी: धर्मेंद्र प्रधान ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया। 18 फरवरी: उदयनिधि बोले- केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें चेन्नई में DMK की रैली में डिप्टी CM उदयनिधि स्टालिन ने कहा- धर्मेंद्र प्रधान ने खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा, जब हम ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूला स्वीकार करेंगे, लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं। जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करे। 23 फरवरी: शिक्षा मंत्री ने स्टालिन को लेटर लिखा ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा। उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की। उन्होंने लिखा, ‘किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है, लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। NEP इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है।’ 25 फरवरी: स्टालिन बोले- हम लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार हैं स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है।