
भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने स्पेस से लौटने के बाद मंगलवार को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुनीता ने अपने साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर और निक हेग के साथ टेक्सास के जॉनसन स्पेस सेंटर में मीडिया से बात की। दैनिक भास्कर इकलौता भारतीय न्यूज संस्थान रहा, जिसे सुनीता विलियम्स से सवाल पूछने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि भारत स्पेस प्रोग्राम में अपनी जगह बना रहा है। वह इसका हिस्सा बनना चाहेंगी। भास्कर रिपोर्टर उत्कर्ष कुमार सिंह ने सुनीता विलियम्स से दो सवाल पूछे- पहला सवाल: ISRO चीफ ने कहा कि भारत आपके अनुभव को स्पेस एक्सप्लोरेशन में इस्तेमाल करना चाहता है। क्या हम भविष्य में आपको इसरो के साथ काम करते या सहयोग करते हुए देख सकते हैं? दूसरा सवाल: ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) से भारत को देखने का अनुभव कैसा रहा? कोई ऐसा पल जिसे आप साझा करना चाहें। अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? सुनीता विलियम्स का जवाब: भारत अद्भुत है। हर बार जब हम हिमालय के ऊपर से गुजरे, बुच ने हिमालय की अविश्वसनीय तस्वीरें खीचीं। अंतरिक्ष से हिमालय का नजारा शानदार है। ऐसा लगता था जैसे लहरें उठ रही हों और भारत में नीचे की ओर बह रही हों। भारत के बहुत सारे रंग हैं। जब आप पूर्व से पश्चिम की तरफ जाते हैं तो वहां के तटों पर मौजूद मछली पकड़ने वाली नावों का बेड़ा गुजरात और मुम्बई के आने का संकेत दे देता है। पूरे भारत में बड़े शहरों से छोटे शहरों तक लाइट्स का नेटवर्क दिखता है, जो रात में अविश्वसनीय लगता है। दिन में हिमालय को देखना अद्भुत था। मैं निश्चित तौर पर अपने अपने पिता के देश भारत जाऊंगी। जल्द ही एक्सिओम मिशन (Axiom Mission) पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री को लेकर मैं उत्साहित हैं। यह बहुत बढ़िया है। वो बात कर पाएंगे कि उनके नजरिए से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर कितना अद्भुत है। मैं उम्मीद करती हूं कि मैं उनसे किसी समय मिल सकूं और हम भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ अपना अनुभव साझा कर सकें। भारत महान देश और अद्भुत लोकतंत्र है जो अंतरिक्ष देशों में अपनी जगह बनाना चाह रहा है। हम इसका हिस्सा बनना चाहेंगे और भारत की मदद करना चाहेंगे। बुच विलमोर ने सुनीता विलियम्स से मजाकिया लहजे में पूछा- क्या आप अपने साथ क्रू के साथियों को भी भारत ले जाएंगी?
सुनीता ने हंसते हुए जवाब दिया- निश्चित तौर पर… शायद आप थोड़े मोटे हो जाएं, पर ये ठीक है। हम आपको मसालेदार खाना खिलाएंगे। भास्कर के साथ-साथ तीनों एस्ट्रोनॉट्स ने दुनिया के कई और रिपोर्टर्स के सवालों के जवाब दिए…. 1. सवाल: जब आप धरती पर लौटे तो सबसे पहले आप क्या करना चाहते थे। 9 महीने बाद कोई फूड जिसकी आपको खाने की इच्छा थी। सुनीता विलियम्स का जवाब: मैं अपने पति और अपने डॉग्स को गले लगाना चाहती थी। फूड एक ऐसी चीज है जो आपको घर की याद दिलाती है। मेरे पिता शाकाहारी थे, इसलिए जब मैं घर पहुंची तो मैंने एक अच्छा ग्रिल्ड चीज सैंडविच खाया। बुच विल्मोर का जवाब: परिवार के साथ-साथ हम उन सभी से मिलना चाहते थे, जो हमारे साथ जुड़े रहे। इसके साथ ही हम अपने देश को धन्यवाद देते हैं, जिसने हमें यह मौका दिया। 2. सवाल: स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में दिक्कत आई उसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं? बुच विल्मोर का जवाब: बोइंग, नासा और हम सभी जिम्मेदार हैं। हमें आगे की ओर देखना चाहिए, हम बैठकर किसी को दोष नहीं दे सकते। हम इस बिजनेस में बिना विश्वास के टिके नहीं रह सकते। ऐसे में पीछे मुड़कर किसी को भी जिम्मेदार ठहराने की बजाय हमें आगे आने वाली चीजों पर ध्यान देना चाहिए। हम इसी पूरी प्रोसेस से सीखेंगे ताकी भविष्य में सफल रहें। 3. सवाल: अगर आपको मौका मिले क्या आप दोबारा स्टारलाइनर से जाएंगे? बुच विल्मोर का जवाब: हां, बिल्कुल। जो भी दिक्कतें आई थीं, हम उन्हें फिक्स कर रहे हैं। बोइंग और नासा इन सभी चीजों को लेकर पूरी तरह समर्पित हैं। सुनीता विलियम्स का जवाब: मैं भी पूरी तरह सहमत हूं। स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह सक्षम है। कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें फिक्स करने की जरूरत है, जिन पर काम किया जा रहा है। यह एक बहुत अच्छा स्पेसक्राफ्ट है। इसमें कई ऐसी खूबियां हैं, जो दूसरे स्पेसक्राफ्ट में नहीं हैं। 4. सवाल: आपको लेकर जो अलग-अलग तरह के नरेटिव चल रहे थे, उसे लेकर आप क्या कहेंगे? बुच विल्मोर का जवाब: हम सभी पहले भी उड़ान भर चुके हैं और हमें पता था कि चीजें गलत हो सकती हैं। हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार थे। इन्हीं सब चीजों के लिए हमें ट्रेनिंग दी जाती है। हमारी जगह कोई और भी होता तो वो इसी तरह काम करता। सुनीता विलियम्स का जवाब: यह सिर्फ बुच और मेरे तक की बात नहीं थी। यह एक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रोग्राम था। हम सभी चीजों के लिए तैयार थे, जिससे मिशन पूरा हो सके। बहुत सारे लोग इस प्रोग्राम पर नजर बनाए हुए थे, उन्हें पता था कि हमारी वापसी का सही वक्त कौन सा है। हम उसी फैसले का इंतजार कर रहे थे, जो बिल्कुल सही है। 5. सवाल: आपके मिशन का राजनीतिकरण हो गया था। आपको क्या लगता है, इससे दूसरे एस्ट्रोनॉट्स पर क्या असर पड़ेगा? निक हेग का जवाब: जब स्पेस स्टेशन पर होते हैं तो आपका इन पॉलिटिकल बातों पर कोई ध्यान नहीं रहता। हमारा ध्यान मिशन पर था, राजनीति के लिए कोई जगह नहीं थी। सुनीता और बुच स्पेस मिशन पर शानदार तरीके से काम कर रहे थे। सनी (सुनीता विलियम्स) तो स्पेस कमांडर भी थीं। 6. सवाल: आप 9 महीने तक स्पेस स्टेशन पर रहे तो आपका रिकवरी प्रोसेस कैसा है? बुच विल्मोर का जवाब: हमारे पास कई रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट्स हैं। हम रोजाना एक्सरसाइज करते हैं। हमने स्पेश स्टेशन पर भी खूब एक्सरसाइज की। इतनी तो मैंने अपने आज तक के जीवन में नहीं की। सुनीता विलियम्स का जवाब: एक्सपर्ट्स हमारे रिहैबिलिटेशन पर ध्यान दे रहे हैं। धरती पर आने के बाद से ही हम एक्सपर्ट्स के बताए प्रोटोकॉल को फॉलो कर रहे हैं। 7. सवाल: बोइंग में जो दिक्कत आई है क्या उससे भविष्य के स्पेस मिशन में देरी हो सकती है? सुनीता विलियम्स का जवाब: यह एक अच्छा सवाल है। हमने इससे उम्मीद का सबक सीखा है, हम हर एक छोटी गलती से सीख रहे हैं। जिससे अगली बार बेहतर करें। हम सीखते हैं, आगे बढ़ते और बेहतर करते हैं। 8. सवाल: आप इन सब चीजों को लेकर व्यक्तिगत भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं? निक हेग का जवाब: हम सभी ने अंतरिक्ष स्टेशन पर कई मिशन किए हैं। हम अभी स्पेस स्टेशन के गोल्डन एज में हैं। जब मैं ह्यूमन स्पेस रिसर्च के भविष्य के बारे में सोचता हूं तो आशावादी हो जाता हूं। 9. सवाल: जब जीरो ग्रेविटी से पृथ्वी की कक्षा में वापस लौटे तो इसका एक्सपीरियंस शेयर करना चाहेंगे? बुच विल्मोर का जवाब: मैं आपको बता सकता हूं कि स्पेस से धरती पर आते वक्त 3000 डिग्री फायरबॉल प्लाज्मा के अंदर होना बहुत अजीब था। यह बहुत रोमांचक था। 10. सवाल: 9 महीने अंतरिक्ष में रहने के बाद कैसे रिकवर कर रहे हैं? सुनीता विलियम्स का जवाब: हम धीरे धीरे सभी चीजों से रिकवर कर रहे हैं। यह काफी अद्भुत है कि कैसे आपका शरीर धीरे-धीरे सभी चीजों को एडाप्ट कर रहा है। जब हम पहली बार धरती पर आए थे तो लड़खड़ाने लगे थे। 4 घंटे बाद ही हममें बदलाव नजर आने लगते हैं। इंसान का दिमाग आस-पास की चीजों को समझने लगता है। एक हफ्ते में आप अच्छा फील करने लगते हैं। 11. सवाल: आपका इस मिशन से क्या लाइफ लेसन रहा? सुनीता विलियम्स का जवाब: मैं इसे ऐसे देखती हूं कि ऐसे मुश्किल हालात में भी मेरे सामने क्या मौके हैं। ऐसा नहीं है कि मैंने कोई मौका गंवाया है, बल्कि मुझे एक और अवसर मिला है। इस दौरान मैंने कई सारी चीजें सीखी हैं। जब चीजें आपके हिसाब से नहीं हो रही हों तो आंखें बंद करें और सोचें कि अब क्या बेहतर आपका इंतजार कर रहा है। बुच विल्मोर का जवाब: मैं बाइबल और इसमें दिए गए संदेश में यकीन रखता हूं, यह वह संदेश है जिसके अनुसार मैं जीता हूं। कोई भी व्यक्ति दुख के बिना जीवन नहीं जी सकता। यही सब चुनौतियां हमें बढ़ने और विकसित होने में मदद करती हैं। इन्हीं चीजों से हम सीखते हैं। 12. सवाल: बुच और सुनी (सुनीता) आप दोनों ने कई छुट्टियां मिस की हैं। अब आप अपने परिवार और फ्रैंड्स के साथ क्या स्पेशल प्लान कर रहे हैं? बुच विल्मोर का जवाब: हमें नहीं लगता है कि हमने कुछ मिस किया। हमने स्पेस स्टेशन पर भी सब कुछ सेलिब्रेट किया है। सुनीता विलियम्स का जवाब: वहां छुट्टियों मनाना हमारे लिए यूनीक था, यह छुट्टियां हमारे लिए काफी स्पेशल थीं। 8 दिन के मिशन पर गए थे, लेकिन 9 महीने से ज्यादा समय लग गया
सुनीता विलियम्स अपने चार साथियों के साथ 19 मार्च पृथ्वी पर लौटीं थीं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने 14 दिन तक रहीं। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। लेकिन थ्रस्टर में आई गड़बड़ी के बाद उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय का हो गया था। ————————– सुनीता विलियम्स से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौटीं सुनीता विलियम्स:स्पेसक्राफ्ट का टेम्परेचर बढ़ने पर 7 मिनट संपर्क टूटा, फ्लोरिडा समुद्र तट पर लैंडिंग भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर स्प्लैशडाउन हुआ, यानी पानी में लैंडिंग हुई। यहां पढ़ें पूरी खबर… सुनीता विलियम्स की वापसी की 16 PHOTOS:आग की रिंग जैसा दिखा स्पेसक्राफ्ट, पैराशूट खुले; फिर लैंडिंग और मुस्कुरा उठे एस्ट्रोनॉट्स भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपने चार साथियों के साथ मंगलवार देर रात 3:27 बजे पृथ्वी पर लौट आईं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने 14 दिन तक रहीं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने स्पेस से लौटने के बाद मंगलवार को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुनीता ने अपने साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर और निक हेग के साथ टेक्सास के जॉनसन स्पेस सेंटर में मीडिया से बात की। दैनिक भास्कर इकलौता भारतीय न्यूज संस्थान रहा, जिसे सुनीता विलियम्स से सवाल पूछने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि भारत स्पेस प्रोग्राम में अपनी जगह बना रहा है। वह इसका हिस्सा बनना चाहेंगी। भास्कर रिपोर्टर उत्कर्ष कुमार सिंह ने सुनीता विलियम्स से दो सवाल पूछे- पहला सवाल: ISRO चीफ ने कहा कि भारत आपके अनुभव को स्पेस एक्सप्लोरेशन में इस्तेमाल करना चाहता है। क्या हम भविष्य में आपको इसरो के साथ काम करते या सहयोग करते हुए देख सकते हैं? दूसरा सवाल: ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) से भारत को देखने का अनुभव कैसा रहा? कोई ऐसा पल जिसे आप साझा करना चाहें। अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? सुनीता विलियम्स का जवाब: भारत अद्भुत है। हर बार जब हम हिमालय के ऊपर से गुजरे, बुच ने हिमालय की अविश्वसनीय तस्वीरें खीचीं। अंतरिक्ष से हिमालय का नजारा शानदार है। ऐसा लगता था जैसे लहरें उठ रही हों और भारत में नीचे की ओर बह रही हों। भारत के बहुत सारे रंग हैं। जब आप पूर्व से पश्चिम की तरफ जाते हैं तो वहां के तटों पर मौजूद मछली पकड़ने वाली नावों का बेड़ा गुजरात और मुम्बई के आने का संकेत दे देता है। पूरे भारत में बड़े शहरों से छोटे शहरों तक लाइट्स का नेटवर्क दिखता है, जो रात में अविश्वसनीय लगता है। दिन में हिमालय को देखना अद्भुत था। मैं निश्चित तौर पर अपने अपने पिता के देश भारत जाऊंगी। जल्द ही एक्सिओम मिशन (Axiom Mission) पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री को लेकर मैं उत्साहित हैं। यह बहुत बढ़िया है। वो बात कर पाएंगे कि उनके नजरिए से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर कितना अद्भुत है। मैं उम्मीद करती हूं कि मैं उनसे किसी समय मिल सकूं और हम भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ अपना अनुभव साझा कर सकें। भारत महान देश और अद्भुत लोकतंत्र है जो अंतरिक्ष देशों में अपनी जगह बनाना चाह रहा है। हम इसका हिस्सा बनना चाहेंगे और भारत की मदद करना चाहेंगे। बुच विलमोर ने सुनीता विलियम्स से मजाकिया लहजे में पूछा- क्या आप अपने साथ क्रू के साथियों को भी भारत ले जाएंगी?
सुनीता ने हंसते हुए जवाब दिया- निश्चित तौर पर… शायद आप थोड़े मोटे हो जाएं, पर ये ठीक है। हम आपको मसालेदार खाना खिलाएंगे। भास्कर के साथ-साथ तीनों एस्ट्रोनॉट्स ने दुनिया के कई और रिपोर्टर्स के सवालों के जवाब दिए…. 1. सवाल: जब आप धरती पर लौटे तो सबसे पहले आप क्या करना चाहते थे। 9 महीने बाद कोई फूड जिसकी आपको खाने की इच्छा थी। सुनीता विलियम्स का जवाब: मैं अपने पति और अपने डॉग्स को गले लगाना चाहती थी। फूड एक ऐसी चीज है जो आपको घर की याद दिलाती है। मेरे पिता शाकाहारी थे, इसलिए जब मैं घर पहुंची तो मैंने एक अच्छा ग्रिल्ड चीज सैंडविच खाया। बुच विल्मोर का जवाब: परिवार के साथ-साथ हम उन सभी से मिलना चाहते थे, जो हमारे साथ जुड़े रहे। इसके साथ ही हम अपने देश को धन्यवाद देते हैं, जिसने हमें यह मौका दिया। 2. सवाल: स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में दिक्कत आई उसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं? बुच विल्मोर का जवाब: बोइंग, नासा और हम सभी जिम्मेदार हैं। हमें आगे की ओर देखना चाहिए, हम बैठकर किसी को दोष नहीं दे सकते। हम इस बिजनेस में बिना विश्वास के टिके नहीं रह सकते। ऐसे में पीछे मुड़कर किसी को भी जिम्मेदार ठहराने की बजाय हमें आगे आने वाली चीजों पर ध्यान देना चाहिए। हम इसी पूरी प्रोसेस से सीखेंगे ताकी भविष्य में सफल रहें। 3. सवाल: अगर आपको मौका मिले क्या आप दोबारा स्टारलाइनर से जाएंगे? बुच विल्मोर का जवाब: हां, बिल्कुल। जो भी दिक्कतें आई थीं, हम उन्हें फिक्स कर रहे हैं। बोइंग और नासा इन सभी चीजों को लेकर पूरी तरह समर्पित हैं। सुनीता विलियम्स का जवाब: मैं भी पूरी तरह सहमत हूं। स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह सक्षम है। कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें फिक्स करने की जरूरत है, जिन पर काम किया जा रहा है। यह एक बहुत अच्छा स्पेसक्राफ्ट है। इसमें कई ऐसी खूबियां हैं, जो दूसरे स्पेसक्राफ्ट में नहीं हैं। 4. सवाल: आपको लेकर जो अलग-अलग तरह के नरेटिव चल रहे थे, उसे लेकर आप क्या कहेंगे? बुच विल्मोर का जवाब: हम सभी पहले भी उड़ान भर चुके हैं और हमें पता था कि चीजें गलत हो सकती हैं। हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार थे। इन्हीं सब चीजों के लिए हमें ट्रेनिंग दी जाती है। हमारी जगह कोई और भी होता तो वो इसी तरह काम करता। सुनीता विलियम्स का जवाब: यह सिर्फ बुच और मेरे तक की बात नहीं थी। यह एक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रोग्राम था। हम सभी चीजों के लिए तैयार थे, जिससे मिशन पूरा हो सके। बहुत सारे लोग इस प्रोग्राम पर नजर बनाए हुए थे, उन्हें पता था कि हमारी वापसी का सही वक्त कौन सा है। हम उसी फैसले का इंतजार कर रहे थे, जो बिल्कुल सही है। 5. सवाल: आपके मिशन का राजनीतिकरण हो गया था। आपको क्या लगता है, इससे दूसरे एस्ट्रोनॉट्स पर क्या असर पड़ेगा? निक हेग का जवाब: जब स्पेस स्टेशन पर होते हैं तो आपका इन पॉलिटिकल बातों पर कोई ध्यान नहीं रहता। हमारा ध्यान मिशन पर था, राजनीति के लिए कोई जगह नहीं थी। सुनीता और बुच स्पेस मिशन पर शानदार तरीके से काम कर रहे थे। सनी (सुनीता विलियम्स) तो स्पेस कमांडर भी थीं। 6. सवाल: आप 9 महीने तक स्पेस स्टेशन पर रहे तो आपका रिकवरी प्रोसेस कैसा है? बुच विल्मोर का जवाब: हमारे पास कई रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट्स हैं। हम रोजाना एक्सरसाइज करते हैं। हमने स्पेश स्टेशन पर भी खूब एक्सरसाइज की। इतनी तो मैंने अपने आज तक के जीवन में नहीं की। सुनीता विलियम्स का जवाब: एक्सपर्ट्स हमारे रिहैबिलिटेशन पर ध्यान दे रहे हैं। धरती पर आने के बाद से ही हम एक्सपर्ट्स के बताए प्रोटोकॉल को फॉलो कर रहे हैं। 7. सवाल: बोइंग में जो दिक्कत आई है क्या उससे भविष्य के स्पेस मिशन में देरी हो सकती है? सुनीता विलियम्स का जवाब: यह एक अच्छा सवाल है। हमने इससे उम्मीद का सबक सीखा है, हम हर एक छोटी गलती से सीख रहे हैं। जिससे अगली बार बेहतर करें। हम सीखते हैं, आगे बढ़ते और बेहतर करते हैं। 8. सवाल: आप इन सब चीजों को लेकर व्यक्तिगत भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं? निक हेग का जवाब: हम सभी ने अंतरिक्ष स्टेशन पर कई मिशन किए हैं। हम अभी स्पेस स्टेशन के गोल्डन एज में हैं। जब मैं ह्यूमन स्पेस रिसर्च के भविष्य के बारे में सोचता हूं तो आशावादी हो जाता हूं। 9. सवाल: जब जीरो ग्रेविटी से पृथ्वी की कक्षा में वापस लौटे तो इसका एक्सपीरियंस शेयर करना चाहेंगे? बुच विल्मोर का जवाब: मैं आपको बता सकता हूं कि स्पेस से धरती पर आते वक्त 3000 डिग्री फायरबॉल प्लाज्मा के अंदर होना बहुत अजीब था। यह बहुत रोमांचक था। 10. सवाल: 9 महीने अंतरिक्ष में रहने के बाद कैसे रिकवर कर रहे हैं? सुनीता विलियम्स का जवाब: हम धीरे धीरे सभी चीजों से रिकवर कर रहे हैं। यह काफी अद्भुत है कि कैसे आपका शरीर धीरे-धीरे सभी चीजों को एडाप्ट कर रहा है। जब हम पहली बार धरती पर आए थे तो लड़खड़ाने लगे थे। 4 घंटे बाद ही हममें बदलाव नजर आने लगते हैं। इंसान का दिमाग आस-पास की चीजों को समझने लगता है। एक हफ्ते में आप अच्छा फील करने लगते हैं। 11. सवाल: आपका इस मिशन से क्या लाइफ लेसन रहा? सुनीता विलियम्स का जवाब: मैं इसे ऐसे देखती हूं कि ऐसे मुश्किल हालात में भी मेरे सामने क्या मौके हैं। ऐसा नहीं है कि मैंने कोई मौका गंवाया है, बल्कि मुझे एक और अवसर मिला है। इस दौरान मैंने कई सारी चीजें सीखी हैं। जब चीजें आपके हिसाब से नहीं हो रही हों तो आंखें बंद करें और सोचें कि अब क्या बेहतर आपका इंतजार कर रहा है। बुच विल्मोर का जवाब: मैं बाइबल और इसमें दिए गए संदेश में यकीन रखता हूं, यह वह संदेश है जिसके अनुसार मैं जीता हूं। कोई भी व्यक्ति दुख के बिना जीवन नहीं जी सकता। यही सब चुनौतियां हमें बढ़ने और विकसित होने में मदद करती हैं। इन्हीं चीजों से हम सीखते हैं। 12. सवाल: बुच और सुनी (सुनीता) आप दोनों ने कई छुट्टियां मिस की हैं। अब आप अपने परिवार और फ्रैंड्स के साथ क्या स्पेशल प्लान कर रहे हैं? बुच विल्मोर का जवाब: हमें नहीं लगता है कि हमने कुछ मिस किया। हमने स्पेस स्टेशन पर भी सब कुछ सेलिब्रेट किया है। सुनीता विलियम्स का जवाब: वहां छुट्टियों मनाना हमारे लिए यूनीक था, यह छुट्टियां हमारे लिए काफी स्पेशल थीं। 8 दिन के मिशन पर गए थे, लेकिन 9 महीने से ज्यादा समय लग गया
सुनीता विलियम्स अपने चार साथियों के साथ 19 मार्च पृथ्वी पर लौटीं थीं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने 14 दिन तक रहीं। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। लेकिन थ्रस्टर में आई गड़बड़ी के बाद उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय का हो गया था। ————————– सुनीता विलियम्स से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौटीं सुनीता विलियम्स:स्पेसक्राफ्ट का टेम्परेचर बढ़ने पर 7 मिनट संपर्क टूटा, फ्लोरिडा समुद्र तट पर लैंडिंग भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर स्प्लैशडाउन हुआ, यानी पानी में लैंडिंग हुई। यहां पढ़ें पूरी खबर… सुनीता विलियम्स की वापसी की 16 PHOTOS:आग की रिंग जैसा दिखा स्पेसक्राफ्ट, पैराशूट खुले; फिर लैंडिंग और मुस्कुरा उठे एस्ट्रोनॉट्स भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपने चार साथियों के साथ मंगलवार देर रात 3:27 बजे पृथ्वी पर लौट आईं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने 14 दिन तक रहीं। पूरी खबर यहां पढ़ें…