
सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती-2021 में डमी कैंडिडेट बनने वाले फतेहगढ़ SDM हनुमानराम ने एसओजी से हुई पूछताछ में कई सच कबूले हैं। हनुमानराम केवल SI भर्ती नहीं, पटवारी से लेकर ग्राम सेवक और शिक्षक भर्ती में भी डमी कैंडिडेट बनकर लोगों को पास करवा चुका है। उसने फोटो देखकर स्वीकार किया कि पटवारी भर्ती में वांछित डमी कैंडिडेट वो खुद है। पकड़े जाने के बाद हनुमानराम ने एसओजी के सामने इमोशनल कार्ड खेलने की भी कोशिश की। रोते और गिड़गिड़ाते हुए बोला- पैसों की तंगी दूर करने के लिए वो कोचिंग माफियाओं के झांसे में आकर ये काम करने लगा था। RAS-2021 में सिलेक्शन होने के बाद उसने ये काम बंद कर दिया था। हालांकि दोस्तों के कहने पर आखिरी बार SI भर्ती में नरपतराम के लिए 15 लाख में डमी कैंडिडेट बनने की भूल कर बैठा। हनुमानराम ने एसओजी को यह भी बताया कि वो तो खुद कोचिंग माफियाओं को कॉल कर कहता था- सुधर जाओ, ये काम छोड़ दो। वहीं, खुद के पकड़े जाने का डर भी सता रहा था। हनुमानराम से एसओजी एडीजी वीके सिंह, एसपी लोकेश सोनवाल और सीमा शर्मा पूछताछ कर रही है। एसओजी के सामने उसने कौन-कौनसे सच कबूले पढ़िए इस स्टोरी में…. 12वीं का टॉपर, कोचिंग माफियाओं के चक्कर में बना ‘मुन्ना भाई’
एसओजी की पूछताछ में हनुमानराम ने बताया कि दसवीं कक्षा से ही उसका राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) का अफसर बनने का सपना था। जसवंतपुरा जवाहर नवोदय स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा में उसने आट्र्स में उसने टॉप कर 90.20 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। तबसे ही कोचिंग संस्थाओं ने उससे संपर्क करना शुरू किया था। तब आर्थिक स्थिति सही नहीं होने से वो कोचिंग नहीं जा पाया। जिसका उसे मलाल था और वो पैसे कमाना चाहता था। हनुमानराम ने साल 2015 से सूरतगढ़ के भाटिया आश्रम में रहकर तैयारी की। बाद में जयपुर में रहकर आरएएस भर्ती की तैयारी करने लगा। RAS-2016 में हनुमानराम का चयन सांख्यिकी विभाग में हो गया था। नौकरी जॉइन करने के बाद हनुमानराम की योग्यता को देखते हुए कोचिंग माफियाओं ने उसे बड़ा लालच दिया। सरकारी भर्तियों में डमी कैंडिडेट बनने का ऑफर दिया। नौकरी लगने के बाद पूरे विश्वास के साथ हनुमानराम डमी के रूप में बैठता था और मोटी रकम वसूलता था। पूछताछ में सामने आया कि हनुमानराम ने पटवारी, ग्राम सेवक, शिक्षक, एसआई भर्ती में भी डमी बनकर दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी। हनुमानराम के पास आरएएस भर्ती-2021 में भी डमी कैंडिडेट बनने का ऑफर था। मगर उसने अपना करियर बनाने का फैसला लिया और इनकार कर दिया। आरएसएस भर्ती में डमी बैठने का मिला था ऑफर
आरएएस-2021 में हनुमानराम ने 22 वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद भी कोचिंग और पेपर लीक माफिया से जुड़े लोग हनुमानराम के संपर्क में रहे। मगर उसने साल 2021 भर्ती में सिलेक्ट होने के बाद डमी कैंडिडेट के रूप में बैठना बंद कर दिया था। प्रारंभिक पूछताछ में हनुमानराम ने स्वीकार किया है कि उसने दोस्तों के कहने पर 15 लाख रुपए में नरपतराम के बदले डमी बैठने का सौदा किया था। जिसमें से केवल डेढ़ लाख रुपए उसे दिए गए, बाकी पैसे देने में नरपतराम आना कानी कर रहा था। कोचिंग माफियाओं को कॉल कर कहता था- अब सुधर जाओ
एसडीएम बनने के बाद साल 2024 में एसआई भर्ती- 2021 विवादों में आई थी। SOG की लगातार हो रही कार्रवाई के बाद से हनुमानराम घबराया हुआ था। हनुमानराम एसओजी की हर एक्टिविटी पर नजर रखता था। उससे जुड़ी खबरें पढ़ता था। इसके बाद माफियाओं को वॉट्सऐप कॉल कर कहता था- अब सुधर जाओ, गलत काम अब मत करो। एसओजी ने हनुमानराम का मोबाइल भी जब्त किया है, जिसे तकनीकी जांच के लिए भेजा गया है। एसओजी को उम्मीद है कि हनुमानराम के मोबाइल से कई राज सामने आएंगे। एसओजी हनुमानराम से जुडे कोचिंग माफिया कनेक्शन को भी तलाश रही है। हरखू से हनुमानराम तक पहुंची एसओजी
दरअसल, एसओजी जब एसआई भर्ती की गड़बड़ी की जांच कर रही थी, तभी प्लाटून कमांडर के पद पर चयनित होने के बाद पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रही हरखू जाट को गिरफ्तार किया था। हरखू जाट ने डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास करना स्वीकार किया था। उसने नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा का नाम लिया था। हरखू ने बताया कि एक लाइब्रेरी में परीक्षा की तैयारी के दौरान उसकी इनसे मुलाकात हुई थी। हरखू की जगह इंद्रा ने डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी। वहीं इंद्रा के पति नरपतराम ने सिरोही के टीचर रामनिवास का नाम लिया था। रामनिवास ने आगे हनुमानराम का नाम लिया था। रामनिवास ने लिया हनुमानराम का नाम
एसओजी के इनपुट के आधार पर सबसे पहले जोधपुर रेंज पुलिस ने SI भर्ती में 2 साल से वांछित नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार किया था। सिरोही पुलिस ने रामनिवास को पकड़कर एसओजी को सौंपा था। रामनिवास ने एसओजी को एसडीएम हनुमानराम का नाम बताया था। एसओजी ने जैसलमेर पुलिस की मदद से फतेहगढ़ एसडीएम हनुमानराम को 9 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था। SOG से बोला- गलती हो गई साहब, माफ कर दो
गिरफ्तारी के बाद एसओजी की पूछताछ के दौरान एसडीएम हनुमानराम काफी देर तक रोता रहा। गिड़गिड़ाता रहा और एसओजी के अफसरों को कहता रहा कि उससे गलती हो गई। हनुमानराम ने एसओजी अफसरों को बार-बार गरीबी का हवाला देकर परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की। हनुमानराम ने एसओजी को बताया कि उसकी 6 बहनें हैं, वो घर में सबसे बड़ा है। उसके पिता कौशला राम खेती करते हैं। मां पेम्पो देवी गृहिणी हैं। एक भाई भी है। फोटो एडिटिंग कर डमी कैंडिडेट बैठाने वाला फोटोग्राफर गिरफ्तार
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक मामले में एसओजी ने भीनमाल से एक फोटोग्राफर को गिरफ्तार किया है, जो मूल और डमी कैंडिडेट के फोटो एडिट कर मिक्स करने का आरोपी है। न्यायालय ने आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। एटीएस और एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी.के.सिंह ने बताया कि आरोपी रामनिवास विश्नोई की निशानदेही पर भीनमाल निवासी महेंद्र कुमार को पकड़ा गया है। महेंद्र भीनमाल में अजंता फोटो स्टूडियो चलाता है। उसने 2021 में रामनिवास विश्नोई और हनुमानाराम की फोटो एडिट कर मिक्स की थी। साथ ही नरपत लाल व हनुमानाराम की फोटो भी मिक्स की थी। इन एडिटेड फोटो का इस्तेमाल कर हनुमानाराम ने 14 सितंबर 2021 को नरपतलाल के एडमिट कार्ड पर और 15 सितंबर को रामनिवास के एडमिट कार्ड पर लगाकर परीक्षा दी। दोनों को लिखित परीक्षा में पास करवाया गया। एसओजी टीम महेंद्र से अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता की जांच कर रही है। इस प्रकरण में अब तक 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। …………………………………….. आरएएस अफसर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… SI भर्ती फर्जीवाड़े में पहली बार एसडीएम गिरफ्तार:डमी कैंडिडेट बनकर दी थी परीक्षा; RAS एग्जाम में दूसरे प्रयास में मिली थी 22वीं रैंक सब इंस्पेक्टर भर्ती फर्जीवाड़े में प्रदेश में पहली बार एसडीएम की गिरफ्तारी हुई है। SOG की टीम ने जैसलमेर के फतेहगढ़ SDM हनुमान राम को गिरफ्तार किया है। हनुमान राम ने डमी कैंडिडेट बनकर नरपतराम की जगह एसआई भर्ती परीक्षा दी थी। पढ़ें पूरी खबर… एसडीएम कई भर्ती परीक्षाओं में बना डमी कैंडिडेट:दोस्ती में भी RAS अफसर ने दिया था एग्जाम; पैसे लेकर परीक्षा में बैठता था सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 (SI) डमी कैंडिडेट बने एसडीएम हनुमानराम कई परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बनकर एग्जाम दे चुका है। एसओजी ने आज गिरफ्तार एसडीएम को कोर्ट में पेश किया। एसओजी ने 10 दिन का रिमांड मांगा, कोर्ट ने एक दिन के रिमांड पर भेजा। एसआई भर्ती परीक्षा में आरोपी SDM ने नरपतराम ( 29) के लिए डमी कैंडिडेट बन कर परीक्षा दी थी। पढ़ें पूरी खबर
सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती-2021 में डमी कैंडिडेट बनने वाले फतेहगढ़ SDM हनुमानराम ने एसओजी से हुई पूछताछ में कई सच कबूले हैं। हनुमानराम केवल SI भर्ती नहीं, पटवारी से लेकर ग्राम सेवक और शिक्षक भर्ती में भी डमी कैंडिडेट बनकर लोगों को पास करवा चुका है। उसने फोटो देखकर स्वीकार किया कि पटवारी भर्ती में वांछित डमी कैंडिडेट वो खुद है। पकड़े जाने के बाद हनुमानराम ने एसओजी के सामने इमोशनल कार्ड खेलने की भी कोशिश की। रोते और गिड़गिड़ाते हुए बोला- पैसों की तंगी दूर करने के लिए वो कोचिंग माफियाओं के झांसे में आकर ये काम करने लगा था। RAS-2021 में सिलेक्शन होने के बाद उसने ये काम बंद कर दिया था। हालांकि दोस्तों के कहने पर आखिरी बार SI भर्ती में नरपतराम के लिए 15 लाख में डमी कैंडिडेट बनने की भूल कर बैठा। हनुमानराम ने एसओजी को यह भी बताया कि वो तो खुद कोचिंग माफियाओं को कॉल कर कहता था- सुधर जाओ, ये काम छोड़ दो। वहीं, खुद के पकड़े जाने का डर भी सता रहा था। हनुमानराम से एसओजी एडीजी वीके सिंह, एसपी लोकेश सोनवाल और सीमा शर्मा पूछताछ कर रही है। एसओजी के सामने उसने कौन-कौनसे सच कबूले पढ़िए इस स्टोरी में…. 12वीं का टॉपर, कोचिंग माफियाओं के चक्कर में बना ‘मुन्ना भाई’
एसओजी की पूछताछ में हनुमानराम ने बताया कि दसवीं कक्षा से ही उसका राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) का अफसर बनने का सपना था। जसवंतपुरा जवाहर नवोदय स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा में उसने आट्र्स में उसने टॉप कर 90.20 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। तबसे ही कोचिंग संस्थाओं ने उससे संपर्क करना शुरू किया था। तब आर्थिक स्थिति सही नहीं होने से वो कोचिंग नहीं जा पाया। जिसका उसे मलाल था और वो पैसे कमाना चाहता था। हनुमानराम ने साल 2015 से सूरतगढ़ के भाटिया आश्रम में रहकर तैयारी की। बाद में जयपुर में रहकर आरएएस भर्ती की तैयारी करने लगा। RAS-2016 में हनुमानराम का चयन सांख्यिकी विभाग में हो गया था। नौकरी जॉइन करने के बाद हनुमानराम की योग्यता को देखते हुए कोचिंग माफियाओं ने उसे बड़ा लालच दिया। सरकारी भर्तियों में डमी कैंडिडेट बनने का ऑफर दिया। नौकरी लगने के बाद पूरे विश्वास के साथ हनुमानराम डमी के रूप में बैठता था और मोटी रकम वसूलता था। पूछताछ में सामने आया कि हनुमानराम ने पटवारी, ग्राम सेवक, शिक्षक, एसआई भर्ती में भी डमी बनकर दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी। हनुमानराम के पास आरएएस भर्ती-2021 में भी डमी कैंडिडेट बनने का ऑफर था। मगर उसने अपना करियर बनाने का फैसला लिया और इनकार कर दिया। आरएसएस भर्ती में डमी बैठने का मिला था ऑफर
आरएएस-2021 में हनुमानराम ने 22 वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद भी कोचिंग और पेपर लीक माफिया से जुड़े लोग हनुमानराम के संपर्क में रहे। मगर उसने साल 2021 भर्ती में सिलेक्ट होने के बाद डमी कैंडिडेट के रूप में बैठना बंद कर दिया था। प्रारंभिक पूछताछ में हनुमानराम ने स्वीकार किया है कि उसने दोस्तों के कहने पर 15 लाख रुपए में नरपतराम के बदले डमी बैठने का सौदा किया था। जिसमें से केवल डेढ़ लाख रुपए उसे दिए गए, बाकी पैसे देने में नरपतराम आना कानी कर रहा था। कोचिंग माफियाओं को कॉल कर कहता था- अब सुधर जाओ
एसडीएम बनने के बाद साल 2024 में एसआई भर्ती- 2021 विवादों में आई थी। SOG की लगातार हो रही कार्रवाई के बाद से हनुमानराम घबराया हुआ था। हनुमानराम एसओजी की हर एक्टिविटी पर नजर रखता था। उससे जुड़ी खबरें पढ़ता था। इसके बाद माफियाओं को वॉट्सऐप कॉल कर कहता था- अब सुधर जाओ, गलत काम अब मत करो। एसओजी ने हनुमानराम का मोबाइल भी जब्त किया है, जिसे तकनीकी जांच के लिए भेजा गया है। एसओजी को उम्मीद है कि हनुमानराम के मोबाइल से कई राज सामने आएंगे। एसओजी हनुमानराम से जुडे कोचिंग माफिया कनेक्शन को भी तलाश रही है। हरखू से हनुमानराम तक पहुंची एसओजी
दरअसल, एसओजी जब एसआई भर्ती की गड़बड़ी की जांच कर रही थी, तभी प्लाटून कमांडर के पद पर चयनित होने के बाद पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रही हरखू जाट को गिरफ्तार किया था। हरखू जाट ने डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास करना स्वीकार किया था। उसने नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा का नाम लिया था। हरखू ने बताया कि एक लाइब्रेरी में परीक्षा की तैयारी के दौरान उसकी इनसे मुलाकात हुई थी। हरखू की जगह इंद्रा ने डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी। वहीं इंद्रा के पति नरपतराम ने सिरोही के टीचर रामनिवास का नाम लिया था। रामनिवास ने आगे हनुमानराम का नाम लिया था। रामनिवास ने लिया हनुमानराम का नाम
एसओजी के इनपुट के आधार पर सबसे पहले जोधपुर रेंज पुलिस ने SI भर्ती में 2 साल से वांछित नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार किया था। सिरोही पुलिस ने रामनिवास को पकड़कर एसओजी को सौंपा था। रामनिवास ने एसओजी को एसडीएम हनुमानराम का नाम बताया था। एसओजी ने जैसलमेर पुलिस की मदद से फतेहगढ़ एसडीएम हनुमानराम को 9 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था। SOG से बोला- गलती हो गई साहब, माफ कर दो
गिरफ्तारी के बाद एसओजी की पूछताछ के दौरान एसडीएम हनुमानराम काफी देर तक रोता रहा। गिड़गिड़ाता रहा और एसओजी के अफसरों को कहता रहा कि उससे गलती हो गई। हनुमानराम ने एसओजी अफसरों को बार-बार गरीबी का हवाला देकर परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की। हनुमानराम ने एसओजी को बताया कि उसकी 6 बहनें हैं, वो घर में सबसे बड़ा है। उसके पिता कौशला राम खेती करते हैं। मां पेम्पो देवी गृहिणी हैं। एक भाई भी है। फोटो एडिटिंग कर डमी कैंडिडेट बैठाने वाला फोटोग्राफर गिरफ्तार
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक मामले में एसओजी ने भीनमाल से एक फोटोग्राफर को गिरफ्तार किया है, जो मूल और डमी कैंडिडेट के फोटो एडिट कर मिक्स करने का आरोपी है। न्यायालय ने आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। एटीएस और एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी.के.सिंह ने बताया कि आरोपी रामनिवास विश्नोई की निशानदेही पर भीनमाल निवासी महेंद्र कुमार को पकड़ा गया है। महेंद्र भीनमाल में अजंता फोटो स्टूडियो चलाता है। उसने 2021 में रामनिवास विश्नोई और हनुमानाराम की फोटो एडिट कर मिक्स की थी। साथ ही नरपत लाल व हनुमानाराम की फोटो भी मिक्स की थी। इन एडिटेड फोटो का इस्तेमाल कर हनुमानाराम ने 14 सितंबर 2021 को नरपतलाल के एडमिट कार्ड पर और 15 सितंबर को रामनिवास के एडमिट कार्ड पर लगाकर परीक्षा दी। दोनों को लिखित परीक्षा में पास करवाया गया। एसओजी टीम महेंद्र से अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता की जांच कर रही है। इस प्रकरण में अब तक 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। …………………………………….. आरएएस अफसर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… SI भर्ती फर्जीवाड़े में पहली बार एसडीएम गिरफ्तार:डमी कैंडिडेट बनकर दी थी परीक्षा; RAS एग्जाम में दूसरे प्रयास में मिली थी 22वीं रैंक सब इंस्पेक्टर भर्ती फर्जीवाड़े में प्रदेश में पहली बार एसडीएम की गिरफ्तारी हुई है। SOG की टीम ने जैसलमेर के फतेहगढ़ SDM हनुमान राम को गिरफ्तार किया है। हनुमान राम ने डमी कैंडिडेट बनकर नरपतराम की जगह एसआई भर्ती परीक्षा दी थी। पढ़ें पूरी खबर… एसडीएम कई भर्ती परीक्षाओं में बना डमी कैंडिडेट:दोस्ती में भी RAS अफसर ने दिया था एग्जाम; पैसे लेकर परीक्षा में बैठता था सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 (SI) डमी कैंडिडेट बने एसडीएम हनुमानराम कई परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बनकर एग्जाम दे चुका है। एसओजी ने आज गिरफ्तार एसडीएम को कोर्ट में पेश किया। एसओजी ने 10 दिन का रिमांड मांगा, कोर्ट ने एक दिन के रिमांड पर भेजा। एसआई भर्ती परीक्षा में आरोपी SDM ने नरपतराम ( 29) के लिए डमी कैंडिडेट बन कर परीक्षा दी थी। पढ़ें पूरी खबर