हरियाणा में बरवाला से पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया और उनके परिवार की सामूहिक हत्या में गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही उनकी बेटी सोनिया और दामाद संजीव की समयपूर्व रिहाई से जुड़े विवादित सरकारी आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही दोनों को अंतिम निर्णय होने तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने दोनों के मामले को दोबारा स्टेट लेवल कमेटी के समक्ष भेजा है और इसकी दोबारा समीक्षा करने को कहा है। इससे पहले स्टेट लेवल कमेटी ने दोनों की रिहाई न करने की सिफारिश की थी। इस स्टेट लेवल कमेटी में जेल मंत्री, फाइनेंस कमिशनर, प्रिसिंपल सेक्रेटरी सहित 5 अफसर होते हैं। कमेटी ने फैसला किया था कि दोनों को प्री-मिच्योर रिलीज नहीं किया जा सकता क्योंकि सोनिया पर 17 जेल अपराध और 4 केस दर्ज हैं वहीं संजीव पर 5 जेल अपराध और 2 केस दर्ज हैं। रेलूराम पूनिया के परिवार के वकील एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में नकल के एप्लाई कर दिया है। कागजात पढ़ने और परिवार से सलाह के बाद वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इस फैसले के बाद दोनों के जेल से बाहर आने की उम्मीद बढ़ गई है। उधर, दोनों के रिहा करने के आदेश के बाद रेलूराम की प्रॉपर्टी को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है। वर्तमान में प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कर रहे चाचा-ताऊ प्रॉपर्टी से ज्यादा खुद की जान का खतरा बता रहे हैं। उन्हें डर है कि जिस तरह सोनिया और संजीव ने अपने परिवार को खत्म कर दिया, उसी प्रॉपर्टी के लिए कहीं उनका मर्डर न हो जाए। इसलिए, बुधवार को परिवार ने हिसार में अपने वकील लाल बहादुर खोवाल के साथ मिलकर राष्ट्रपति के नाम चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कहा गया था कि संजीव व सोनिया को रिहा न किया जाए। यह भी कहा था अगर रिहाई हुई तो परिवार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस सहित जो भी अथॉरिटी हैं उनको एप्लिकेशन देंगे। बता दें कि रेलूराम पूनिया के पास 2001 में करोड़ों की संपत्ति थी। उकलाना में गांव लितानी के पास रेलूराम ने 2 एकड़ जमीन में कोठी बनवाई थी। ऐसी हवेली पूरे हिसार में नहीं थी। यह आज भी ऐसी कोठी है, जिसके दूसरे फ्लोर के कमरे तक कार चली जाती है। बताते हैं कि रेलूराम अपनी कार से सीधा बेडरूम तक जाया करते थे। भतीजा बोला- पिता के नाम सेक्शन सर्टिफिकेट
वहीं, रेलूराम पूनिया के भतीजे जितेंद्र पूनिया ने बताया कि सेक्शन सर्टिफिकेट के लिए पिता राम सिंह ने कोर्ट में केस किया था। इसमें कोर्ट ने उनके पिता के हक में फैसला सुनाया और सेक्शन सर्टिफिकेट उनके नाम किया था। सेक्शन सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है, जो उस व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों को जारी किया जाता है, जिनकी मृत्यु बिना वसीयत छोड़े हुई हो। यह प्रमाणपत्र उत्तराधिकारियों को मृतक की चल संपत्ति (जैसे बैंक जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, आदि) पर दावा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए अधिकृत करता है। मौत के बाद भाई को मिला था हक
रेलूराम के उकलाना स्थित SBI के खाते, उकलाना स्थित PNB के खाते, रेलूराम की पत्नी कृष्णा के उकलाना स्थित PNB के खाते, रेलूराम के बेटे सुनील कुमार के उकलाना स्थित PNB के खाते, रेलूराम की छोटी बेटी प्रियंका के उकलाना स्थित PNB के खाते और रेलूराम की पत्नी कृष्णा की भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी भाई राम सिंह को मिली थी। सोनिया जेल से संपत्ति पर हक जता चुकी
बता दें कि सोनिया जेल से जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को पत्र भेजकर पिता रेलूराम की संपत्ति पर हक जता चुकी है। सोनिया का तर्क है कि संपत्ति उसे मिलनी चाहिए और उसका बेटा प्रशांत भी संपत्ति का हकदार है। सोनिया ने कहा था कि लितानी मोड़ स्थित कोठी और कृषि भूमि, दौलतपुर की कृषि भूमि, नांगलोई की दुकानों और अन्य संपत्ति पर उसका ही हक बनता है। हत्यारा हक के काबिल नहीं
वहीं कानूनी जानकार बताते हैं कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के सेक्शन-25 के तहत हत्या करने वाला, मृतक की संपत्ति के हक से अयोग्य हो जाता है। परंतु ऐसा नहीं है कि हत्यारे का वारिस भी अयोग्य हो। बेटे सुनील को प्रॉपर्टी देना चाहते थे रेलूराम
दरअसल, रेलूराम पूनिया ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी से उनका बेटा सुनील है। दूसरी पत्नी कृष्णा से बेटी सोनिया है। सोनिया और सुनील सौतेले भाई बहन हैं। सोनिया ने मर्डर के बाद पुलिस को बयान दिया था, “पापा सारी प्रॉपर्टी मेरे सौतेले भाई सुनील को देना चाहते थे। उन्होंने कागज भी तैयार करवा लिए थे। उनके पास 100 एकड़ जमीन, दिल्ली के नांगलोई में 13 दुकानें, फरीदाबाद वाली कोठी समेत कई कोठियां और 3 कार थीं।” कच्चे तेल के कारोबार ने करोड़पति बनाया
पूर्व विधायक रेलूराम का बचपन तंगहाली में गुजरा था। वह भैंस चराया करते थे। बाद में वह दिल्ली आ गए। वहां रेलूराम ने ट्रक साफ करने का काम शुरू किया। फिर ट्रक चलाने लगे। कुछ साल बाद एक सेठ को देखकर उन्होंने कच्चे तेल का कारोबार शुरू कर दिया। इससे उन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई। 100 एकड़ जमीन खरीदी। फरीदाबाद और दिल्ली में कोठी और 13 दुकानें बनाईं। 1996 में रेलू राम पूनिया बरवाला से निर्दलीय चुनाव में उतरे। उनका चुनाव चिह्न रेलगाड़ी था। उस चुनाव में एक नारा खूब चला था- ‘रेलूराम की रेल चलेगी, बिन पानी बिन तेल चलेगी।’ रेलू राम चुनाव जीत गए। जानिए 8 लोगों के मर्डर की पूरी कहानी… आठों को लोहे की रॉड और डंडों से मारा
रेलू राम पूनिया हत्याकांड हरियाणा के सबसे सनसनीखेज मामलों में माना जाता है। 23 अगस्त 2001 की रात हिसार के लितानी गांव स्थित फार्महाउस में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया, उनकी पत्नी, बेटा-बहू, पोता-पोती और एक बच्चे सहित कुल 8 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। सभी को लोहे की रॉड व डंडों से सोते समय मारा गया, जिससे पूरा परिवार खत्म हो गया। बेटी-दामाद ने जमीन के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया
जांच में सामने आया कि इस नरसंहार की मुख्य वजह जमीन-जायदाद को लेकर गंभीर विवाद था। रेलू राम की बेटी सोनिया और उसके पति संजीव ने परिवार की संपत्ति पर कब्जा करने की योजना बनाकर यह हत्याकांड अंजाम दिया। दोनों ने वारदात के बाद आत्महत्या का प्रयास भी किया, लेकिन बच गए। अदालत ने इसे “पूरी तरह योजना बनाकर की गई क्रूर हत्या” माना और 2004 में दोनों को मृत्युदंड सुनाया। बाद में हाईकोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदला, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मौत की सजा बहाल कर दी। बाद की अपीलों और प्रक्रियाओं के बाद उनकी सजा उम्रकैद में बदल गई। सोनिया ने कहा था- ये मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे
पुलिस पूछताछ में सोनिया ने बताया था कि हां, मैंने ही आठों को मारा है। ये लोग मुझसे और मेरे पति से नफरत करते थे। मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे। उस रात सभी को मारने के बाद मैं खुद को भी खत्म करना चाहती थी। काश! मर गई होती। मां-पापा के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। बात मारपीट तक पहुंच जाती थी। झगड़े की जड़ थी, जमीन-जायदाद, संपत्ति। पापा जब नशे में होते थे तो बोलते थे कि उनके भाई राम सिंह की पत्नी के साथ उनका अवैध संबंध है। चचेरी बहन रोजी भी मेरे पिता की बेटी है। मां के भी राम चंद्र दाहिया नाम के एक शख्स के साथ अवैध संबंध था। दाहिया की वजह से मां ने एक बार मुझ पर गोली भी चला दी थी, लेकिन मैं बच गई। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें… रेलूराम पूनिया हत्याकांड, भतीजे की राष्ट्रपति को चिट्ठी:बेटी सोनिया और दामाद संजीव को रिहाई न देने की मांग, बोले- हमारा मर्डर हो जाएगा हरियाणा में 24 साल पुराने पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया हत्याकांड में बेटी सोनिया और दामाद संजीव कुमार की समय से पहले रिहाई वाली याचिका के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी गई है। पूरी खबर पढे़ं…
हरियाणा में बरवाला से पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया और उनके परिवार की सामूहिक हत्या में गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही उनकी बेटी सोनिया और दामाद संजीव की समयपूर्व रिहाई से जुड़े विवादित सरकारी आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही दोनों को अंतिम निर्णय होने तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने दोनों के मामले को दोबारा स्टेट लेवल कमेटी के समक्ष भेजा है और इसकी दोबारा समीक्षा करने को कहा है। इससे पहले स्टेट लेवल कमेटी ने दोनों की रिहाई न करने की सिफारिश की थी। इस स्टेट लेवल कमेटी में जेल मंत्री, फाइनेंस कमिशनर, प्रिसिंपल सेक्रेटरी सहित 5 अफसर होते हैं। कमेटी ने फैसला किया था कि दोनों को प्री-मिच्योर रिलीज नहीं किया जा सकता क्योंकि सोनिया पर 17 जेल अपराध और 4 केस दर्ज हैं वहीं संजीव पर 5 जेल अपराध और 2 केस दर्ज हैं। रेलूराम पूनिया के परिवार के वकील एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में नकल के एप्लाई कर दिया है। कागजात पढ़ने और परिवार से सलाह के बाद वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इस फैसले के बाद दोनों के जेल से बाहर आने की उम्मीद बढ़ गई है। उधर, दोनों के रिहा करने के आदेश के बाद रेलूराम की प्रॉपर्टी को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है। वर्तमान में प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कर रहे चाचा-ताऊ प्रॉपर्टी से ज्यादा खुद की जान का खतरा बता रहे हैं। उन्हें डर है कि जिस तरह सोनिया और संजीव ने अपने परिवार को खत्म कर दिया, उसी प्रॉपर्टी के लिए कहीं उनका मर्डर न हो जाए। इसलिए, बुधवार को परिवार ने हिसार में अपने वकील लाल बहादुर खोवाल के साथ मिलकर राष्ट्रपति के नाम चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कहा गया था कि संजीव व सोनिया को रिहा न किया जाए। यह भी कहा था अगर रिहाई हुई तो परिवार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस सहित जो भी अथॉरिटी हैं उनको एप्लिकेशन देंगे। बता दें कि रेलूराम पूनिया के पास 2001 में करोड़ों की संपत्ति थी। उकलाना में गांव लितानी के पास रेलूराम ने 2 एकड़ जमीन में कोठी बनवाई थी। ऐसी हवेली पूरे हिसार में नहीं थी। यह आज भी ऐसी कोठी है, जिसके दूसरे फ्लोर के कमरे तक कार चली जाती है। बताते हैं कि रेलूराम अपनी कार से सीधा बेडरूम तक जाया करते थे। भतीजा बोला- पिता के नाम सेक्शन सर्टिफिकेट
वहीं, रेलूराम पूनिया के भतीजे जितेंद्र पूनिया ने बताया कि सेक्शन सर्टिफिकेट के लिए पिता राम सिंह ने कोर्ट में केस किया था। इसमें कोर्ट ने उनके पिता के हक में फैसला सुनाया और सेक्शन सर्टिफिकेट उनके नाम किया था। सेक्शन सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है, जो उस व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों को जारी किया जाता है, जिनकी मृत्यु बिना वसीयत छोड़े हुई हो। यह प्रमाणपत्र उत्तराधिकारियों को मृतक की चल संपत्ति (जैसे बैंक जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, आदि) पर दावा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए अधिकृत करता है। मौत के बाद भाई को मिला था हक
रेलूराम के उकलाना स्थित SBI के खाते, उकलाना स्थित PNB के खाते, रेलूराम की पत्नी कृष्णा के उकलाना स्थित PNB के खाते, रेलूराम के बेटे सुनील कुमार के उकलाना स्थित PNB के खाते, रेलूराम की छोटी बेटी प्रियंका के उकलाना स्थित PNB के खाते और रेलूराम की पत्नी कृष्णा की भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी भाई राम सिंह को मिली थी। सोनिया जेल से संपत्ति पर हक जता चुकी
बता दें कि सोनिया जेल से जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को पत्र भेजकर पिता रेलूराम की संपत्ति पर हक जता चुकी है। सोनिया का तर्क है कि संपत्ति उसे मिलनी चाहिए और उसका बेटा प्रशांत भी संपत्ति का हकदार है। सोनिया ने कहा था कि लितानी मोड़ स्थित कोठी और कृषि भूमि, दौलतपुर की कृषि भूमि, नांगलोई की दुकानों और अन्य संपत्ति पर उसका ही हक बनता है। हत्यारा हक के काबिल नहीं
वहीं कानूनी जानकार बताते हैं कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के सेक्शन-25 के तहत हत्या करने वाला, मृतक की संपत्ति के हक से अयोग्य हो जाता है। परंतु ऐसा नहीं है कि हत्यारे का वारिस भी अयोग्य हो। बेटे सुनील को प्रॉपर्टी देना चाहते थे रेलूराम
दरअसल, रेलूराम पूनिया ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी से उनका बेटा सुनील है। दूसरी पत्नी कृष्णा से बेटी सोनिया है। सोनिया और सुनील सौतेले भाई बहन हैं। सोनिया ने मर्डर के बाद पुलिस को बयान दिया था, “पापा सारी प्रॉपर्टी मेरे सौतेले भाई सुनील को देना चाहते थे। उन्होंने कागज भी तैयार करवा लिए थे। उनके पास 100 एकड़ जमीन, दिल्ली के नांगलोई में 13 दुकानें, फरीदाबाद वाली कोठी समेत कई कोठियां और 3 कार थीं।” कच्चे तेल के कारोबार ने करोड़पति बनाया
पूर्व विधायक रेलूराम का बचपन तंगहाली में गुजरा था। वह भैंस चराया करते थे। बाद में वह दिल्ली आ गए। वहां रेलूराम ने ट्रक साफ करने का काम शुरू किया। फिर ट्रक चलाने लगे। कुछ साल बाद एक सेठ को देखकर उन्होंने कच्चे तेल का कारोबार शुरू कर दिया। इससे उन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई। 100 एकड़ जमीन खरीदी। फरीदाबाद और दिल्ली में कोठी और 13 दुकानें बनाईं। 1996 में रेलू राम पूनिया बरवाला से निर्दलीय चुनाव में उतरे। उनका चुनाव चिह्न रेलगाड़ी था। उस चुनाव में एक नारा खूब चला था- ‘रेलूराम की रेल चलेगी, बिन पानी बिन तेल चलेगी।’ रेलू राम चुनाव जीत गए। जानिए 8 लोगों के मर्डर की पूरी कहानी… आठों को लोहे की रॉड और डंडों से मारा
रेलू राम पूनिया हत्याकांड हरियाणा के सबसे सनसनीखेज मामलों में माना जाता है। 23 अगस्त 2001 की रात हिसार के लितानी गांव स्थित फार्महाउस में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया, उनकी पत्नी, बेटा-बहू, पोता-पोती और एक बच्चे सहित कुल 8 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। सभी को लोहे की रॉड व डंडों से सोते समय मारा गया, जिससे पूरा परिवार खत्म हो गया। बेटी-दामाद ने जमीन के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया
जांच में सामने आया कि इस नरसंहार की मुख्य वजह जमीन-जायदाद को लेकर गंभीर विवाद था। रेलू राम की बेटी सोनिया और उसके पति संजीव ने परिवार की संपत्ति पर कब्जा करने की योजना बनाकर यह हत्याकांड अंजाम दिया। दोनों ने वारदात के बाद आत्महत्या का प्रयास भी किया, लेकिन बच गए। अदालत ने इसे “पूरी तरह योजना बनाकर की गई क्रूर हत्या” माना और 2004 में दोनों को मृत्युदंड सुनाया। बाद में हाईकोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदला, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मौत की सजा बहाल कर दी। बाद की अपीलों और प्रक्रियाओं के बाद उनकी सजा उम्रकैद में बदल गई। सोनिया ने कहा था- ये मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे
पुलिस पूछताछ में सोनिया ने बताया था कि हां, मैंने ही आठों को मारा है। ये लोग मुझसे और मेरे पति से नफरत करते थे। मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे। उस रात सभी को मारने के बाद मैं खुद को भी खत्म करना चाहती थी। काश! मर गई होती। मां-पापा के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। बात मारपीट तक पहुंच जाती थी। झगड़े की जड़ थी, जमीन-जायदाद, संपत्ति। पापा जब नशे में होते थे तो बोलते थे कि उनके भाई राम सिंह की पत्नी के साथ उनका अवैध संबंध है। चचेरी बहन रोजी भी मेरे पिता की बेटी है। मां के भी राम चंद्र दाहिया नाम के एक शख्स के साथ अवैध संबंध था। दाहिया की वजह से मां ने एक बार मुझ पर गोली भी चला दी थी, लेकिन मैं बच गई। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें… रेलूराम पूनिया हत्याकांड, भतीजे की राष्ट्रपति को चिट्ठी:बेटी सोनिया और दामाद संजीव को रिहाई न देने की मांग, बोले- हमारा मर्डर हो जाएगा हरियाणा में 24 साल पुराने पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया हत्याकांड में बेटी सोनिया और दामाद संजीव कुमार की समय से पहले रिहाई वाली याचिका के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी गई है। पूरी खबर पढे़ं…