
सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर देश की अलग-अलग कोर्ट में चल रहे मार्केट कॉम्पिटिशन के नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में शामिल सब्जेक्ट मैटर वहीं है जिस पर कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच सुनवाई कर रही है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पिछले साल 3 दिसंबर को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। CCI ने कहा था- कंपनियां जांच रोकने की कोशिश कर रही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाते हुए CCI ने कहा था कि कंपनियां हाई कोर्ट की जांच रोकने के उद्देश्य से अलग-अलग कोर्ट में चुनौतियां पेश कर रही हैं। CCI ने कोर्ट से सैमसंग, वीवो, अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ वेंडर्स की 23 शिकायतों पर सुनवाई करने का अनुरोध किया था। अमेजन-फ्लिपकार्ट पर एंटीट्रस्ट-लॉ के उल्लंघन का आरोप मामला 2019 में CCI की जांच से जुड़ा है। कॉम्पिटिशन कमिशन ने जांच के बाद आरोप लगाया था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने कुछ चुनिंदा सेलर्स को मार्केट में ज्यादा प्रायोरिटी दी। कंपनियों की इस गड़बड़ी का आसर भारत के ई-कॉमर्स मार्केट पर पड़ा। CCI की इन्वेस्टिगेटिव यूनिट ने जांच में पाया कि दोनों कंपनियों ने एंटी-ट्रस्ट लॉ का उल्लंघन किया है। इसके अलावा, सैमसंग और वीवो जैसे स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स के साथ स्पेशल ऑनलाइन लॉन्च के लिए मिलीभगत को उजागर किया गया। कंपनियों ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था
अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने व्यापारिक तौर-तरीकों को लेकर कई सालों से छोटे रिटेलर्स की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली भारी छूट और तरजीही व्यवहार के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। ———————————— ये खबर भी पढ़ें… अमेजन-फ्लिपकार्ट से सरकार पूछताछ कर सकती है: विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन का आरोप, जांच के बाद नोटिस भेजने की तैयारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट को सरकार पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार फॉरेन इन्वेस्टमेंट लॉ के उल्लंघन की जांच के तहत इन कंपनी के अधिकारियों को समन जारी करेगी। हाल ही में इन कंपनियों से जुड़े कुछ सेलर्स पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने छापेमारी की थी। आरोप है कि कंपनियां कुछ सिलेक्टेड सेलर्स के जरिए इन्वेंट्री (स्टॉक) पर कंट्रोल रखते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर देश की अलग-अलग कोर्ट में चल रहे मार्केट कॉम्पिटिशन के नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाओं में शामिल सब्जेक्ट मैटर वहीं है जिस पर कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच सुनवाई कर रही है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पिछले साल 3 दिसंबर को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। CCI ने कहा था- कंपनियां जांच रोकने की कोशिश कर रही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाते हुए CCI ने कहा था कि कंपनियां हाई कोर्ट की जांच रोकने के उद्देश्य से अलग-अलग कोर्ट में चुनौतियां पेश कर रही हैं। CCI ने कोर्ट से सैमसंग, वीवो, अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ वेंडर्स की 23 शिकायतों पर सुनवाई करने का अनुरोध किया था। अमेजन-फ्लिपकार्ट पर एंटीट्रस्ट-लॉ के उल्लंघन का आरोप मामला 2019 में CCI की जांच से जुड़ा है। कॉम्पिटिशन कमिशन ने जांच के बाद आरोप लगाया था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने कुछ चुनिंदा सेलर्स को मार्केट में ज्यादा प्रायोरिटी दी। कंपनियों की इस गड़बड़ी का आसर भारत के ई-कॉमर्स मार्केट पर पड़ा। CCI की इन्वेस्टिगेटिव यूनिट ने जांच में पाया कि दोनों कंपनियों ने एंटी-ट्रस्ट लॉ का उल्लंघन किया है। इसके अलावा, सैमसंग और वीवो जैसे स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स के साथ स्पेशल ऑनलाइन लॉन्च के लिए मिलीभगत को उजागर किया गया। कंपनियों ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था
अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने व्यापारिक तौर-तरीकों को लेकर कई सालों से छोटे रिटेलर्स की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली भारी छूट और तरजीही व्यवहार के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। ———————————— ये खबर भी पढ़ें… अमेजन-फ्लिपकार्ट से सरकार पूछताछ कर सकती है: विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन का आरोप, जांच के बाद नोटिस भेजने की तैयारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट को सरकार पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार फॉरेन इन्वेस्टमेंट लॉ के उल्लंघन की जांच के तहत इन कंपनी के अधिकारियों को समन जारी करेगी। हाल ही में इन कंपनियों से जुड़े कुछ सेलर्स पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने छापेमारी की थी। आरोप है कि कंपनियां कुछ सिलेक्टेड सेलर्स के जरिए इन्वेंट्री (स्टॉक) पर कंट्रोल रखते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…