
मंथली वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार एसीबी के एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा से पूछताछ के बाद 50 से ज्यादा अधिकारी रडार पर हैं। ये वो लोग हैं, जो एएसपी को मंथली के तौर पर घूस पहुंचाते थे। एसीबी ने ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर ली है। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि एएसपी को ट्रैप करने के लिए उस दिन जानबूझकर मुख्यालय में मीटिंग रखवाई गई थी, ताकि आरोपी भाग नहीं सके। अब मंथली देने वाले अधिकारी-कर्मचारी आए रडार पर एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उन विभागों के अधिकारियों की लिस्ट तैयार की है, जो आरोपी एएसपी व उसके दलालों को मंथली रिश्वत दे रहे थे। एसीबी की मानें तो अब तक सवाईमाधोपुर के 50 अधिकारी एजेंसी की रडार पर हैं, जिन्होंने एएसपी सुरेंद्र के साथ मिलीभगत की है और रिश्वत दी है। एजेंसी को अवैध खनन माफिया से भी वसूली के सबूत मिले हैं। एसीबी के मुताबिक, सुरेंद्र शर्मा की कॉल रिकॉर्डिंग खंगाली गई है। उसके आधार पर अधिकारियों के नाम और रिश्वत के पैसों की डिटेल पता चली है। अब उसी आधार पर सवाल तैयार किए जा रहे हैं। एएसपी को रिश्वत क्यों दी? रिश्वत की राशि कहां से लाए? एसीबी ऐसे सवाल विभागों के अधिकारियों से पूछ सकती है। तबादला हुआ पर बंधी नहीं छोड़ी एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि आरोपी एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा एसीबी की सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी पर तैनात थे। उनके खिलाफ शिकायतें मिलने पर उन्हें 6 मई को सवाईमाधोपुर से हटाकर एसीबी मुख्यालय में लगाया। इसके बावजूद एएसपी मुख्यालय में बैठकर दलालों के जरिए वसूली कर रहे थे। रिश्वत के रुपयों को लेकर सुरेंद्र शर्मा कितना बेचैन रहता था। इसका सबूत एसीबी की रिकॉर्डिंग में सामने आया है। एएसपी ने 9 जनवरी 2025 की सुबह दलाल रामराज के फोन से प्रदीप उर्फ बंटी से कहा था- ‘जल्दी मेरा सामान लेकर आना।’ दलाल के फोन से खुला एएसपी का नेटवर्क डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी को सवाईमाधोपुर में दलाल के जरिए विभिन्न विभागों से उगाही करने का इनपुट मिला था। उस समय अंदाजा नहीं था कि उसके तार कहां-कहां जुड़े हैं। इस पर एसीबी ने दलाल रामराज मीणा के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा, लेकिन उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी। जब रिकॉर्डिंग सुनी गई तो दलाल रामराज मीणा के जरिए मंथली वसूली की पूरी कहानी सामने आई। दलाल रामराज एसीबी के एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा के लिए ही उगाही करने के साथ-साथ उनके नाम पर धमकाने का भी काम कर रहा था। अलग-अलग विभागों में कर्मचारी-अधिकारियों को संरक्षण देने की बात कहकर डिमांड व वसूली के लिए फोन करता था। बातचीत से ये साबित भी हुआ है। ट्रैप के लिए एसीबी मुख्यालय में रखवाई गई थी 2 अर्जेंट मीटिंग एएसपी सुरेंद्र शर्मा के पास एसीबी मुख्यालय का कार्यभार होने के कारण मीटिंग की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी थी। एसीबी के सूत्रों ने बताया कि उस दिन एसीबी कार्रवाई से अनजान सुरेंद्र शर्मा मीटिंग की तैयारियों में व्यस्त था। जबकि एसीबी की एक टीम उस पर नजर रखे हुए थी। सुरेंद्र शर्मा मुख्यालय से बाहर नहीं चला जाए इसके लिए सोमवार को दो अन्य मीटिंग होने की जानकारी देकर रोका गया। इसके बाद एएसपी को बुलाकर उनका फोन लिया और एक चैंबर में बैठा दिया गया। इससे पहले एएसपी सुरेंद्र शर्मा ने एसीबी स्टाफ को बताया था कि वह 4 जून को पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने मुंबई जाएगा। इस दौरान कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने और दो महीने बाद रिटायर होने की बात कही थी। लेकिन कार्रवाई के बाद हिरासत में लिए जाने पर वे उन्हीं कर्मचारियों से नजरें चुराते नजर आए। ऐसा कोई विभाग नहीं, जिसे धमकाया न हो एएसपी सुरेंद्र शर्मा 2022 से सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी पर तैनात थे। एक साल में ही दलालों के जरिए मंथली वसूली का नेटवर्क तैयार कर लिया। दलाल विभागों के अधिकारियों पर नजर रखते और लेन-देन होने पर उसकी सूचना एएसपी को देते थे। एएसपी के दलालों के निशाने पर परिवहन, पुलिस, वन और ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी रहते थे। दलाल रामराज मीणा और प्रदीप उर्फ बंटी पारीक की धमकाने की कई रिकॉर्डिंग एसीबी के पास मौजूद हैं। पुलिस चौकी पर तैनात इंस्पेक्टर विवेक सोनी को दो दिन पहले हटा दिया। जांच में विवेक सोनी की भूमिका संदिग्ध आने के बाद बुधवार रात को उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी डीजी ने बताया कि सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी से लगातार आ रही शिकायतों के बाद अन्य स्टाफ को भी बदला जाएगा। एसीबी के पास ठोस सबूत- डीजी मेहरड़ा एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया- आरोपी एएसपी के खिलाफ पुख्ता व स्पष्ट सबूत मौजूद हैं। दलाल, आरोपी एएसपी की साफ लहजे में बातें हुई हैं। कोर्ट में इस केस को मजबूती से रखेंगे। जल्द ही जांच कर अन्य सबूत और तथ्य जुटाए जाएंगे, जिससे केस को मजबूती मिलेगी। डीजी मेहरड़ा ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू कर रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाहे वो एसीबी का ही अधिकारी क्यों न हो। इस कार्रवाई से एसीबी के स्टाफ को भी संदेश देना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार रोकना है। …. भ्रष्टाचारी एएसपी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… 1. एसीबी का एडिशनल एसपी था शराब का शौकीन:कहता था-पैसों की कोई सीमा नहीं है, भय बिना प्रीत नहीं होती एसीबी के पास मौजूद रिकॉर्डिंग से खुलासा हुआ है कि शर्मा अपनी 90 प्रतिशत अवैध डील दलालों के फोन से ही करता था। जनवरी में हुई इन डील की रिकॉर्डिंग एसीबी के पास मौजूद हैं। पूरी खबर पढ़िए… 2. ACB का ASP और 2 दलाल रिश्वत मामले में गिरफ्तार:जयपुर मुख्यालय में था तैनात; डीटीओ समेत कई अधिकारियों से लेता था मंथली बंधी जयपुर एसीबी की टीम ने सोमवार को एसीबी के जयपुर मुख्यालय में तैनात एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा और उनके 2 दलालों को रिश्वत के मामले गिरफ्तार किया है। पूरी खबर पढ़िए…
मंथली वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार एसीबी के एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा से पूछताछ के बाद 50 से ज्यादा अधिकारी रडार पर हैं। ये वो लोग हैं, जो एएसपी को मंथली के तौर पर घूस पहुंचाते थे। एसीबी ने ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर ली है। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि एएसपी को ट्रैप करने के लिए उस दिन जानबूझकर मुख्यालय में मीटिंग रखवाई गई थी, ताकि आरोपी भाग नहीं सके। अब मंथली देने वाले अधिकारी-कर्मचारी आए रडार पर एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उन विभागों के अधिकारियों की लिस्ट तैयार की है, जो आरोपी एएसपी व उसके दलालों को मंथली रिश्वत दे रहे थे। एसीबी की मानें तो अब तक सवाईमाधोपुर के 50 अधिकारी एजेंसी की रडार पर हैं, जिन्होंने एएसपी सुरेंद्र के साथ मिलीभगत की है और रिश्वत दी है। एजेंसी को अवैध खनन माफिया से भी वसूली के सबूत मिले हैं। एसीबी के मुताबिक, सुरेंद्र शर्मा की कॉल रिकॉर्डिंग खंगाली गई है। उसके आधार पर अधिकारियों के नाम और रिश्वत के पैसों की डिटेल पता चली है। अब उसी आधार पर सवाल तैयार किए जा रहे हैं। एएसपी को रिश्वत क्यों दी? रिश्वत की राशि कहां से लाए? एसीबी ऐसे सवाल विभागों के अधिकारियों से पूछ सकती है। तबादला हुआ पर बंधी नहीं छोड़ी एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि आरोपी एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा एसीबी की सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी पर तैनात थे। उनके खिलाफ शिकायतें मिलने पर उन्हें 6 मई को सवाईमाधोपुर से हटाकर एसीबी मुख्यालय में लगाया। इसके बावजूद एएसपी मुख्यालय में बैठकर दलालों के जरिए वसूली कर रहे थे। रिश्वत के रुपयों को लेकर सुरेंद्र शर्मा कितना बेचैन रहता था। इसका सबूत एसीबी की रिकॉर्डिंग में सामने आया है। एएसपी ने 9 जनवरी 2025 की सुबह दलाल रामराज के फोन से प्रदीप उर्फ बंटी से कहा था- ‘जल्दी मेरा सामान लेकर आना।’ दलाल के फोन से खुला एएसपी का नेटवर्क डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी को सवाईमाधोपुर में दलाल के जरिए विभिन्न विभागों से उगाही करने का इनपुट मिला था। उस समय अंदाजा नहीं था कि उसके तार कहां-कहां जुड़े हैं। इस पर एसीबी ने दलाल रामराज मीणा के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा, लेकिन उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी। जब रिकॉर्डिंग सुनी गई तो दलाल रामराज मीणा के जरिए मंथली वसूली की पूरी कहानी सामने आई। दलाल रामराज एसीबी के एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा के लिए ही उगाही करने के साथ-साथ उनके नाम पर धमकाने का भी काम कर रहा था। अलग-अलग विभागों में कर्मचारी-अधिकारियों को संरक्षण देने की बात कहकर डिमांड व वसूली के लिए फोन करता था। बातचीत से ये साबित भी हुआ है। ट्रैप के लिए एसीबी मुख्यालय में रखवाई गई थी 2 अर्जेंट मीटिंग एएसपी सुरेंद्र शर्मा के पास एसीबी मुख्यालय का कार्यभार होने के कारण मीटिंग की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी थी। एसीबी के सूत्रों ने बताया कि उस दिन एसीबी कार्रवाई से अनजान सुरेंद्र शर्मा मीटिंग की तैयारियों में व्यस्त था। जबकि एसीबी की एक टीम उस पर नजर रखे हुए थी। सुरेंद्र शर्मा मुख्यालय से बाहर नहीं चला जाए इसके लिए सोमवार को दो अन्य मीटिंग होने की जानकारी देकर रोका गया। इसके बाद एएसपी को बुलाकर उनका फोन लिया और एक चैंबर में बैठा दिया गया। इससे पहले एएसपी सुरेंद्र शर्मा ने एसीबी स्टाफ को बताया था कि वह 4 जून को पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने मुंबई जाएगा। इस दौरान कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने और दो महीने बाद रिटायर होने की बात कही थी। लेकिन कार्रवाई के बाद हिरासत में लिए जाने पर वे उन्हीं कर्मचारियों से नजरें चुराते नजर आए। ऐसा कोई विभाग नहीं, जिसे धमकाया न हो एएसपी सुरेंद्र शर्मा 2022 से सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी पर तैनात थे। एक साल में ही दलालों के जरिए मंथली वसूली का नेटवर्क तैयार कर लिया। दलाल विभागों के अधिकारियों पर नजर रखते और लेन-देन होने पर उसकी सूचना एएसपी को देते थे। एएसपी के दलालों के निशाने पर परिवहन, पुलिस, वन और ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी रहते थे। दलाल रामराज मीणा और प्रदीप उर्फ बंटी पारीक की धमकाने की कई रिकॉर्डिंग एसीबी के पास मौजूद हैं। पुलिस चौकी पर तैनात इंस्पेक्टर विवेक सोनी को दो दिन पहले हटा दिया। जांच में विवेक सोनी की भूमिका संदिग्ध आने के बाद बुधवार रात को उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी डीजी ने बताया कि सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी से लगातार आ रही शिकायतों के बाद अन्य स्टाफ को भी बदला जाएगा। एसीबी के पास ठोस सबूत- डीजी मेहरड़ा एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया- आरोपी एएसपी के खिलाफ पुख्ता व स्पष्ट सबूत मौजूद हैं। दलाल, आरोपी एएसपी की साफ लहजे में बातें हुई हैं। कोर्ट में इस केस को मजबूती से रखेंगे। जल्द ही जांच कर अन्य सबूत और तथ्य जुटाए जाएंगे, जिससे केस को मजबूती मिलेगी। डीजी मेहरड़ा ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू कर रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाहे वो एसीबी का ही अधिकारी क्यों न हो। इस कार्रवाई से एसीबी के स्टाफ को भी संदेश देना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार रोकना है। …. भ्रष्टाचारी एएसपी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… 1. एसीबी का एडिशनल एसपी था शराब का शौकीन:कहता था-पैसों की कोई सीमा नहीं है, भय बिना प्रीत नहीं होती एसीबी के पास मौजूद रिकॉर्डिंग से खुलासा हुआ है कि शर्मा अपनी 90 प्रतिशत अवैध डील दलालों के फोन से ही करता था। जनवरी में हुई इन डील की रिकॉर्डिंग एसीबी के पास मौजूद हैं। पूरी खबर पढ़िए… 2. ACB का ASP और 2 दलाल रिश्वत मामले में गिरफ्तार:जयपुर मुख्यालय में था तैनात; डीटीओ समेत कई अधिकारियों से लेता था मंथली बंधी जयपुर एसीबी की टीम ने सोमवार को एसीबी के जयपुर मुख्यालय में तैनात एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा और उनके 2 दलालों को रिश्वत के मामले गिरफ्तार किया है। पूरी खबर पढ़िए…