
हरियाणा सहित उत्तर भारत के राज्यों में नशा तस्करी रोकने, संगठित अपराध नियंत्रण, गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को लेकर पंचकूला में सात राज्यों के पुलिस महानिदेशकों, एनआईए, एनसीबी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो हरियाणा और स्पेशल टास्क फ़ोर्स हरियाणा के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सात राज्यों- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान तथा उत्तराखंड आदि राज्यों में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए आपसी समन्वय स्थापित करने के बारे में चर्चा की गई। सातों राज्य बनाएंगे ज्वाइंट टीम, नोडल ऑफिसर रखेंगे बैठक में मुख्य रूप से नशे की तस्करी रोकने को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि आपराधिक गतिविधियों तथा आतंक आदि में नशे के माध्यम से रुपया एकत्रित किया जाता है, जो चिंता का विषय है। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि नशे की आवाजाही के लिए अपराधियों द्वारा किस प्रकार युवाओं को निशाना बनाया जाता है। नशा तस्करी पर अंकुश लगाने को लेकर सभी राज्यों के बीच में अच्छा को-ऑर्डिनेशन होने की आवश्यकता पर बल दिया गया। सभी अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि राज्यों के बीच में अपराधियों का डाटा साझा करने के लिए राज्यों की संयुक्त टीम बनाई जानी चाहिए, ताकि आपसी तालमेल स्थापित करते हुए कार्य किया जा सके। सभी राज्य अंतर्राज्यीय ड्रग सचिवालय के बेहतर कार्यान्वन के लिए अपने प्रदेश में एसपी रैंक में नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, ताकि सूचनाओं का वास्तविक समय में आदान प्रदान किया जाएगा। NCB डायरेक्टर बोले- नशा तस्करी के रूट पहचानने होंगे बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से एनसीबी डिप्टी डायरेक्टर जनरल संबित मिश्रा ने बताया कि नशा तस्करी के रूट पहचानने की ज़रूरत है, ताकि सभी प्रदेश अफीम व अन्य मादक पदार्थों की सीमा पार तस्करी पर रोक लगा सकें। नशा ही संगठित अपराध की आय का प्रमुख स्त्रोत है। आदतन अपराधियों की नज़रबंदी में हरियाणा प्रदेश ने बेहतरीन कार्य किया है। हमें नशा मुक्त भारत के लिए संगठित होकर कार्य करना है। सोशल मीडिया पर नजर रखने की जरूरत बताई बैठक में एनआईए के डीआईजी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि संगठित अपराध रोकने के लिए अपराधियों की पहचान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अपराधियों द्वारा अलग-अलग प्लेटफार्म के माध्यम से विशेष कर युवाओं को टारगेट किया जाता है और उन्हें गैंग की आपराधिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि कई बार युवा ग्लैमराइजेशन से प्रभावित हो जाते हैं और उनके गैंग का हिस्सा बनते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने वाले इस प्रकार के अकाउंट पर कड़ी नजर रखी जाए। हरियाणा में 80 गैंग एक्टिव, विदेश से चला रहे गैंग प्रदेश में संगठित हिंसक अपराध के बारे में जानकारी देते हुए एसपी स्पेशल टास्क फ़ोर्स, वसीम अकरम ने बताया कि हरियाणा में वर्तमान में 80 आपराधिक गैंग सक्रिय हैं, इनमें से आठ बड़े गैंग ऐसे हैं जिनके द्वारा दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में फिरौती आदि की मांग की जाती है। सभी गैंग ने विदेशों में अपने पॉइंट ऑफ़ कांटेक्ट बना लिए है और वहीं से बैठकर अपनी गैंग चला रहे हैं। इस दिशा में सभी राज्यों की पुलिस के संगठित प्रयास अत्यंत आवश्यक है। दुबई, पाकिस्तान, अर्मेनिआ, बैंकाक, थाईलैंड जैसे देशों से लेकर अमेरिका, पुर्तगाल और कनाडा में भी ये कुख्यात अपराधी छुपे हुए हैं, जिनको वापस लाने के लिए पुलिस इंटरपोल से संपर्क में है। प्रदेश पुलिस द्वारा इनका जल्द ही डिपोर्टेशन करवा लिया जाएगा। बताया गया कि हरियाणा पुलिस द्वारा वर्तमान में 35 लुक आउट नोटिस जारी किए गए हैं, वही 22 पासपोर्ट रिवोक किए गए हैं। पंचकूला में बनेगा अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय इस बैठक में अपराध तथा नशा तस्करी रोकने के लिए एजेंडा तैयार किया गया है, जिनके बारे में विस्तार से विचार विमर्श किया जाएगा। देश के उत्तर राज्यों में व्याप्त अंतरराज्यीय नशे के बढ़ते व्यापार को जड़ से खत्म करने के लिए वर्ष 2018 में संयुक्त रणनीति के तहत हरियाणा निवास चंडीगढ़ में बैठक आयोजित की गई थी जिसमें हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और यूटी चंडीगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों ने भाग लिया था। निर्णय लिया गया था कि राज्य अपराध शाखा, हरियाणा के पंचकूला स्थित मुख्यालय में अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय स्थापित किया जाएगा। ड्रग सचिवालय का ये होगा काम राज्य अपराध शाखा, पंचकूला में स्थित अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना विभिन्न राज्यों में आपसी समन्वय बढ़ाना, मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित जानकारी साझा करना, संबंधित राज्यों में दवाओं की आपूर्ति संबंधित स्त्रोत, मार्ग और संपर्क स्थापित करने के लिए हुई है। कपूर ने बताया कि इसी दिशा में कार्य करते हुए प्रदेश की सीमा से सटे क्षेत्र में बढ़ते नशा तस्करी, संगठित अपराध द्वारा उत्पन्न बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए और वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा करने, बेहतर समन्वय और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर सभी संबंधित पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मंथन कर रहे हैं।
हरियाणा सहित उत्तर भारत के राज्यों में नशा तस्करी रोकने, संगठित अपराध नियंत्रण, गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को लेकर पंचकूला में सात राज्यों के पुलिस महानिदेशकों, एनआईए, एनसीबी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो हरियाणा और स्पेशल टास्क फ़ोर्स हरियाणा के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सात राज्यों- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान तथा उत्तराखंड आदि राज्यों में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए आपसी समन्वय स्थापित करने के बारे में चर्चा की गई। सातों राज्य बनाएंगे ज्वाइंट टीम, नोडल ऑफिसर रखेंगे बैठक में मुख्य रूप से नशे की तस्करी रोकने को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि आपराधिक गतिविधियों तथा आतंक आदि में नशे के माध्यम से रुपया एकत्रित किया जाता है, जो चिंता का विषय है। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि नशे की आवाजाही के लिए अपराधियों द्वारा किस प्रकार युवाओं को निशाना बनाया जाता है। नशा तस्करी पर अंकुश लगाने को लेकर सभी राज्यों के बीच में अच्छा को-ऑर्डिनेशन होने की आवश्यकता पर बल दिया गया। सभी अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि राज्यों के बीच में अपराधियों का डाटा साझा करने के लिए राज्यों की संयुक्त टीम बनाई जानी चाहिए, ताकि आपसी तालमेल स्थापित करते हुए कार्य किया जा सके। सभी राज्य अंतर्राज्यीय ड्रग सचिवालय के बेहतर कार्यान्वन के लिए अपने प्रदेश में एसपी रैंक में नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, ताकि सूचनाओं का वास्तविक समय में आदान प्रदान किया जाएगा। NCB डायरेक्टर बोले- नशा तस्करी के रूट पहचानने होंगे बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से एनसीबी डिप्टी डायरेक्टर जनरल संबित मिश्रा ने बताया कि नशा तस्करी के रूट पहचानने की ज़रूरत है, ताकि सभी प्रदेश अफीम व अन्य मादक पदार्थों की सीमा पार तस्करी पर रोक लगा सकें। नशा ही संगठित अपराध की आय का प्रमुख स्त्रोत है। आदतन अपराधियों की नज़रबंदी में हरियाणा प्रदेश ने बेहतरीन कार्य किया है। हमें नशा मुक्त भारत के लिए संगठित होकर कार्य करना है। सोशल मीडिया पर नजर रखने की जरूरत बताई बैठक में एनआईए के डीआईजी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि संगठित अपराध रोकने के लिए अपराधियों की पहचान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अपराधियों द्वारा अलग-अलग प्लेटफार्म के माध्यम से विशेष कर युवाओं को टारगेट किया जाता है और उन्हें गैंग की आपराधिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि कई बार युवा ग्लैमराइजेशन से प्रभावित हो जाते हैं और उनके गैंग का हिस्सा बनते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने वाले इस प्रकार के अकाउंट पर कड़ी नजर रखी जाए। हरियाणा में 80 गैंग एक्टिव, विदेश से चला रहे गैंग प्रदेश में संगठित हिंसक अपराध के बारे में जानकारी देते हुए एसपी स्पेशल टास्क फ़ोर्स, वसीम अकरम ने बताया कि हरियाणा में वर्तमान में 80 आपराधिक गैंग सक्रिय हैं, इनमें से आठ बड़े गैंग ऐसे हैं जिनके द्वारा दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में फिरौती आदि की मांग की जाती है। सभी गैंग ने विदेशों में अपने पॉइंट ऑफ़ कांटेक्ट बना लिए है और वहीं से बैठकर अपनी गैंग चला रहे हैं। इस दिशा में सभी राज्यों की पुलिस के संगठित प्रयास अत्यंत आवश्यक है। दुबई, पाकिस्तान, अर्मेनिआ, बैंकाक, थाईलैंड जैसे देशों से लेकर अमेरिका, पुर्तगाल और कनाडा में भी ये कुख्यात अपराधी छुपे हुए हैं, जिनको वापस लाने के लिए पुलिस इंटरपोल से संपर्क में है। प्रदेश पुलिस द्वारा इनका जल्द ही डिपोर्टेशन करवा लिया जाएगा। बताया गया कि हरियाणा पुलिस द्वारा वर्तमान में 35 लुक आउट नोटिस जारी किए गए हैं, वही 22 पासपोर्ट रिवोक किए गए हैं। पंचकूला में बनेगा अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय इस बैठक में अपराध तथा नशा तस्करी रोकने के लिए एजेंडा तैयार किया गया है, जिनके बारे में विस्तार से विचार विमर्श किया जाएगा। देश के उत्तर राज्यों में व्याप्त अंतरराज्यीय नशे के बढ़ते व्यापार को जड़ से खत्म करने के लिए वर्ष 2018 में संयुक्त रणनीति के तहत हरियाणा निवास चंडीगढ़ में बैठक आयोजित की गई थी जिसमें हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और यूटी चंडीगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों ने भाग लिया था। निर्णय लिया गया था कि राज्य अपराध शाखा, हरियाणा के पंचकूला स्थित मुख्यालय में अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय स्थापित किया जाएगा। ड्रग सचिवालय का ये होगा काम राज्य अपराध शाखा, पंचकूला में स्थित अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना विभिन्न राज्यों में आपसी समन्वय बढ़ाना, मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित जानकारी साझा करना, संबंधित राज्यों में दवाओं की आपूर्ति संबंधित स्त्रोत, मार्ग और संपर्क स्थापित करने के लिए हुई है। कपूर ने बताया कि इसी दिशा में कार्य करते हुए प्रदेश की सीमा से सटे क्षेत्र में बढ़ते नशा तस्करी, संगठित अपराध द्वारा उत्पन्न बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए और वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा करने, बेहतर समन्वय और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर सभी संबंधित पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मंथन कर रहे हैं।