
बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंगलवार को चंडीगढ़ कूच की कोशिश की। कौमी इंसाफ मोर्चे के 2 साल पूरे होने पर मोहाली में कार्यक्रम रखा गया था। इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस को चकमा देकर चंडीगढ़ में घुस गए। चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर और अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को सेक्टर-43 में रोक लिया। पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने के SHO जयवीर राणा समेत 3 कर्मी घायल हुए हैं। 4 बसों में भरकर प्रदर्शनकारियों को थाने ले जाया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने लौटने का ऐलान किया। प्रदर्शनकारी दोबारा कूच न करें, इसलिए पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर 5 लेयर बैरिकेडिंग की है। साथ ही पत्थरों से भरे टिप्पर भी खड़े किए गए हैं। मोर्चे के नेता बाबा शेर सिंह ने कहा- ’25 जनवरी को मोहाली में महापंचायत होगी, जिसमें बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा उठाया जाएगा। महापंचायत में देशभर से बड़े नेता पहुंचेंगे।’ उधर, खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह के माता-पिता को हाउस अरेस्ट किया गया है। उनके अलावा फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा, संगरूर से पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान को उनके घरों में नजरबंद किया गया है। तीनों कौमी इंसाफ मोर्चे के धरने में शामिल होने वाले थे। प्रदर्शन और हाउस अरेस्ट की तस्वीरें… अमृतपाल के पिता बोले- पूरे गांव में फोर्स तैनात की
नजरबंद होने के बाद सांसद अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने वीडियो जारी कर कहा- कौमी इंसाफ मोर्चा का दूसरा साल है, वहां पर बहुत बड़ा समागम हो रहा है। हमें उसमें शामिल होना था, लेकिन कल रात से ही पूरे गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। गांव की घेराबंदी की जा रही है, गांव में भी आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। भगवंत मान सरकार लोगों को अपना गुस्सा जाहिर करने का अधिकार न देकर लोकतंत्र को खत्म कर रही है। ये बहुत ही शर्मनाक बात है। जब भी लोग किसी मुद्दे पर बात करने के लिए एक साथ आते हैं, तो उन्हें रोकना नहीं चाहिए। तरसेम सिंह ने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में मोर्चे पर पहुंचकर उनका समर्थन करें तथा जेल में बंद हमारे सिखों के अधिकारों की रक्षा करें। गोल्डन टेंपल में किया था नई पार्टी बनाने का ऐलान
वारिस पंजाब दे संगठन की चौथी सालगिरह पर 28 सितंबर 2024 को अमृतपाल सिंह का परिवार गोल्डन टेंपल में माथा टेकने पहुंचा था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के साथ नतमस्तक होने के बाद तरसेम सिंह ने कहा था कि पंजाब के लोग राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक तौर पर बेहद नाजुक हालातों से गुजर रहे हैं। इसीलिए उन्होंने अरदास की है कि वे एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। तरसेम सिंह ने कहा था कि दिल्ली बैठे नेता जो चाहते हैं, वो कर रहे हैं। हो सकता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी बदल दिया जाए, फिर चाहे उनकी सेहत का ही बहाना क्यों न लगाया जाए। पंजाब की जवानी को बचाने के लिए ही पार्टी बनाने का ऐलान किया गया है, क्योंकि अगर पंजाब की जवानी बचेगी, तो ही संविधान और एजेंडे बन पाएंगे। सभी धर्मों की पार्टी होगी ओर जात-पात से ऊपर उठकर काम किया जाएगा। 7 जनवरी 2023 से चल रहा कौमी इंसाफ मोर्चे का धरना
चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर 7 जनवरी 2023 से कौमी इंसाफ मोर्चे का प्रदर्शन चल रहा है। इस मोर्चे की मांग है कि देश की जेलों में बंद उन सिखों को रिहा किया जाए, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। हालांकि इन बंदी सिखों पर आतंकवाद और बम धमाके जैसे संगीन केस भी हैं। इसके अलावा मोर्चा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को सजा देने की भी मांग कर रहा है। पिछले साल मोहाली के फेज-8 स्थित अंब साहिब गुरुद्वारा से लेकर इन्होंने चंडीगढ़ की तरफ कूच किया था, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद उन्होंने मोहाली के YPS चौक पर पक्का मोर्चा लगा दिया। दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे के चीफ बने
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में प्रमुख आरोपी था। इस संगठन का मकसद- युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। वह 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली में हुए आंदोलन का भी हिस्सा रहे। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटे तो उन्हें वारिस पंजाब दे का चीफ बनाया गया। करीब 2 लाख वोट से चुनाव जीते थे अमृतपाल अमृतपाल ने साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,210 वोट से हराया। अमृतपाल सिंह को 4,04,430 वोट मिले, जबकि कुलबीर जीरा को 2,07,310 वोट मिले। ****************
अमृतपाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- अमृतपाल 6 महीने से सांसद, लेकिन PA तक नहीं मिला:पिता बोले- 5 करोड़ फंड, एक रुपया खर्च नहीं कर पाए, बस लेटर लिख रहे सांसद अमृतपाल सिंह के पिता ने कहा कि अमृतपाल को सांसद बने 6 महीने हो गए। अब तक उसे कोई अथॉरिटी नहीं मिली। सांसद के पास 5 करोड़ का फंड होता है, हम एक रुपए का काम नहीं करा पा रहे। कम से कम एक पर्सनल असिस्टेंट ही अपॉइंट हो जाए, जो सांसद की तरफ से लोगों की समस्या सुन सके। पढ़ें पूरी खबर
बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंगलवार को चंडीगढ़ कूच की कोशिश की। कौमी इंसाफ मोर्चे के 2 साल पूरे होने पर मोहाली में कार्यक्रम रखा गया था। इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस को चकमा देकर चंडीगढ़ में घुस गए। चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर और अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को सेक्टर-43 में रोक लिया। पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने के SHO जयवीर राणा समेत 3 कर्मी घायल हुए हैं। 4 बसों में भरकर प्रदर्शनकारियों को थाने ले जाया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने लौटने का ऐलान किया। प्रदर्शनकारी दोबारा कूच न करें, इसलिए पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर 5 लेयर बैरिकेडिंग की है। साथ ही पत्थरों से भरे टिप्पर भी खड़े किए गए हैं। मोर्चे के नेता बाबा शेर सिंह ने कहा- ’25 जनवरी को मोहाली में महापंचायत होगी, जिसमें बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा उठाया जाएगा। महापंचायत में देशभर से बड़े नेता पहुंचेंगे।’ उधर, खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह के माता-पिता को हाउस अरेस्ट किया गया है। उनके अलावा फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा, संगरूर से पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान को उनके घरों में नजरबंद किया गया है। तीनों कौमी इंसाफ मोर्चे के धरने में शामिल होने वाले थे। प्रदर्शन और हाउस अरेस्ट की तस्वीरें… अमृतपाल के पिता बोले- पूरे गांव में फोर्स तैनात की
नजरबंद होने के बाद सांसद अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने वीडियो जारी कर कहा- कौमी इंसाफ मोर्चा का दूसरा साल है, वहां पर बहुत बड़ा समागम हो रहा है। हमें उसमें शामिल होना था, लेकिन कल रात से ही पूरे गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। गांव की घेराबंदी की जा रही है, गांव में भी आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। भगवंत मान सरकार लोगों को अपना गुस्सा जाहिर करने का अधिकार न देकर लोकतंत्र को खत्म कर रही है। ये बहुत ही शर्मनाक बात है। जब भी लोग किसी मुद्दे पर बात करने के लिए एक साथ आते हैं, तो उन्हें रोकना नहीं चाहिए। तरसेम सिंह ने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में मोर्चे पर पहुंचकर उनका समर्थन करें तथा जेल में बंद हमारे सिखों के अधिकारों की रक्षा करें। गोल्डन टेंपल में किया था नई पार्टी बनाने का ऐलान
वारिस पंजाब दे संगठन की चौथी सालगिरह पर 28 सितंबर 2024 को अमृतपाल सिंह का परिवार गोल्डन टेंपल में माथा टेकने पहुंचा था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के साथ नतमस्तक होने के बाद तरसेम सिंह ने कहा था कि पंजाब के लोग राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक तौर पर बेहद नाजुक हालातों से गुजर रहे हैं। इसीलिए उन्होंने अरदास की है कि वे एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। तरसेम सिंह ने कहा था कि दिल्ली बैठे नेता जो चाहते हैं, वो कर रहे हैं। हो सकता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी बदल दिया जाए, फिर चाहे उनकी सेहत का ही बहाना क्यों न लगाया जाए। पंजाब की जवानी को बचाने के लिए ही पार्टी बनाने का ऐलान किया गया है, क्योंकि अगर पंजाब की जवानी बचेगी, तो ही संविधान और एजेंडे बन पाएंगे। सभी धर्मों की पार्टी होगी ओर जात-पात से ऊपर उठकर काम किया जाएगा। 7 जनवरी 2023 से चल रहा कौमी इंसाफ मोर्चे का धरना
चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर 7 जनवरी 2023 से कौमी इंसाफ मोर्चे का प्रदर्शन चल रहा है। इस मोर्चे की मांग है कि देश की जेलों में बंद उन सिखों को रिहा किया जाए, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। हालांकि इन बंदी सिखों पर आतंकवाद और बम धमाके जैसे संगीन केस भी हैं। इसके अलावा मोर्चा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को सजा देने की भी मांग कर रहा है। पिछले साल मोहाली के फेज-8 स्थित अंब साहिब गुरुद्वारा से लेकर इन्होंने चंडीगढ़ की तरफ कूच किया था, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद उन्होंने मोहाली के YPS चौक पर पक्का मोर्चा लगा दिया। दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे के चीफ बने
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में प्रमुख आरोपी था। इस संगठन का मकसद- युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। वह 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली में हुए आंदोलन का भी हिस्सा रहे। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटे तो उन्हें वारिस पंजाब दे का चीफ बनाया गया। करीब 2 लाख वोट से चुनाव जीते थे अमृतपाल अमृतपाल ने साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,210 वोट से हराया। अमृतपाल सिंह को 4,04,430 वोट मिले, जबकि कुलबीर जीरा को 2,07,310 वोट मिले। ****************
अमृतपाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- अमृतपाल 6 महीने से सांसद, लेकिन PA तक नहीं मिला:पिता बोले- 5 करोड़ फंड, एक रुपया खर्च नहीं कर पाए, बस लेटर लिख रहे सांसद अमृतपाल सिंह के पिता ने कहा कि अमृतपाल को सांसद बने 6 महीने हो गए। अब तक उसे कोई अथॉरिटी नहीं मिली। सांसद के पास 5 करोड़ का फंड होता है, हम एक रुपए का काम नहीं करा पा रहे। कम से कम एक पर्सनल असिस्टेंट ही अपॉइंट हो जाए, जो सांसद की तरफ से लोगों की समस्या सुन सके। पढ़ें पूरी खबर