कठुआ, 07 जनवरी,वार्ड नंबर 17 में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य पुलिस की निगरानी में किया गया, जो इस बात का संकेत है कि यह काम किसी चुनौतीपूर्ण या विरोध की स्थिति में हो रहा था। स्मार्ट मीटर लगाना एक महत्वपूर्ण कदम है जो बिजली की खपत को मॉनिटर करने और अधिक पारदर्शिता व कुशलता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। हालांकि, पुलिस पहरे के बीच ऐसा कार्य किया जाना यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर इसके प्रति कुछ विरोध या असहमति हो सकती है।

स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में असंतोष और विरोध के पीछे कई कारण हो सकते हैं, और प्रशासन की ओर से इसे जबरदस्ती लागू करना स्थिति को और अधिक जटिल बना देता है। कठुआ के नागरिकों द्वारा जताई गई नाराजगी इस बात का संकेत है कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में आम जनता को विश्वास में नहीं लिया गया।

लोगों की नाराजगी के संभावित कारण:
- स्मार्ट मीटर की पारदर्शिता पर सवाल:
- कई बार लोगों को लगता है कि स्मार्ट मीटर बिजली खपत का गलत हिसाब दिखाते हैं और इससे उनके बिल अचानक बढ़ जाते हैं।
- स्थानीय भेदभाव का आरोप:
- लोगों की मांग है कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम वार्ड वाइज किया जाए, ताकि सभी क्षेत्रों में समान रूप से यह प्रक्रिया लागू हो।
- “पिक और चुस्की पालिसी” (Pick and Choose Policy) का आरोप यह दर्शाता है कि कुछ वार्डों को प्राथमिकता दी गई, जबकि अन्य में देरी हो रही है।
- जबरदस्ती मीटर लगाने का विरोध:
- लोगों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी सहमति के बिना जबरदस्ती मीटर लगाए, जिससे उनका भरोसा टूट गया।
