शीतकालीन सत्र के 7वें दिन मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चर्चा चल रही है। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर SIR के बहाने अंदर ही अंदर NRC वाला काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यूपी के सीएम कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं। जो ये खुलकर नहीं कर सकते हैं वो SIR के बहाने कर रहे हैं। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि एसआईआर वोट डिलीट करने का टूल बनकर रह गया है। चुनाव आयोग किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने की अथॉरिटी नहीं है। चुनाव आयोग कह रहा है कि पांच लाख वोटर डिलीट, छह लाख वोटर डिलीट और बीजेपी जश्न मना रही है। मनीष तिवारी बोले- चुनाव आयोग SIR नहीं करा सकता, ये गैरकानूनी इससे पहले चर्चा की शुरूआत कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि देश के 12 राज्यों में किया जा रहा SIR गैरकानूनी है। संविधान में पूरे राज्य में एक साथ SIR को लेकर कोई कानून नहीं है, इसे तत्काल रोकें। इसके साथ ही तिवारी ने कहा कि देश में चुनावों से पहले डायरेक्ट केस ट्रांसफर करने पर रोक लगनी चाहिए, चुनाव EVM की जगह बैलट पैपर से कराए जाने चाहिए। साथ ही चुनाव आयुक्त के चयन करने वाली कमेटी में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को शामिल करना चाहिए। विपक्ष के विरोध के बाद चर्चा तय की गई थी संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष SIR और वोट चोरी पर चर्चा की मांग कर रहा है। सत्र के पहले और दूसरे दिन यानी 1-2 दिसंबर को विपक्ष ने चर्चा कराने को लेकर हंगामा किया था। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 2 दिसंबर को सरकार और विपक्ष के नेताओं को मुलाकात के लिए बुलाया था। जहां सरकार और विपक्ष ने 9 दिसंबर को लोकसभा में 10 घंटे चर्चा को लेकर सहमति जताई थी। ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें- 35 दिन, 12 राज्य; 30 BLO की मौत, मुआवजा जीरो:800 फॉर्म का टारगेट, अबतक 10 सुसाइड; परिवार बोले- चुनाव आयोग ‘डांस’ देख रहा लोकसभा की कार्रवाई से जुड़ी पल-पल की अपडेट से जुड़ी अपडेट के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
शीतकालीन सत्र के 7वें दिन मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चर्चा चल रही है। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर SIR के बहाने अंदर ही अंदर NRC वाला काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यूपी के सीएम कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं। जो ये खुलकर नहीं कर सकते हैं वो SIR के बहाने कर रहे हैं। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि एसआईआर वोट डिलीट करने का टूल बनकर रह गया है। चुनाव आयोग किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने की अथॉरिटी नहीं है। चुनाव आयोग कह रहा है कि पांच लाख वोटर डिलीट, छह लाख वोटर डिलीट और बीजेपी जश्न मना रही है। मनीष तिवारी बोले- चुनाव आयोग SIR नहीं करा सकता, ये गैरकानूनी इससे पहले चर्चा की शुरूआत कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि देश के 12 राज्यों में किया जा रहा SIR गैरकानूनी है। संविधान में पूरे राज्य में एक साथ SIR को लेकर कोई कानून नहीं है, इसे तत्काल रोकें। इसके साथ ही तिवारी ने कहा कि देश में चुनावों से पहले डायरेक्ट केस ट्रांसफर करने पर रोक लगनी चाहिए, चुनाव EVM की जगह बैलट पैपर से कराए जाने चाहिए। साथ ही चुनाव आयुक्त के चयन करने वाली कमेटी में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को शामिल करना चाहिए। विपक्ष के विरोध के बाद चर्चा तय की गई थी संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष SIR और वोट चोरी पर चर्चा की मांग कर रहा है। सत्र के पहले और दूसरे दिन यानी 1-2 दिसंबर को विपक्ष ने चर्चा कराने को लेकर हंगामा किया था। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 2 दिसंबर को सरकार और विपक्ष के नेताओं को मुलाकात के लिए बुलाया था। जहां सरकार और विपक्ष ने 9 दिसंबर को लोकसभा में 10 घंटे चर्चा को लेकर सहमति जताई थी। ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें- 35 दिन, 12 राज्य; 30 BLO की मौत, मुआवजा जीरो:800 फॉर्म का टारगेट, अबतक 10 सुसाइड; परिवार बोले- चुनाव आयोग ‘डांस’ देख रहा लोकसभा की कार्रवाई से जुड़ी पल-पल की अपडेट से जुड़ी अपडेट के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…