
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार पर कवि कुमार विश्वास ने तंज कसा है। कुमार ने केजरीवाल का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली को आज उनसे मुक्ति मिल गई है। मुझे उस निर्लज्ज आदमी से कोई सहानुभूति नहीं है। केजरीवाल ने व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के लिए अन्ना आंदोलन से निकले लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचल दिया। उसने उसने AAP कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के लिए किया है। कुमार विश्वास ने बताया कि जब मेरी पत्नी ने मनीष सिसोदिया के हारने की खबर सुनी तो वे रोने लगीं। क्योंकि मनीष ने उनसे कहा था कि अभी तो ताकत है। तब मेरी पत्नी ने मनीष से कहा था कि ताकत हमेशा नहीं रहती। विश्वास ने कहा;- मैं भाजपा को जीत की बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे दिल्ली की जनता के लिए काम करेंगे। विश्वास बोले- अहंकार ईश्वर का भोजन है
इसके अलावा कुमार विश्वास ने एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वे केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि, वीडियो में वे किसी का नाम नहीं लिए हैं। विश्वास ने कैप्शन में लिखा, ‘अहंकार ईश्वर का भोजन है।’ जंगपुरा सीट पर 675 वोटों से हारे सिसोदिया पूर्वी दिल्ली लोकसभा में आने वाली जंगपुरा सीट सीट पर पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया महज 675 वोटों से चुनाव हारे हैं। भाजपा की ओर से तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्हें मात दी है। 2020 का चुनाव सिसोदिया मामूली अंतर से ही जीत पाए थे। सिसोदिया 2013 से पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ते आए हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रवींद्र सिंह नेगी को सिर्फ 3207 वोटों से हराया था। इस बार पटपड़गंज सीट से मनीष का जीतना मुश्किल लग रहा था। यही वजह है कि उन्हें जंगपुरा सीट से चुनाव में उतारा गया। पिछली बार AAP के प्रवीण कुमार ने जंगपुरा सीट करीब 16 हजार के मार्जिन से जीती थी। शीला दीक्षित के संसदीय सचिव थे तरविंदर सिंह सिसोदिया को मात देने वाले तरविंदर सिंह मारवाह 1998 से 2013 तक तीन बार जंगपुरा सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। साथ ही उस समय की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। वे जुलाई, 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। अभी दिल्ली भाजपा सिख प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा को स्पष्ट बहुमत भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, भाजपा 40 सीट जीती और 8 सीटों पर उसे बढ़त है यानी कुल 48 सीटें। आम आदमी पार्टी (AAP) भी 18 सीट जीती है, 4 सीटों पर आगे चल रही है यानी कुल 22 सीटें। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। भाजपा ने 1993 में 53 सीटें यानी दो तिहाई बहुमत हासिल किया था। 5 साल की सरकार में मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज सीएम बनाए गए थे। इस बदलाव में AAP के अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली और सिसोदिया जंगपुरा से चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट पर चुनाव जीत गई हैं। सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए हैं। हार के बाद केजरीवाल बोले- हमें हार स्वीकार है। भाजपा को जीत की बधाई देता हूं। पूरी खबर पढ़ें… ये खबर भी पढ़ें … केजरीवाल की हार की 11 वजह, BJP ने केजरीवाल को ‘कट्टर बेईमान साबित किया’, प्रवेश वर्मा को अघोषित CM बनाया तीन बार लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से चुनाव हार गए। डिप्टी CM रहे मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। 12 साल बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता से बाहर होने जा रही है, लेकिन ये तख्तापलट कैसे हुआ? पूरी खबर पढ़ें…
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार पर कवि कुमार विश्वास ने तंज कसा है। कुमार ने केजरीवाल का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली को आज उनसे मुक्ति मिल गई है। मुझे उस निर्लज्ज आदमी से कोई सहानुभूति नहीं है। केजरीवाल ने व्यक्तिगत महत्वकांक्षा के लिए अन्ना आंदोलन से निकले लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचल दिया। उसने उसने AAP कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के लिए किया है। कुमार विश्वास ने बताया कि जब मेरी पत्नी ने मनीष सिसोदिया के हारने की खबर सुनी तो वे रोने लगीं। क्योंकि मनीष ने उनसे कहा था कि अभी तो ताकत है। तब मेरी पत्नी ने मनीष से कहा था कि ताकत हमेशा नहीं रहती। विश्वास ने कहा;- मैं भाजपा को जीत की बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे दिल्ली की जनता के लिए काम करेंगे। विश्वास बोले- अहंकार ईश्वर का भोजन है
इसके अलावा कुमार विश्वास ने एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वे केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि, वीडियो में वे किसी का नाम नहीं लिए हैं। विश्वास ने कैप्शन में लिखा, ‘अहंकार ईश्वर का भोजन है।’ जंगपुरा सीट पर 675 वोटों से हारे सिसोदिया पूर्वी दिल्ली लोकसभा में आने वाली जंगपुरा सीट सीट पर पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया महज 675 वोटों से चुनाव हारे हैं। भाजपा की ओर से तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्हें मात दी है। 2020 का चुनाव सिसोदिया मामूली अंतर से ही जीत पाए थे। सिसोदिया 2013 से पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ते आए हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रवींद्र सिंह नेगी को सिर्फ 3207 वोटों से हराया था। इस बार पटपड़गंज सीट से मनीष का जीतना मुश्किल लग रहा था। यही वजह है कि उन्हें जंगपुरा सीट से चुनाव में उतारा गया। पिछली बार AAP के प्रवीण कुमार ने जंगपुरा सीट करीब 16 हजार के मार्जिन से जीती थी। शीला दीक्षित के संसदीय सचिव थे तरविंदर सिंह सिसोदिया को मात देने वाले तरविंदर सिंह मारवाह 1998 से 2013 तक तीन बार जंगपुरा सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। साथ ही उस समय की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। वे जुलाई, 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। अभी दिल्ली भाजपा सिख प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा को स्पष्ट बहुमत भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, भाजपा 40 सीट जीती और 8 सीटों पर उसे बढ़त है यानी कुल 48 सीटें। आम आदमी पार्टी (AAP) भी 18 सीट जीती है, 4 सीटों पर आगे चल रही है यानी कुल 22 सीटें। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। भाजपा ने 1993 में 53 सीटें यानी दो तिहाई बहुमत हासिल किया था। 5 साल की सरकार में मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज सीएम बनाए गए थे। इस बदलाव में AAP के अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली और सिसोदिया जंगपुरा से चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट पर चुनाव जीत गई हैं। सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए हैं। हार के बाद केजरीवाल बोले- हमें हार स्वीकार है। भाजपा को जीत की बधाई देता हूं। पूरी खबर पढ़ें… ये खबर भी पढ़ें … केजरीवाल की हार की 11 वजह, BJP ने केजरीवाल को ‘कट्टर बेईमान साबित किया’, प्रवेश वर्मा को अघोषित CM बनाया तीन बार लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से चुनाव हार गए। डिप्टी CM रहे मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। 12 साल बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता से बाहर होने जा रही है, लेकिन ये तख्तापलट कैसे हुआ? पूरी खबर पढ़ें…