
दौसा और अलवर जिले के गांवों में पिछले 2 दिनों से टाइगर (एसटी-2402) की दहशत है। दौसा के महुखुर्द गांव में रेस्क्यू के दौरान टाइगर ने वन विभाग की टीम की गाड़ी पर हमला कर दिया। इस दौरान गाड़ी का कांच टूट गया था, लेकिन किसी कर्मचारी को चोट नहीं आई। पिछले 30 घंटों से वन विभाग की टीमें टाइगर को पकड़ नहीं पाई है। सरिस्का और रणथंभौर टाइगर रिजर्व की टीमें इसे ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। टाइगर की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। दरअसल, टाइगर ने 1 दिन पहले दौसा के महुखुर्द गांव में एक महिला समेत 3 लोगों पर हमला कर दिया था। इसके बाद से ही टीमें इसे रेस्क्यू करने में जुटी है। दिनभर की कोशिशों के बाद भी इसे पकड़ा नहीं जा सका था। रात को टाइगर दौसा से निकलकर अलवर के करणपुरा गांव में पहुंच गया। दहाड़ सुनकर बाहर निकले तो घर के सामने बाघ खड़ा था
ग्रामीण राम खिलाड़ी मीणा ने बताया- सुबह 4:30 बजे टाइगर घर के आंगन में घुस गया था। उसने जोरदार दहाड़ लगाई। दहाड़ इतनी तेज थी कि ऐसा लगा जैसे मकान गिर जाएगा। जब हम सभी दहाड़ सुनकर बाहर निकले तो बाघ घर के सामने खड़ा था। हमने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इसके बाद टाइगर खेतों के रास्ते से होता हुआ भाग गया। सरसों के खेत में मिले टाइगर के पगमार्क
बांदीकुई (दौसा) रेंजर दीपक शर्मा ने बताया- गुरुवार सुबह टाइगर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए टीम ने अभियान फिर शुरू किया। उसकी लोकेशन दौसा के महुखुर्द गांव से 2 किमी दूर करिरीया गांव में मिली। इसके बाद वह दौसा के दुब्बी गांव से होते हुए अलवर जिले के करणपुरा गांव तक पहुंच गया है। यहां टीम की ओर से ट्रैप के लिए पिंजरा लगाया गया है। उन्होंने बताया- करणपुरा गांव स्थित एक सरसों के खेतों में टाइगर के पगमार्क मिले हैं। यह एरिया सरिस्का टाइगर रिजर्व से 38 किमी दूर है। करणपुरा गांव में खेतों में टाइगर के पगमार्ग मिलने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आज रात तक टाइगर फिर से सरिस्का एरिया में लौट सकता है। कल अंधेरा होने के बाद रोक दिया था रेस्क्यू ऑपरेशन
रेंजर ने बताया- सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर यह टाइगर (ST 2402) करीब 29 किलोमीटर दूर महुखुर्द गांव (बांदीकुई, दौसा) एरिया में 1 जनवरी को पहुंच गया था। यहां सुबह 7.30 बजे टाइगर ने एक महिला और दो लोगों पर हमला कर दिया था। इसमें से एक व्यक्ति को जयपुर रेफर कर दिया गया था, जबकि दो लोगों का इलाज बांदीकुई में ही चल रहा है। ट्रैंकुलाइज करने की 3 कोशिशें हुई फेल
दीपक शर्मा ने बताया- टाइगर के हमले के बाद टीमें एक्टिव हुई। सरिस्का और रणथंभौर से भी टीमें मौके पर आई। इन टीमों ने महुखुर्द के आसपास और पलासन नदी एरिया में टाइगर को तलाश किया, लेकिन उसे पकड़ा नहीं जा सका। टाइगर की उम्र 4 साल है। उसे तीन बार ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन निशाना नहीं लगा। रात को अंधेरा होने के कारण अभियान को रोक दिया गया।
दौसा और अलवर जिले के गांवों में पिछले 2 दिनों से टाइगर (एसटी-2402) की दहशत है। दौसा के महुखुर्द गांव में रेस्क्यू के दौरान टाइगर ने वन विभाग की टीम की गाड़ी पर हमला कर दिया। इस दौरान गाड़ी का कांच टूट गया था, लेकिन किसी कर्मचारी को चोट नहीं आई। पिछले 30 घंटों से वन विभाग की टीमें टाइगर को पकड़ नहीं पाई है। सरिस्का और रणथंभौर टाइगर रिजर्व की टीमें इसे ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। टाइगर की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। दरअसल, टाइगर ने 1 दिन पहले दौसा के महुखुर्द गांव में एक महिला समेत 3 लोगों पर हमला कर दिया था। इसके बाद से ही टीमें इसे रेस्क्यू करने में जुटी है। दिनभर की कोशिशों के बाद भी इसे पकड़ा नहीं जा सका था। रात को टाइगर दौसा से निकलकर अलवर के करणपुरा गांव में पहुंच गया। दहाड़ सुनकर बाहर निकले तो घर के सामने बाघ खड़ा था
ग्रामीण राम खिलाड़ी मीणा ने बताया- सुबह 4:30 बजे टाइगर घर के आंगन में घुस गया था। उसने जोरदार दहाड़ लगाई। दहाड़ इतनी तेज थी कि ऐसा लगा जैसे मकान गिर जाएगा। जब हम सभी दहाड़ सुनकर बाहर निकले तो बाघ घर के सामने खड़ा था। हमने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इसके बाद टाइगर खेतों के रास्ते से होता हुआ भाग गया। सरसों के खेत में मिले टाइगर के पगमार्क
बांदीकुई (दौसा) रेंजर दीपक शर्मा ने बताया- गुरुवार सुबह टाइगर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए टीम ने अभियान फिर शुरू किया। उसकी लोकेशन दौसा के महुखुर्द गांव से 2 किमी दूर करिरीया गांव में मिली। इसके बाद वह दौसा के दुब्बी गांव से होते हुए अलवर जिले के करणपुरा गांव तक पहुंच गया है। यहां टीम की ओर से ट्रैप के लिए पिंजरा लगाया गया है। उन्होंने बताया- करणपुरा गांव स्थित एक सरसों के खेतों में टाइगर के पगमार्क मिले हैं। यह एरिया सरिस्का टाइगर रिजर्व से 38 किमी दूर है। करणपुरा गांव में खेतों में टाइगर के पगमार्ग मिलने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आज रात तक टाइगर फिर से सरिस्का एरिया में लौट सकता है। कल अंधेरा होने के बाद रोक दिया था रेस्क्यू ऑपरेशन
रेंजर ने बताया- सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर यह टाइगर (ST 2402) करीब 29 किलोमीटर दूर महुखुर्द गांव (बांदीकुई, दौसा) एरिया में 1 जनवरी को पहुंच गया था। यहां सुबह 7.30 बजे टाइगर ने एक महिला और दो लोगों पर हमला कर दिया था। इसमें से एक व्यक्ति को जयपुर रेफर कर दिया गया था, जबकि दो लोगों का इलाज बांदीकुई में ही चल रहा है। ट्रैंकुलाइज करने की 3 कोशिशें हुई फेल
दीपक शर्मा ने बताया- टाइगर के हमले के बाद टीमें एक्टिव हुई। सरिस्का और रणथंभौर से भी टीमें मौके पर आई। इन टीमों ने महुखुर्द के आसपास और पलासन नदी एरिया में टाइगर को तलाश किया, लेकिन उसे पकड़ा नहीं जा सका। टाइगर की उम्र 4 साल है। उसे तीन बार ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन निशाना नहीं लगा। रात को अंधेरा होने के कारण अभियान को रोक दिया गया।