
हरियाणा के 2 छात्र जनवरी महीने में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। सोमवार को इसका प्रसारण दिखाया गया। देशभर के छात्रों ने दिल्ली की सुंदर नर्सरी में मोदी से सवाल किए। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाला अजय सिरसा और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली खुशी नारनौल की रहने वाली है। PM से सिर्फ अजय ने सवाल पूछे। अजय ने उन्हें कविता भी सुनाई। अजय ने PM से पूछा- आज कल टेक्नोलॉजी काफी बढ़ गई है। कई बार हम इसका बहुत ज्यादा प्रयोग कर लेते हैं। इस पर आप हमारा मार्गदर्शन करें। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा- आप उस युग में बड़े हो रहे हैं जिसमें बड़ी मात्रा में टेक्नोलॉजी का फैलाव है। इसलिए इससे भागने की जरूरत नहीं है। आपको तय करना होगा कि क्या मैं रील देखता रहता हूं? उसी में समय जाता है क्या? अगर उसी में रुचि है तो उसकी बारीकी में जाओ। उसे तूफान न समझो, जो गिरा देगा। जो इस पर रिसर्च कर रहे हैं, वो आपकी भलाई के लिए कर रहे हैं। इसलिए टेक्नोलॉजी को जानें और समझें। उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं खुशी के स्कूल में कार्यक्रम दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई। दैनिक भास्कर से बातचीत में खुशी ने कहा- 105 बच्चों को चुना गया था। 24 से 29 तक हम दिल्ली में रहे। हमें वहां परेड से लेकर संग्रहालय देखने का मौका मिला। PM से बातचीत के लिए 36 बच्चों को चुना गया। उसमें वह नहीं थी। 18-18 के 2 ग्रुप बनाए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री से परीक्षा पे चर्चा की। चंडीगढ़ के स्टूडेंट ने लीडरशिप पर सवाल किया
चंडीगढ़ के स्टूडेंट ने PM से लीडरशिप को लेकर सवाल पूछा। विराज ने PM से कहा कि कभी टीचर ने हमें मॉनिटर बनाते हैं तो बच्चे बात नहीं सुनते। सभी को समझाने का एक तरीका होता है। उन्हें हम ये नहीं कह सकते कि बैठ जाओ वर्ना तुम्हारा बोर्ड पर नाम लिख दूंगा। ये सुनकर वो और शोर करेंगे। इसके लिए क्या कोई और तरीका है? इस पर मोदी ने कहा- लीडरशिप की परिभाषा ये नहीं होती कि नेता ने कुर्ता पजामा पहना है, जैकेट पहनी है और मंच पर संबोधित कर रहा है। आप (स्टूडेंट्स) में से कोई लीडर बन जाए। अगर वह कहेगा चलो, तो आप उसके साथ चलोगे। अगर मॉनिटर कहेगा कि आप चलो, मैं आता हूं। तो आपकी बात कोई नहीं सुनेगा। आप जब मॉनिटर की होमवर्क या दूसरी चीजों में सहयोग करोगे तो उसे लगेगा कि मॉनिटर मेरी केयर करता है। इसके लिए हमें अपने व्यवहार को बदलना पड़ेगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती। आसपास के लोग आप को अपना रहे हैं। उन्हें ज्ञान दोगे तो वे सुधार नहीं करेंगे। तो वो आपको स्वीकार नहीं करेगा। अगर आपने स्वच्छता पर भाषण झाड़ दिया और खुद गंदगी फैला रहे हो तो आप लीडर नहीं बन सकते। लीडर बनने के लिए टीमवर्क सीखना जरूरी है। जहां कम, वहां हम। अगर हमारे साथियों को कहीं परेशानी है तो हम वहां पहुंच जाए। इससे हमारी लीडरशिप बढ़ेगी। विश्वास लीडरशिप की बहुत बड़ी ताकत है। उधर, खुशी के स्कूल में परीक्षा का चर्चा का कार्यक्रम बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है। अजय ने बताया था कि उसने PM को कविता सुनाई थी। इस पर PM ने उसे हाथ पकड़कर घुमाया था। अब सिलसिलेवार ढंग से हरियाणा के दोनों छात्रों के बारे में जानिए खुशी के पिता सरकारी टीचर
खुशी नारनौल के धौलेड़ा गांव की रहने वाली है और यहीं के सरकारी मॉडल संस्कृति स्कूल में पढ़ती है। उसके पिता जिले सिंह सरकारी स्कूल के टीचर हैं। उनकी पोस्टिंग मेवात के एक स्कूल में है। सरकारी स्कूल में टीचर होने के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाना बेहतर समझा। वहीं, खुशी के दादा भी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद भी खुशी किसी भी मामले में कम नहीं है। खुशी के टीचर बताते हैं कि वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। पढ़ने और खेलने दोनों में बहुत होशियार है। प्राचार्य बोले- खुशी बहुत प्रतिभाशाली
राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल धौलेड़ा के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. पंकज गौड़ का कहना है कि हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि हमारे स्कूल की बेटी खुशी का चयन प्रधानमंत्री के प्रोग्राम के लिए हुआ है। वह बहुत प्रतिभाशाली है। वह प्रतियोगिताओं में तो भाग लेती ही है, उसकी शैक्षणिक उपलब्धियां भी बहुत हैं। वह अब PM के कार्यक्रम का हिस्सा बनी है तो यह उपलब्धि काफी बड़ी है। यह उपलब्धि और भी बड़ी हो जाती है, क्योंकि खुशी सरकारी स्कूल की छात्रा है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर एक मैसेज जाता है कि सरकारी स्कूल के बच्चे भी प्रतिभाशाली होते हैं, और राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभा सकते हैं। अजय का DC बनने का सपना
अजय सिरसा जिले के उपमंडल डबवाली के गोरीवाला गांव का रहने वाला है। वह कालूआना के आरोही मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 10वीं का स्टूडेंट है। उसके पिता पुरुषोत्तम खेतीबाड़ी करते हैं और मां कृष्णा हाउस वाइफ है। अजय DC बनना चाहता है। अजय ने PM से सवाल पूछे
अजय ने प्रधानमंत्री से प्रश्न किया कि हम चिंतन और मनन तो कर लेते हैं, लेकिन आत्मसात नहीं कर पाते आखिर ऐसा क्यों? इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया कि अगर हम अपने मन पर स्थिरता पाकर धीरे-धीरे निर्धारित काम को करने का प्रयास करें तो एक दिन आत्मसात जरूर कर लेंगे। अजय ने दूसरा प्रश्न पूछा कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के जरूरत से ज्यादा प्रयोग के कारण तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में हम क्या करें? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हर एक चीज के दो प्रभाव होते हैं। सोशल मीडिया एक तरफ जहां हमारे लिए उपयोगी है, वहीं दूसरी तरफ ज्यादा इस्तेमाल से इसके दुरुपयोग भी हैं। हर एक चीज का सीमित रूप में ही प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद अजय ने अपने लिखी हुई कविता भी प्रधानमंत्री को सुनाई। प्रिंसिपल बोलीं- ये बहुत बड़ी उपलब्धि
आरोही मॉडल सीनियर सेकेंडरी पब्लिक की प्रिंसिपल नीता नागपाल ने बताया कि हमें अजय पर गर्व है और जो इस मुक़ाम पर पहुंचा हैं। यह अजय के साथ-साथ पूरे स्कूल और जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए पूरा स्कूल स्टाफ पीएम मोदी के ऐसा कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त करता है। अजय का चयन एक विशेष प्रक्रिया के तहत हुआ। स्कूल की तरफ से कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बच्चे का वीडियो अपलोड किया गया था। जिसके बाद शिक्षा मंत्रालय की ओर से चयन किया गया।
हरियाणा के 2 छात्र जनवरी महीने में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। सोमवार को इसका प्रसारण दिखाया गया। देशभर के छात्रों ने दिल्ली की सुंदर नर्सरी में मोदी से सवाल किए। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाला अजय सिरसा और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली खुशी नारनौल की रहने वाली है। PM से सिर्फ अजय ने सवाल पूछे। अजय ने उन्हें कविता भी सुनाई। अजय ने PM से पूछा- आज कल टेक्नोलॉजी काफी बढ़ गई है। कई बार हम इसका बहुत ज्यादा प्रयोग कर लेते हैं। इस पर आप हमारा मार्गदर्शन करें। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा- आप उस युग में बड़े हो रहे हैं जिसमें बड़ी मात्रा में टेक्नोलॉजी का फैलाव है। इसलिए इससे भागने की जरूरत नहीं है। आपको तय करना होगा कि क्या मैं रील देखता रहता हूं? उसी में समय जाता है क्या? अगर उसी में रुचि है तो उसकी बारीकी में जाओ। उसे तूफान न समझो, जो गिरा देगा। जो इस पर रिसर्च कर रहे हैं, वो आपकी भलाई के लिए कर रहे हैं। इसलिए टेक्नोलॉजी को जानें और समझें। उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं खुशी के स्कूल में कार्यक्रम दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई। दैनिक भास्कर से बातचीत में खुशी ने कहा- 105 बच्चों को चुना गया था। 24 से 29 तक हम दिल्ली में रहे। हमें वहां परेड से लेकर संग्रहालय देखने का मौका मिला। PM से बातचीत के लिए 36 बच्चों को चुना गया। उसमें वह नहीं थी। 18-18 के 2 ग्रुप बनाए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री से परीक्षा पे चर्चा की। चंडीगढ़ के स्टूडेंट ने लीडरशिप पर सवाल किया
चंडीगढ़ के स्टूडेंट ने PM से लीडरशिप को लेकर सवाल पूछा। विराज ने PM से कहा कि कभी टीचर ने हमें मॉनिटर बनाते हैं तो बच्चे बात नहीं सुनते। सभी को समझाने का एक तरीका होता है। उन्हें हम ये नहीं कह सकते कि बैठ जाओ वर्ना तुम्हारा बोर्ड पर नाम लिख दूंगा। ये सुनकर वो और शोर करेंगे। इसके लिए क्या कोई और तरीका है? इस पर मोदी ने कहा- लीडरशिप की परिभाषा ये नहीं होती कि नेता ने कुर्ता पजामा पहना है, जैकेट पहनी है और मंच पर संबोधित कर रहा है। आप (स्टूडेंट्स) में से कोई लीडर बन जाए। अगर वह कहेगा चलो, तो आप उसके साथ चलोगे। अगर मॉनिटर कहेगा कि आप चलो, मैं आता हूं। तो आपकी बात कोई नहीं सुनेगा। आप जब मॉनिटर की होमवर्क या दूसरी चीजों में सहयोग करोगे तो उसे लगेगा कि मॉनिटर मेरी केयर करता है। इसके लिए हमें अपने व्यवहार को बदलना पड़ेगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती। आसपास के लोग आप को अपना रहे हैं। उन्हें ज्ञान दोगे तो वे सुधार नहीं करेंगे। तो वो आपको स्वीकार नहीं करेगा। अगर आपने स्वच्छता पर भाषण झाड़ दिया और खुद गंदगी फैला रहे हो तो आप लीडर नहीं बन सकते। लीडर बनने के लिए टीमवर्क सीखना जरूरी है। जहां कम, वहां हम। अगर हमारे साथियों को कहीं परेशानी है तो हम वहां पहुंच जाए। इससे हमारी लीडरशिप बढ़ेगी। विश्वास लीडरशिप की बहुत बड़ी ताकत है। उधर, खुशी के स्कूल में परीक्षा का चर्चा का कार्यक्रम बड़ी स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है। अजय ने बताया था कि उसने PM को कविता सुनाई थी। इस पर PM ने उसे हाथ पकड़कर घुमाया था। अब सिलसिलेवार ढंग से हरियाणा के दोनों छात्रों के बारे में जानिए खुशी के पिता सरकारी टीचर
खुशी नारनौल के धौलेड़ा गांव की रहने वाली है और यहीं के सरकारी मॉडल संस्कृति स्कूल में पढ़ती है। उसके पिता जिले सिंह सरकारी स्कूल के टीचर हैं। उनकी पोस्टिंग मेवात के एक स्कूल में है। सरकारी स्कूल में टीचर होने के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाना बेहतर समझा। वहीं, खुशी के दादा भी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद भी खुशी किसी भी मामले में कम नहीं है। खुशी के टीचर बताते हैं कि वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। पढ़ने और खेलने दोनों में बहुत होशियार है। प्राचार्य बोले- खुशी बहुत प्रतिभाशाली
राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल धौलेड़ा के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. पंकज गौड़ का कहना है कि हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि हमारे स्कूल की बेटी खुशी का चयन प्रधानमंत्री के प्रोग्राम के लिए हुआ है। वह बहुत प्रतिभाशाली है। वह प्रतियोगिताओं में तो भाग लेती ही है, उसकी शैक्षणिक उपलब्धियां भी बहुत हैं। वह अब PM के कार्यक्रम का हिस्सा बनी है तो यह उपलब्धि काफी बड़ी है। यह उपलब्धि और भी बड़ी हो जाती है, क्योंकि खुशी सरकारी स्कूल की छात्रा है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर एक मैसेज जाता है कि सरकारी स्कूल के बच्चे भी प्रतिभाशाली होते हैं, और राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभा सकते हैं। अजय का DC बनने का सपना
अजय सिरसा जिले के उपमंडल डबवाली के गोरीवाला गांव का रहने वाला है। वह कालूआना के आरोही मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 10वीं का स्टूडेंट है। उसके पिता पुरुषोत्तम खेतीबाड़ी करते हैं और मां कृष्णा हाउस वाइफ है। अजय DC बनना चाहता है। अजय ने PM से सवाल पूछे
अजय ने प्रधानमंत्री से प्रश्न किया कि हम चिंतन और मनन तो कर लेते हैं, लेकिन आत्मसात नहीं कर पाते आखिर ऐसा क्यों? इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया कि अगर हम अपने मन पर स्थिरता पाकर धीरे-धीरे निर्धारित काम को करने का प्रयास करें तो एक दिन आत्मसात जरूर कर लेंगे। अजय ने दूसरा प्रश्न पूछा कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के जरूरत से ज्यादा प्रयोग के कारण तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में हम क्या करें? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हर एक चीज के दो प्रभाव होते हैं। सोशल मीडिया एक तरफ जहां हमारे लिए उपयोगी है, वहीं दूसरी तरफ ज्यादा इस्तेमाल से इसके दुरुपयोग भी हैं। हर एक चीज का सीमित रूप में ही प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद अजय ने अपने लिखी हुई कविता भी प्रधानमंत्री को सुनाई। प्रिंसिपल बोलीं- ये बहुत बड़ी उपलब्धि
आरोही मॉडल सीनियर सेकेंडरी पब्लिक की प्रिंसिपल नीता नागपाल ने बताया कि हमें अजय पर गर्व है और जो इस मुक़ाम पर पहुंचा हैं। यह अजय के साथ-साथ पूरे स्कूल और जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए पूरा स्कूल स्टाफ पीएम मोदी के ऐसा कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त करता है। अजय का चयन एक विशेष प्रक्रिया के तहत हुआ। स्कूल की तरफ से कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बच्चे का वीडियो अपलोड किया गया था। जिसके बाद शिक्षा मंत्रालय की ओर से चयन किया गया।