
बिहार में 40 डिग्री से ज्यादा टेम्प्रेचर होने पर महिलाओं को 300 रुपए दिए जाएंगे। खेत में काम करने से लेकर सिलाई-कढ़ाई और मजदूरी करने वाली महिलाएं तक इस स्कीम का फायदा उठा सकती हैं। इसके लिए शर्त बस इतनी है कि महिलाओं को हीट वेव इंश्योरेंस कराना होगा। बिहार में पहली बार इस योजना को ट्रेड यूनियन संगठन SEWA यानी ‘सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेन एसोसिएशन’ शुरू कर रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 8 जिले पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, बांका, कटिहार, पूर्णिया और सीवान चुने गए हैं। संगठन ने पहले साल बिहार की डेढ़ लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। बाद में इसे प्रदेश के बाकी जिलों में भी बढ़ाया जाएगा। सदस्यता लेने पर ही फायदा Sewa की सदस्यता लेने के बाद ही हीट वेव इंश्योरेंस के तहत 300 रुपए का फायदा मिलेगा। सदस्यता लेने के बाद इंश्योरेंस के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान आधार कार्ड के साथ 300 रुपए की फीस देनी होगी। शुल्क के रूप में अदा की गई 300 रुपए की राशि एक महीने बाद 100 रुपए इंसेंटिव के साथ 400 रुपए के रूप में वापस की जाएगी। पारा 40 के पार जाते ही खाते में आएगा पैसा हर महीने 40 डिग्री से ऊपर तापमान वाले दिनों की गणना कर महिलाओं के खाते में प्रतिदिन 300 रुपए के हिसाब से राशि डाली जाएगी। ट्रेड यूनियन खुद ही मौसम विभाग या अन्य आंकड़ों के आधार पर अधिकतम तापमान की गणना कर महिलाओं के खाते में राशि डाल देगा। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल बिहार के जिलों में 10 दिन से अधिक तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है। इस हिसाब से हीट वेव इंश्योरेंस के तहत कवर्ड महिलाओं को तीन हजार रुपए से अधिक का फायदा हो सकता है। 50 हजार महिलाएं उठा चुकी हैं लाभ हीट वेव इंश्योरेंस की शुरुआत 2024 में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में पायलट प्रोजेक्ट के तहत की गई थी। तब इन राज्यों की 50 हजार महिलाओं को हीट वेव इंश्योरेंस से जोड़ा गया था। इससे जुड़ी महिलाओं को 1600 से दो हजार रुपए तक मिले थे। इस साल बिहार के साथ ही यूपी, असम और जम्मू-कश्मीर राज्यों को भी इस इंश्योरेंस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। बिहार में अधिकतम तापमान का अलग-अलग पैरामीटर सामान्य तौर पर 40 डिग्री से अधिक तापमान की स्थिति में महिलाओं को हीट वेव इंश्योरेंस से कवर करने की योजना है। लेकिन बिहार के लिए चुने गए हर जिले में अधिकतम तापमान के लिए अलग-अलग मानदंड रखे गए हैं। उस लाल निशान को पार करने के दिन ही इंश्योरेंस की सुविधा मिलेगी। जलवाय़ु परिवर्तन के कारण कम हो जाती आमदनी जलवायु परिवर्तन यानी तेज गर्मी अथवा कम बारिश के कारण छोटे-मोटे काम कर जीवन यापन करने वाली महिलाओं की आमदनी कम हो जाती है। क्योंकि ऐसे मौके पर वे या तो काम नहीं कर पाती हैं या काम करने करने के कारण बीमार पड़ जाती हैं। ऐसे में महिलाओं पर खर्च की और अधिक मार पड़ती है। खासकर खुले में काम करने वाली या सड़क किनारे रेहड़ी आदि लगाने वाली महिलाओं को इसे लेकर काफी झेलना पड़ता है। ऐसी ही महिलाओं को राहत देने के लिए ‘सेवा’ ने अंतरराष्ट्रीय संस्था सीआरए यानी क्लाइमेट रिजिलिएंस फॉर ऑल की मदद से यह परियोजना शुरू की है। सीआरए हीट वेव इंश्योरेंस में मदद के लिए राशि क्राउड फंडिंग या चंदे के जरिए जुटाता है। 1972 में Sewa की हुई थी शुरुआत प्रसिद्ध गांधीवादी इला भट्ट छोटे-मोटे काम कर गुजारा करने वाली असंगठित क्षेत्र की महिला कामगारों के लिए 1972 में सेल्फ एप्लायड वीमेन एसोसिएशन-Sewa नामक मजदूर संगठन की शुरुआत की थी। अभी इस संगठन से देशभर में 30 लाख महिलाएं जुड़ी हैं।
बिहार में 40 डिग्री से ज्यादा टेम्प्रेचर होने पर महिलाओं को 300 रुपए दिए जाएंगे। खेत में काम करने से लेकर सिलाई-कढ़ाई और मजदूरी करने वाली महिलाएं तक इस स्कीम का फायदा उठा सकती हैं। इसके लिए शर्त बस इतनी है कि महिलाओं को हीट वेव इंश्योरेंस कराना होगा। बिहार में पहली बार इस योजना को ट्रेड यूनियन संगठन SEWA यानी ‘सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेन एसोसिएशन’ शुरू कर रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 8 जिले पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, बांका, कटिहार, पूर्णिया और सीवान चुने गए हैं। संगठन ने पहले साल बिहार की डेढ़ लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। बाद में इसे प्रदेश के बाकी जिलों में भी बढ़ाया जाएगा। सदस्यता लेने पर ही फायदा Sewa की सदस्यता लेने के बाद ही हीट वेव इंश्योरेंस के तहत 300 रुपए का फायदा मिलेगा। सदस्यता लेने के बाद इंश्योरेंस के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान आधार कार्ड के साथ 300 रुपए की फीस देनी होगी। शुल्क के रूप में अदा की गई 300 रुपए की राशि एक महीने बाद 100 रुपए इंसेंटिव के साथ 400 रुपए के रूप में वापस की जाएगी। पारा 40 के पार जाते ही खाते में आएगा पैसा हर महीने 40 डिग्री से ऊपर तापमान वाले दिनों की गणना कर महिलाओं के खाते में प्रतिदिन 300 रुपए के हिसाब से राशि डाली जाएगी। ट्रेड यूनियन खुद ही मौसम विभाग या अन्य आंकड़ों के आधार पर अधिकतम तापमान की गणना कर महिलाओं के खाते में राशि डाल देगा। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल बिहार के जिलों में 10 दिन से अधिक तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है। इस हिसाब से हीट वेव इंश्योरेंस के तहत कवर्ड महिलाओं को तीन हजार रुपए से अधिक का फायदा हो सकता है। 50 हजार महिलाएं उठा चुकी हैं लाभ हीट वेव इंश्योरेंस की शुरुआत 2024 में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में पायलट प्रोजेक्ट के तहत की गई थी। तब इन राज्यों की 50 हजार महिलाओं को हीट वेव इंश्योरेंस से जोड़ा गया था। इससे जुड़ी महिलाओं को 1600 से दो हजार रुपए तक मिले थे। इस साल बिहार के साथ ही यूपी, असम और जम्मू-कश्मीर राज्यों को भी इस इंश्योरेंस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। बिहार में अधिकतम तापमान का अलग-अलग पैरामीटर सामान्य तौर पर 40 डिग्री से अधिक तापमान की स्थिति में महिलाओं को हीट वेव इंश्योरेंस से कवर करने की योजना है। लेकिन बिहार के लिए चुने गए हर जिले में अधिकतम तापमान के लिए अलग-अलग मानदंड रखे गए हैं। उस लाल निशान को पार करने के दिन ही इंश्योरेंस की सुविधा मिलेगी। जलवाय़ु परिवर्तन के कारण कम हो जाती आमदनी जलवायु परिवर्तन यानी तेज गर्मी अथवा कम बारिश के कारण छोटे-मोटे काम कर जीवन यापन करने वाली महिलाओं की आमदनी कम हो जाती है। क्योंकि ऐसे मौके पर वे या तो काम नहीं कर पाती हैं या काम करने करने के कारण बीमार पड़ जाती हैं। ऐसे में महिलाओं पर खर्च की और अधिक मार पड़ती है। खासकर खुले में काम करने वाली या सड़क किनारे रेहड़ी आदि लगाने वाली महिलाओं को इसे लेकर काफी झेलना पड़ता है। ऐसी ही महिलाओं को राहत देने के लिए ‘सेवा’ ने अंतरराष्ट्रीय संस्था सीआरए यानी क्लाइमेट रिजिलिएंस फॉर ऑल की मदद से यह परियोजना शुरू की है। सीआरए हीट वेव इंश्योरेंस में मदद के लिए राशि क्राउड फंडिंग या चंदे के जरिए जुटाता है। 1972 में Sewa की हुई थी शुरुआत प्रसिद्ध गांधीवादी इला भट्ट छोटे-मोटे काम कर गुजारा करने वाली असंगठित क्षेत्र की महिला कामगारों के लिए 1972 में सेल्फ एप्लायड वीमेन एसोसिएशन-Sewa नामक मजदूर संगठन की शुरुआत की थी। अभी इस संगठन से देशभर में 30 लाख महिलाएं जुड़ी हैं।