
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फ्रीबीज मामले पर टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पास मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए पैसे हैं, लेकिन जजों की सैलरी-पेंशन देने के लिए नहीं है। राज्य सरकारों के पास उन लोगों के लिए पूरा पैसा है जो कुछ नहीं करते, लेकिन जब जजों की सैलरी की बात आती है तो वे वित्तीय संकट का बहाना बनाते हैं। जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की बेंच ने महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव में की गई घोषणाओं का जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आता है तो वे लाड़ली बहना जैसी योजनाएं लागू करने के वादे करते हैं। दिल्ली में भी कोई 2100 तो कोई 2500 रुपए देने की बात कर रहा है। यह सुनवाई ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन की तरफ 2015 में दायर की गई याचिका पर हो रही थी, जिसमें जजों की पेंशन और वेतन में सुधार की मांग की गई है। मामले की सुनवाई कल भी होगी। कोर्ट बोला- अगर सरकार कोई नोटिफिकेशन जारी करे तो बताए केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने कहा कि सरकार ने नई पेंशन स्कीम में वित्तीय दबाव को ध्यान में रखा है। साथ ही उन्होंने मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इसे खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह मामला कई सालों से लंबित है और अगर सरकार कोई नया नोटिफिकेशन जारी करती है तो वह कोर्ट को सूचित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट पहले भी चिंता जता चुका है कि देश में जिला न्यायाधीशों को मिलने वाली पेंशन दरें बहुत कम हैं। ऐसी कठिनाइयां तब भी हल नहीं होती हैं, जब जिला जजों को हाईकोर्ट में पदोन्नत किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के जज की सैलरी 2.5 लाख से ऊपर होती है
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और उनके जजों की सैलरी तो आखिरी बार 2016 में रिवाइज की गई थी। डिपार्टमेंट ऑफ चीफ जस्टिस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की महीने की सैलरी 2.80 लाख रुपए है और उनके जजों की तनख्वाह 2.50 लाख रुपए होती है। वहीं, हाईकोर्ट के जजों को हर महीने 2.25 लाख और चीफ जस्टिस को 2.50 लाख रुपए वेतन मिलता है। सुप्रीम कोर्ट के जज की 65 साल और हाईकोर्ट के जज 62 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। दिल्ली में सभी पार्टियां फ्रीबीज का ऐलान कर रहीं… AAP: आम आदमी पार्टी ने कहा कि दोबारा सत्ता में आने पर फ्री बिजली, पानी और महिलाओं को हर माह 2100 रुपए दिया जाएगा। कांग्रेस: सत्ता में आने पर कांग्रेस ने दिल्ली में 400 यूनिट फ्री बिजली और महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपए देने का वादा किया है। भाजपा: दिल्ली के लिए पार्टी ने अभी तक घोषणा पत्र जारी नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा कि भाजपा 300 यूनिट फ्री बिजली देने का ऐलान कर सकती है। साथ ही महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी महिलाओं को हर महीने पैसा देने का वादा कर सकती है। ———————————————————————– सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें …. सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन-फ्लिपकार्ट से जुड़े मामले हाईकोर्ट भेजे, सभी केस एक जैसे इसलिए सुनवाई एक जगह सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर देश की अलग-अलग कोर्ट में चल रहे मार्केट कॉम्पिटिशन के नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में शामिल सब्जेक्ट मैटर वहीं है जिस पर कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच सुनवाई कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फ्रीबीज मामले पर टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पास मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए पैसे हैं, लेकिन जजों की सैलरी-पेंशन देने के लिए नहीं है। राज्य सरकारों के पास उन लोगों के लिए पूरा पैसा है जो कुछ नहीं करते, लेकिन जब जजों की सैलरी की बात आती है तो वे वित्तीय संकट का बहाना बनाते हैं। जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की बेंच ने महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव में की गई घोषणाओं का जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आता है तो वे लाड़ली बहना जैसी योजनाएं लागू करने के वादे करते हैं। दिल्ली में भी कोई 2100 तो कोई 2500 रुपए देने की बात कर रहा है। यह सुनवाई ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन की तरफ 2015 में दायर की गई याचिका पर हो रही थी, जिसमें जजों की पेंशन और वेतन में सुधार की मांग की गई है। मामले की सुनवाई कल भी होगी। कोर्ट बोला- अगर सरकार कोई नोटिफिकेशन जारी करे तो बताए केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने कहा कि सरकार ने नई पेंशन स्कीम में वित्तीय दबाव को ध्यान में रखा है। साथ ही उन्होंने मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इसे खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह मामला कई सालों से लंबित है और अगर सरकार कोई नया नोटिफिकेशन जारी करती है तो वह कोर्ट को सूचित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट पहले भी चिंता जता चुका है कि देश में जिला न्यायाधीशों को मिलने वाली पेंशन दरें बहुत कम हैं। ऐसी कठिनाइयां तब भी हल नहीं होती हैं, जब जिला जजों को हाईकोर्ट में पदोन्नत किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के जज की सैलरी 2.5 लाख से ऊपर होती है
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और उनके जजों की सैलरी तो आखिरी बार 2016 में रिवाइज की गई थी। डिपार्टमेंट ऑफ चीफ जस्टिस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की महीने की सैलरी 2.80 लाख रुपए है और उनके जजों की तनख्वाह 2.50 लाख रुपए होती है। वहीं, हाईकोर्ट के जजों को हर महीने 2.25 लाख और चीफ जस्टिस को 2.50 लाख रुपए वेतन मिलता है। सुप्रीम कोर्ट के जज की 65 साल और हाईकोर्ट के जज 62 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। दिल्ली में सभी पार्टियां फ्रीबीज का ऐलान कर रहीं… AAP: आम आदमी पार्टी ने कहा कि दोबारा सत्ता में आने पर फ्री बिजली, पानी और महिलाओं को हर माह 2100 रुपए दिया जाएगा। कांग्रेस: सत्ता में आने पर कांग्रेस ने दिल्ली में 400 यूनिट फ्री बिजली और महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपए देने का वादा किया है। भाजपा: दिल्ली के लिए पार्टी ने अभी तक घोषणा पत्र जारी नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा कि भाजपा 300 यूनिट फ्री बिजली देने का ऐलान कर सकती है। साथ ही महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी महिलाओं को हर महीने पैसा देने का वादा कर सकती है। ———————————————————————– सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें …. सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन-फ्लिपकार्ट से जुड़े मामले हाईकोर्ट भेजे, सभी केस एक जैसे इसलिए सुनवाई एक जगह सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर देश की अलग-अलग कोर्ट में चल रहे मार्केट कॉम्पिटिशन के नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में शामिल सब्जेक्ट मैटर वहीं है जिस पर कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच सुनवाई कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…