
सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को रिहा कर दिया गया। एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से प्रोफेसर को सशर्त जमानत मिली थी। गुरुवार को करीब 4 बजे उनके वकील कागजात लेकर सोनीपत जेल में जमा करने गए। उसके बाद उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया। कुछ देर बाद अली खान के वकील को बुलाया गया। 4:56 पर अली खान को जेल से बाहर निकाला गया और फिर उत्तर प्रदेश नंबर की कार में बैठाकर ले जाया गया। जेल के मुख्य गेट से गाड़ी स्पीड में दौड़ाई गई। प्रोफेसर को जिस कार में ले जाया गया, उसके आगे-पीछे 2 गाड़ियां चल रही थीं। इस दौरान सोनीपत बस स्टैंड के पास देवीलाल चौक पर आगे चल रही गाड़ी ने स्कूटी सवार को टक्कर मार दी, जिसमें स्कूटी सवार महिला बाल-बाल बच गई। प्रोफेसर अली खान पर 2 FIR दर्ज हुई थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए DGP हरियाणा से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर पर कोई भी कमेंट नहीं करेंगे
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान महमूदाबाद ऑपरेशन सिंदूर और भारत में हुए आतंकी हमलों या जवाबी एक्शन के बारे में कोई भी कमेंट नहीं करेंगे, न ही कोई स्पीच नहीं देंगे। कोर्ट ने महमूदाबाद के खिलाफ जांच रोकने से भी इनकार कर दिया। केस की जांच के लिए कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर 3 IPS अफसरों की SIT बनाने के आदेश दिए, जिसमें एक महिला अधिकारी शामिल होगी। साथ ही हरियाणा और दिल्ली का कोई अधिकारी शामिल नहीं होगा। कोर्ट ने महमूदाबाद को पासपोर्ट सरेंडर करने और जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं। 3 पॉइंट में प्रोफेसर की विवादित पोस्ट और गिरफ्तारी की कहानी… हरियाणा के DGP से रिपोर्ट तलब
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के मामले का संज्ञान लिया है। आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया कि प्रोफेसर की गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में 20 मई, 2025 की एक समाचार रिपोर्ट मिली है। इसमें आयोग ने पाया है कि प्रोफेसर के मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है। इसलिए, आयोग ने रिपोर्ट की घटना का स्वतः संज्ञान लेने के लिए इसे उपयुक्त मामला माना। साथ ही हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। प्रोफेसर ने पोस्ट में ये बातें लिखीं…
सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को रिहा कर दिया गया। एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से प्रोफेसर को सशर्त जमानत मिली थी। गुरुवार को करीब 4 बजे उनके वकील कागजात लेकर सोनीपत जेल में जमा करने गए। उसके बाद उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया। कुछ देर बाद अली खान के वकील को बुलाया गया। 4:56 पर अली खान को जेल से बाहर निकाला गया और फिर उत्तर प्रदेश नंबर की कार में बैठाकर ले जाया गया। जेल के मुख्य गेट से गाड़ी स्पीड में दौड़ाई गई। प्रोफेसर को जिस कार में ले जाया गया, उसके आगे-पीछे 2 गाड़ियां चल रही थीं। इस दौरान सोनीपत बस स्टैंड के पास देवीलाल चौक पर आगे चल रही गाड़ी ने स्कूटी सवार को टक्कर मार दी, जिसमें स्कूटी सवार महिला बाल-बाल बच गई। प्रोफेसर अली खान पर 2 FIR दर्ज हुई थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए DGP हरियाणा से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर पर कोई भी कमेंट नहीं करेंगे
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान महमूदाबाद ऑपरेशन सिंदूर और भारत में हुए आतंकी हमलों या जवाबी एक्शन के बारे में कोई भी कमेंट नहीं करेंगे, न ही कोई स्पीच नहीं देंगे। कोर्ट ने महमूदाबाद के खिलाफ जांच रोकने से भी इनकार कर दिया। केस की जांच के लिए कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर 3 IPS अफसरों की SIT बनाने के आदेश दिए, जिसमें एक महिला अधिकारी शामिल होगी। साथ ही हरियाणा और दिल्ली का कोई अधिकारी शामिल नहीं होगा। कोर्ट ने महमूदाबाद को पासपोर्ट सरेंडर करने और जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं। 3 पॉइंट में प्रोफेसर की विवादित पोस्ट और गिरफ्तारी की कहानी… हरियाणा के DGP से रिपोर्ट तलब
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के मामले का संज्ञान लिया है। आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया कि प्रोफेसर की गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में 20 मई, 2025 की एक समाचार रिपोर्ट मिली है। इसमें आयोग ने पाया है कि प्रोफेसर के मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है। इसलिए, आयोग ने रिपोर्ट की घटना का स्वतः संज्ञान लेने के लिए इसे उपयुक्त मामला माना। साथ ही हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। प्रोफेसर ने पोस्ट में ये बातें लिखीं…