
पानीपत में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही प्रकरण की 8 दिन बाद पानीपत पुलिस ने पहली बार बुधवार को जानकारी दी। नव नियुक्त एसपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि नोमान अभी और 4 दिन के पुलिस रिमांड पर है। प्रारंभिक जानकारी और पूछताछ में सामने आया है कि नोमान बड़े लेवल का जासूस नहीं है। इसने प्रलोभन में आकर चंद रूपए के खातिर ISI हैंडलर से संपर्क रखा। इसके पास एक ही बैंक खाता मिला, जिसमें भी ज्यादा अमाउंट नहीं आया हुआ था। अभी जांच और पूछताछ जारी है। मोबाइल फोन की कुछ डिटेल भी लैब से आ गई है, लेकिन अभी और रिपोर्ट आनी बाकी है। जांच में सभी को शामिल तफ्तीश किया जा रहा है। वहीं, पूछताछ में पता लगा है कि जासूस का इकबाल काना के साथ पुराना संपर्क नहीं है, वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही उससे संपर्क में आया था। पूछताछ के लिए बढ़ाया रिमांड नोमान इलाही का 7 दिन का रिमांड पूरा होने पर मंगलवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से सघन पूछताछ के लिए आरोपी को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस 7 दिन के रिमांड में नोमान की डायरी बरामद नहीं कर पाई है। पुलिस को शक है कि इसी डायरी में नोमान ने सभी टास्क लिखे हुए थे। डायरी के लिए पुलिस उसके पानीपत और कैराना स्थित घर भी गई। हालांकि, यहां उन्हें कुछ नहीं मिला। लेकिन पुलिस ने घर से 6 पासपोर्ट जरूर बरामद किए हैं। पानीपत से नोमान पकड़ा, ISI हैंडलर काना के संपर्क में था पानीपत पुलिस ने 14 मई को पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में नोमान इलाही को गिरफ्तार किया था। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है। वह पानीपत में अपनी शादीशुदा बहन के यहां आता था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह पाकिस्तान में बैठे ISI हैंडलर के संपर्क में था। पानीपत से ही वह सेना की मूवमेंट की जानकारियां भेज रहा था। आरोप है कि वह ISI के हैंडलर इकबाल उर्फ काना के लिए जासूसी करता था। इकबाल भी कैराना का रहने वाला है। वो 1993 में पाकिस्तान भाग गया था। पिता की मौत के बाद नोमान पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। उसकी बुआ और मौसी पाकिस्तान में रहती हैं। इसलिए उसे पाकिस्तान आने-जाने के लिए कोई परेशानी नहीं होती थी। पुलिस को उसके घर से 6 पासपोर्ट मिले हैं। इनमें 3 परिवार के लोगों के हैं। बाकी 3 की पुलिस जांच कर रही है। रिमांड के दौरान नोमान ने पुलिस को बताया कि उसने जासूसी के वीडियो काना को भेजे थे, लेकिन इसके लिए उसे कोई पैसे नहीं मिले।
पानीपत में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही प्रकरण की 8 दिन बाद पानीपत पुलिस ने पहली बार बुधवार को जानकारी दी। नव नियुक्त एसपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि नोमान अभी और 4 दिन के पुलिस रिमांड पर है। प्रारंभिक जानकारी और पूछताछ में सामने आया है कि नोमान बड़े लेवल का जासूस नहीं है। इसने प्रलोभन में आकर चंद रूपए के खातिर ISI हैंडलर से संपर्क रखा। इसके पास एक ही बैंक खाता मिला, जिसमें भी ज्यादा अमाउंट नहीं आया हुआ था। अभी जांच और पूछताछ जारी है। मोबाइल फोन की कुछ डिटेल भी लैब से आ गई है, लेकिन अभी और रिपोर्ट आनी बाकी है। जांच में सभी को शामिल तफ्तीश किया जा रहा है। वहीं, पूछताछ में पता लगा है कि जासूस का इकबाल काना के साथ पुराना संपर्क नहीं है, वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही उससे संपर्क में आया था। पूछताछ के लिए बढ़ाया रिमांड नोमान इलाही का 7 दिन का रिमांड पूरा होने पर मंगलवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से सघन पूछताछ के लिए आरोपी को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस 7 दिन के रिमांड में नोमान की डायरी बरामद नहीं कर पाई है। पुलिस को शक है कि इसी डायरी में नोमान ने सभी टास्क लिखे हुए थे। डायरी के लिए पुलिस उसके पानीपत और कैराना स्थित घर भी गई। हालांकि, यहां उन्हें कुछ नहीं मिला। लेकिन पुलिस ने घर से 6 पासपोर्ट जरूर बरामद किए हैं। पानीपत से नोमान पकड़ा, ISI हैंडलर काना के संपर्क में था पानीपत पुलिस ने 14 मई को पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में नोमान इलाही को गिरफ्तार किया था। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है। वह पानीपत में अपनी शादीशुदा बहन के यहां आता था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह पाकिस्तान में बैठे ISI हैंडलर के संपर्क में था। पानीपत से ही वह सेना की मूवमेंट की जानकारियां भेज रहा था। आरोप है कि वह ISI के हैंडलर इकबाल उर्फ काना के लिए जासूसी करता था। इकबाल भी कैराना का रहने वाला है। वो 1993 में पाकिस्तान भाग गया था। पिता की मौत के बाद नोमान पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। उसकी बुआ और मौसी पाकिस्तान में रहती हैं। इसलिए उसे पाकिस्तान आने-जाने के लिए कोई परेशानी नहीं होती थी। पुलिस को उसके घर से 6 पासपोर्ट मिले हैं। इनमें 3 परिवार के लोगों के हैं। बाकी 3 की पुलिस जांच कर रही है। रिमांड के दौरान नोमान ने पुलिस को बताया कि उसने जासूसी के वीडियो काना को भेजे थे, लेकिन इसके लिए उसे कोई पैसे नहीं मिले।