बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 220 सीटें अपने खाते में लाई। जिसके बाद से विरोधी दल चुनाव में धांधली, वोट चोरी, निर्वाचन आयोग की मिलीभगत जैसे आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों के बीच गयाजी से केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वो खुले मंच से कह रहे हैं कि, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर 2700 वोट से हार रहे थे, लेकिन DM से बात करके जीत दिला दिए थे। अपने भाषण में वो तत्कालीन गया DM अभिषेक सिंह का भी जिक्र करते सुने जा रहे हैं। त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के IAS अभिषेक सिंह ने 2023 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में दिए गए इस बयान के बाद अब चुनावी व्यवस्था पर बहस तेज हो गई है। RJD ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- सच कबतक छिपाओगे। दूसरी ओर जीतन राम मांझी ने वायरल हो रहे वीडियो में छेड़छाड़ की बात कही है। ये वीडियो बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक सम्मान समारोह का बताया जा रहा है। जानिए वीडियो में जीतनराम मांझी क्या कह रहे हैं 1600 वोट से हार गए, लेकिन पहले बताया ही नहीं जीतनराम मांझी ने मंच से कहा, ‘गलती से वो इस बार हार गए। हमसे अगर कुछ कहते, जैसा 2020 में कहा था कि हम हार रहे हैं, कोई उपाय है। उस समय 2700 वोट से हार रहे थे।’ ‘इसके बाद मैंने कोशिश की और वो जीत गए। 2025 में सिर्फ 1600 वोटों से हार हुई। मेरे से एक बार भी नहीं बोला। उनका क्या दिमाग हुआ। मैदान छोड़कर भाग गए। पता नहीं मेरे से क्यों ने नहीं बात की।’ बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी अपने बयान में टेकारी सीट से पार्टी प्रत्याशी अनिल कुमार की हार के बारे में बातें कर रहे थे। कलेक्टर ने मुझे फोन किया था केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘2020 में गया में अभिषेक सिंह कलेक्टर थे। अभी वो त्रिपुरा में हैं। उन्होंने फोन कर कहा कि, सर 2700 वोटों से पीछे थे, तो जीता दिए। इस बार तो सिर्फ 1600 से ही थे। क्या दिक्कत हो गई। हम भी माथा पीट लिए। अगर हमको कोई जानकारी होता तब ना। चले गए घर। खैर कहने का मतलब यह है कि हम रात-दिन जनता के काम के लिए गयाजी में बैठे हैं।’ विपक्ष हमलावर, आयोग और चुनावी व्यवस्था पर उठे सवाल मशीनरी और धांधली से चुनाव जीतने का फॉर्मूला बता रहेः RJD बिहार की विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल मामले को लेकर हमलावर है। पार्टी ने नीतीश, मोदी सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया X पर मांझी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- ‘ये भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी जी हैं, जो ठगेश कुमार जैसे पिद्दी पालतू आयुक्त के मुंह पर करारा तमाचा जड़ डंके की चोट पर खुले मंच से चुनाव नतीजों में हेरा-फेरी, मशीनरी और धांधली से चुनाव जितने का शाही फॉर्मूला बता रहे हैं।’ ‘यही मोदी की कृत्रिम लोकप्रियता और बेईमानी के चाणक्य की सच्चाई है। इन लोगों ने मिलकर दोनों चुनाव में युवा जुझारू क्रांतिकारी नेता तेजस्वी यादव का राजनीतिक वध करने का असफल प्रयास किया। लेकिन सच को कब तक छिपाओगे? कब तक जनता को 41 हज़ार करोड़ बांटकर, बेईमानी कर, धांधली कर, मशीन की मदद से भ्रष्ट अधिकारी के काले कारनामों से झूठे चुनाव जीतते रहेंगे? तुम्हारा भंडा अवश्य फूटेगा।’ कांग्रेस बोली-वोट चोरी का कबूलनामा सुनिए बिहार कांग्रेस ने मांझी के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए X पर लिखा- ‘सुनिए मोदी सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी से वोट चोरी का कबूलनामा’ ‘2020 में हारते प्रत्याशी को DM से बात कर जितवाया गया। 2025 में संपर्क नहीं हुआ तो वही प्रत्याशी हारकर घर चला गया। अब बताइए— जब नतीजे “संपर्क” से बदलते हों, तो वोट की कीमत क्या रह जाती है?’ बचाव में उतरी बीजेपी, कहा- एक भी वोट की गड़बड़ी नहीं हुई मामले को लेकर बीजेपी जीतनराम मांझी का बचाव करती नजर आई। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री ने भी गलत नहीं कहा है। उन्होंने ये नहीं कहा कि गड़बड़ी करके जीते हैं। उन्होंने सकारात्मक तरीके से अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि सही तरीके से वोटों की गिनती हुई तो हम हारता हुआ चुनाव भी जीत गए।’ पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दीजिए… पूर्व सीएम ने लिखा- मांझी अब ब्रांड हैं चुनाव में धांधली के आरोप लगने के बाद केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सफाई देते हुए वीडियो को टेम्पर्ड बताया है। सोशल मीडिया पर लिखा- मेरे वीडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है। ‘आसमान पर थूकने वालों तुम यह भूल रहे हो कि आसमान पर फेंका हुआ थूक तुम्हारे मुंह पर ही गिरेगा” अब मांझी ब्रांड हो चुका है,किसी से डरने वाला नहीं।’ मांझी के परिवार से 6 लोग राजनीति में मांझी परिवार में 6 लोग राजनीति में सक्रिय हैं। जीतन राम मांझी 8 बार विधायक, एक बार सांसद और एक बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके बेटे संतोष सुमन विधान परिषद (एमएलसी) सदस्य और बिहार सरकार में मंत्री हैं। बहू दीपा मांझी और समधन ज्योति मांझी भी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की टिकट पर विधायक हैं। बेटी सुनैना देवी भी राजनीति में सक्रिय रही हैं। जबकि दामाद देवेंद्र मांझी भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। अब जानिए कौन हैं अभिषेक सिंह, जिसका जिक्र पूर्व सीएम ने किया
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 220 सीटें अपने खाते में लाई। जिसके बाद से विरोधी दल चुनाव में धांधली, वोट चोरी, निर्वाचन आयोग की मिलीभगत जैसे आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों के बीच गयाजी से केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वो खुले मंच से कह रहे हैं कि, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर 2700 वोट से हार रहे थे, लेकिन DM से बात करके जीत दिला दिए थे। अपने भाषण में वो तत्कालीन गया DM अभिषेक सिंह का भी जिक्र करते सुने जा रहे हैं। त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के IAS अभिषेक सिंह ने 2023 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में दिए गए इस बयान के बाद अब चुनावी व्यवस्था पर बहस तेज हो गई है। RJD ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- सच कबतक छिपाओगे। दूसरी ओर जीतन राम मांझी ने वायरल हो रहे वीडियो में छेड़छाड़ की बात कही है। ये वीडियो बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक सम्मान समारोह का बताया जा रहा है। जानिए वीडियो में जीतनराम मांझी क्या कह रहे हैं 1600 वोट से हार गए, लेकिन पहले बताया ही नहीं जीतनराम मांझी ने मंच से कहा, ‘गलती से वो इस बार हार गए। हमसे अगर कुछ कहते, जैसा 2020 में कहा था कि हम हार रहे हैं, कोई उपाय है। उस समय 2700 वोट से हार रहे थे।’ ‘इसके बाद मैंने कोशिश की और वो जीत गए। 2025 में सिर्फ 1600 वोटों से हार हुई। मेरे से एक बार भी नहीं बोला। उनका क्या दिमाग हुआ। मैदान छोड़कर भाग गए। पता नहीं मेरे से क्यों ने नहीं बात की।’ बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी अपने बयान में टेकारी सीट से पार्टी प्रत्याशी अनिल कुमार की हार के बारे में बातें कर रहे थे। कलेक्टर ने मुझे फोन किया था केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘2020 में गया में अभिषेक सिंह कलेक्टर थे। अभी वो त्रिपुरा में हैं। उन्होंने फोन कर कहा कि, सर 2700 वोटों से पीछे थे, तो जीता दिए। इस बार तो सिर्फ 1600 से ही थे। क्या दिक्कत हो गई। हम भी माथा पीट लिए। अगर हमको कोई जानकारी होता तब ना। चले गए घर। खैर कहने का मतलब यह है कि हम रात-दिन जनता के काम के लिए गयाजी में बैठे हैं।’ विपक्ष हमलावर, आयोग और चुनावी व्यवस्था पर उठे सवाल मशीनरी और धांधली से चुनाव जीतने का फॉर्मूला बता रहेः RJD बिहार की विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल मामले को लेकर हमलावर है। पार्टी ने नीतीश, मोदी सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया X पर मांझी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- ‘ये भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी जी हैं, जो ठगेश कुमार जैसे पिद्दी पालतू आयुक्त के मुंह पर करारा तमाचा जड़ डंके की चोट पर खुले मंच से चुनाव नतीजों में हेरा-फेरी, मशीनरी और धांधली से चुनाव जितने का शाही फॉर्मूला बता रहे हैं।’ ‘यही मोदी की कृत्रिम लोकप्रियता और बेईमानी के चाणक्य की सच्चाई है। इन लोगों ने मिलकर दोनों चुनाव में युवा जुझारू क्रांतिकारी नेता तेजस्वी यादव का राजनीतिक वध करने का असफल प्रयास किया। लेकिन सच को कब तक छिपाओगे? कब तक जनता को 41 हज़ार करोड़ बांटकर, बेईमानी कर, धांधली कर, मशीन की मदद से भ्रष्ट अधिकारी के काले कारनामों से झूठे चुनाव जीतते रहेंगे? तुम्हारा भंडा अवश्य फूटेगा।’ कांग्रेस बोली-वोट चोरी का कबूलनामा सुनिए बिहार कांग्रेस ने मांझी के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए X पर लिखा- ‘सुनिए मोदी सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी से वोट चोरी का कबूलनामा’ ‘2020 में हारते प्रत्याशी को DM से बात कर जितवाया गया। 2025 में संपर्क नहीं हुआ तो वही प्रत्याशी हारकर घर चला गया। अब बताइए— जब नतीजे “संपर्क” से बदलते हों, तो वोट की कीमत क्या रह जाती है?’ बचाव में उतरी बीजेपी, कहा- एक भी वोट की गड़बड़ी नहीं हुई मामले को लेकर बीजेपी जीतनराम मांझी का बचाव करती नजर आई। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री ने भी गलत नहीं कहा है। उन्होंने ये नहीं कहा कि गड़बड़ी करके जीते हैं। उन्होंने सकारात्मक तरीके से अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि सही तरीके से वोटों की गिनती हुई तो हम हारता हुआ चुनाव भी जीत गए।’ पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दीजिए… पूर्व सीएम ने लिखा- मांझी अब ब्रांड हैं चुनाव में धांधली के आरोप लगने के बाद केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सफाई देते हुए वीडियो को टेम्पर्ड बताया है। सोशल मीडिया पर लिखा- मेरे वीडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है। ‘आसमान पर थूकने वालों तुम यह भूल रहे हो कि आसमान पर फेंका हुआ थूक तुम्हारे मुंह पर ही गिरेगा” अब मांझी ब्रांड हो चुका है,किसी से डरने वाला नहीं।’ मांझी के परिवार से 6 लोग राजनीति में मांझी परिवार में 6 लोग राजनीति में सक्रिय हैं। जीतन राम मांझी 8 बार विधायक, एक बार सांसद और एक बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके बेटे संतोष सुमन विधान परिषद (एमएलसी) सदस्य और बिहार सरकार में मंत्री हैं। बहू दीपा मांझी और समधन ज्योति मांझी भी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की टिकट पर विधायक हैं। बेटी सुनैना देवी भी राजनीति में सक्रिय रही हैं। जबकि दामाद देवेंद्र मांझी भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। अब जानिए कौन हैं अभिषेक सिंह, जिसका जिक्र पूर्व सीएम ने किया