
12 मई को महू के मानपुर थाना क्षेत्र के रायकुंडा गांव में हलमा कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्यमंत्री कुंवर विजय शाह ने पहलगाम हमले का बदला लेने चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बता दिया। मंत्री के इस बयान पर हंगामा मचा तो उन्हें पार्टी के संगठन महामंत्री ने ऑफिस बुलाकर फटकार लगाई। इसके बाद उन्होंने माफी मांगी और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बंगले पर जाकर मुलाकात की। माफी के बाद भी विपक्ष हमलावर रहा और हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद एमपी कांग्रेस से लेकर देश भर के विपक्षी दल विजय शाह को मंत्री पद से न हटाने को लेकर सवाल उठा रहे हैं। मप्र में लगातार शाह के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन एमपी में बुधवार से लगातार मंत्री विजय शाह के इस्तीफे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भोपाल में शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर राजभवन के बाहर ही धरना दिया। अब तक न तो शाह ने इस्तीफा दिया है और न ही केस दर्ज होने के बाद वे कहीं नजर आ रहे हैं। इतने बडे़ विवाद के बाद विजय शाह से बीजेपी न तो इस्तीफा ले पाई और न ही उन्हें मंत्री पद से सरकार बर्खास्त कर पाई। भास्कर ने इसकी वजह जानने की कोशिश की। शाह ने मांगी सुरक्षित राजनीतिक भविष्य की गारंटी
सूत्र बताते हैं कि जैसे ही शाह के मामले ने तूल पकड़ा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ट्वीट आया। उसके बाद शाह को इस्तीफा देने के लिए राजी करने की कोशिशें शुरू हुई। बीजेपी संगठन और सरकार की ओर से यह प्रयास किया गया कि शाह चुपचाप इस्तीफा दे दें और उसके बाद इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया न दें। न ही उनके समर्थकों की ओर से कोई विरोध, प्रदर्शन और बगावती तेवर दिखाए जाएं। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि शाह ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया। शाह की ओर से कहा गया कि मैंने जो कहा है उसमें मेरी भावना कहीं गलत नहीं थी। मैंने माफी मांग ली। अब अगर कोई इस्तीफा मांग रहा है तो मुझे बताया जाए कि किसके कहने पर मैं इस्तीफा दूं और फिर मेरे राजनीतिक भविष्य की गारंटी कौन देगा? सूत्र यह भी बताते हैं कि मौजूदा लीडरशिप से कोई आश्वासन लेने के बजाय शाह यह तर्क था कि केन्द्रीय नेतृत्व से बातचीत हो और अपना पक्ष रखने के बाद आगे कदम बढ़ाया जाए। बीजेपी कोर्ट और केन्द्र के इशारे के इंतजार में
एमपी बीजेपी की ओर से यह साफ हो गया है कि पार्टी मप्र के स्तर से शाह के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी। बल्कि 19 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर आगे बढे़गी। यानि सोमवार को यदि कोर्ट शाह को राहत नहीं देता है। तब केन्द्रीय नेतृत्व शाह के मामले में कार्रवाई आगे बढ़ाने का निर्देश दे सकता है। देवड़ा, कुलस्ते के बयानों ने दी थोड़ी राहत
विजय शाह के बयान के विरोध में जहां देश भर में प्रदर्शन हो रहे थे। वहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का बयान सामने आ गया। डिप्टी सीएम ने अपने बयान पर सफाई में कहा कि मेरा बयान गलत तरीके से पेश किया गया। शाह ने तो अपने बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी। एमपी बीजेपी में लगातार बढ़ रहे विवादित बयानों के कारण विजय शाह को भी थोड़ी राहत मिली है। अब यदि विजय शाह पर कार्रवाई होती है तो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, फग्गन सिंह कुलस्ते और मनगवां विधायक नरेन्द्र प्रजापति के मामले में भी संगठन को स्टैंड लेना पडे़गा। अब पढ़िए एमपी के चार नेताओं के वो बयान जिन पर हंगामा मचा हुआ है बयान नंबर-1: कैबिनेट मंत्री विजय शाह ‘मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा’ विवाद की शुरुआत मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए आपत्तिजनक बयान से हुई। उन्होंने महू में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था- उन्होंने (आतंकियों ने) कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। इस आपत्तिजनक बयान को लेकर एमपी हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री विजय शाह के खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। मंत्री इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इस पर सुनवाई सोमवार (19 मई) को होगी। बयान नंबर-2: डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ‘पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक…उनके चरणों में नतमस्तक हैं’ शुक्रवार को जबलपुर में सिविल डिफेंस वालंटियर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहेंगे।…और पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक…उनके चरणों में नतमस्तक है। उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है। उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, जितना कहा जाए, एक बार उनके लिए जोरदार तालियां बजाकर स्वागत करिए। बयान नंबर-3: सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ‘जो हमारे आतंकवादी हैं, लोग हैं, उनको उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया’ मंडला सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते बुधवार को डिंडौरी के अमरपुर में सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए थे। इसके बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में वे मंत्री विजय शाह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। तभी उनकी जुबान फिसली और वे आतंकियों को ‘हमारे’ कह बैठे। कुलस्ते ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर पर मोदी जी ने जवाब दिया। इस देश के लिए और समाज के लिए, उसकी पूरी क्षमता से, सेना की, हम उसकी बहुत सराहना करते हैं। इस प्रकार के नागरिक या सेना के अधिकारी, हम सब के लिए गौरव का विषय है, भारत के लिए पाकिस्तान के जो हमारे आतंकवादी हैं, लोग हैं, उनको उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया है। बयान नंबर-4: विधायक नरेन्द्र प्रजापति बोले- सीजफायर यूएन के आदेश पर हुआ: रीवा के मनगवां से भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने दावा किया कि भारत ने यूनाइटेड नेशंस के आदेश के चलते सीजफायर किया है। विवादित बयान से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- MP के मंत्री का कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक बयान ऑपरेशन सिंदूर पर डिप्टी-सीएम का विवादित बयान भाजपा सांसद कुलस्ते ने आतंकियों को कहा ‘हमारे’ इंदौर में मोदी का पोस्टर लॉक, आंख पर पट्टी बांधी
12 मई को महू के मानपुर थाना क्षेत्र के रायकुंडा गांव में हलमा कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्यमंत्री कुंवर विजय शाह ने पहलगाम हमले का बदला लेने चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बता दिया। मंत्री के इस बयान पर हंगामा मचा तो उन्हें पार्टी के संगठन महामंत्री ने ऑफिस बुलाकर फटकार लगाई। इसके बाद उन्होंने माफी मांगी और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बंगले पर जाकर मुलाकात की। माफी के बाद भी विपक्ष हमलावर रहा और हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद एमपी कांग्रेस से लेकर देश भर के विपक्षी दल विजय शाह को मंत्री पद से न हटाने को लेकर सवाल उठा रहे हैं। मप्र में लगातार शाह के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन एमपी में बुधवार से लगातार मंत्री विजय शाह के इस्तीफे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भोपाल में शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर राजभवन के बाहर ही धरना दिया। अब तक न तो शाह ने इस्तीफा दिया है और न ही केस दर्ज होने के बाद वे कहीं नजर आ रहे हैं। इतने बडे़ विवाद के बाद विजय शाह से बीजेपी न तो इस्तीफा ले पाई और न ही उन्हें मंत्री पद से सरकार बर्खास्त कर पाई। भास्कर ने इसकी वजह जानने की कोशिश की। शाह ने मांगी सुरक्षित राजनीतिक भविष्य की गारंटी
सूत्र बताते हैं कि जैसे ही शाह के मामले ने तूल पकड़ा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ट्वीट आया। उसके बाद शाह को इस्तीफा देने के लिए राजी करने की कोशिशें शुरू हुई। बीजेपी संगठन और सरकार की ओर से यह प्रयास किया गया कि शाह चुपचाप इस्तीफा दे दें और उसके बाद इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया न दें। न ही उनके समर्थकों की ओर से कोई विरोध, प्रदर्शन और बगावती तेवर दिखाए जाएं। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि शाह ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया। शाह की ओर से कहा गया कि मैंने जो कहा है उसमें मेरी भावना कहीं गलत नहीं थी। मैंने माफी मांग ली। अब अगर कोई इस्तीफा मांग रहा है तो मुझे बताया जाए कि किसके कहने पर मैं इस्तीफा दूं और फिर मेरे राजनीतिक भविष्य की गारंटी कौन देगा? सूत्र यह भी बताते हैं कि मौजूदा लीडरशिप से कोई आश्वासन लेने के बजाय शाह यह तर्क था कि केन्द्रीय नेतृत्व से बातचीत हो और अपना पक्ष रखने के बाद आगे कदम बढ़ाया जाए। बीजेपी कोर्ट और केन्द्र के इशारे के इंतजार में
एमपी बीजेपी की ओर से यह साफ हो गया है कि पार्टी मप्र के स्तर से शाह के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी। बल्कि 19 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर आगे बढे़गी। यानि सोमवार को यदि कोर्ट शाह को राहत नहीं देता है। तब केन्द्रीय नेतृत्व शाह के मामले में कार्रवाई आगे बढ़ाने का निर्देश दे सकता है। देवड़ा, कुलस्ते के बयानों ने दी थोड़ी राहत
विजय शाह के बयान के विरोध में जहां देश भर में प्रदर्शन हो रहे थे। वहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का बयान सामने आ गया। डिप्टी सीएम ने अपने बयान पर सफाई में कहा कि मेरा बयान गलत तरीके से पेश किया गया। शाह ने तो अपने बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी। एमपी बीजेपी में लगातार बढ़ रहे विवादित बयानों के कारण विजय शाह को भी थोड़ी राहत मिली है। अब यदि विजय शाह पर कार्रवाई होती है तो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, फग्गन सिंह कुलस्ते और मनगवां विधायक नरेन्द्र प्रजापति के मामले में भी संगठन को स्टैंड लेना पडे़गा। अब पढ़िए एमपी के चार नेताओं के वो बयान जिन पर हंगामा मचा हुआ है बयान नंबर-1: कैबिनेट मंत्री विजय शाह ‘मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा’ विवाद की शुरुआत मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए आपत्तिजनक बयान से हुई। उन्होंने महू में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था- उन्होंने (आतंकियों ने) कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। इस आपत्तिजनक बयान को लेकर एमपी हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री विजय शाह के खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। मंत्री इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इस पर सुनवाई सोमवार (19 मई) को होगी। बयान नंबर-2: डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ‘पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक…उनके चरणों में नतमस्तक हैं’ शुक्रवार को जबलपुर में सिविल डिफेंस वालंटियर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहेंगे।…और पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक…उनके चरणों में नतमस्तक है। उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है। उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, जितना कहा जाए, एक बार उनके लिए जोरदार तालियां बजाकर स्वागत करिए। बयान नंबर-3: सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ‘जो हमारे आतंकवादी हैं, लोग हैं, उनको उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया’ मंडला सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते बुधवार को डिंडौरी के अमरपुर में सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए थे। इसके बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में वे मंत्री विजय शाह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। तभी उनकी जुबान फिसली और वे आतंकियों को ‘हमारे’ कह बैठे। कुलस्ते ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर पर मोदी जी ने जवाब दिया। इस देश के लिए और समाज के लिए, उसकी पूरी क्षमता से, सेना की, हम उसकी बहुत सराहना करते हैं। इस प्रकार के नागरिक या सेना के अधिकारी, हम सब के लिए गौरव का विषय है, भारत के लिए पाकिस्तान के जो हमारे आतंकवादी हैं, लोग हैं, उनको उन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया है। बयान नंबर-4: विधायक नरेन्द्र प्रजापति बोले- सीजफायर यूएन के आदेश पर हुआ: रीवा के मनगवां से भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने दावा किया कि भारत ने यूनाइटेड नेशंस के आदेश के चलते सीजफायर किया है। विवादित बयान से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- MP के मंत्री का कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक बयान ऑपरेशन सिंदूर पर डिप्टी-सीएम का विवादित बयान भाजपा सांसद कुलस्ते ने आतंकियों को कहा ‘हमारे’ इंदौर में मोदी का पोस्टर लॉक, आंख पर पट्टी बांधी