सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के कानूनी दर्जे पर कड़े सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई गैर-कानूनी तरीके से भारत में घुस आता है, तो क्या उसे “रेड कार्पेट वेलकम” देना चाहिए, जबकि देश के अपने नागरिक ही गरीबी से जूझ रहे हैं? CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने एक हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एक्टिविस्ट रीता मनचंदा ने याचिका में आरोप था कि दिल्ली पुलिस ने कुछ रोहिंग्या लोगों को मई में उठा लिया और अब उनकी कोई जानकारी नहीं है। CJI ने कहा: याचिकाकर्ता का तर्क याचिकाकर्ता ने 2020 के सुप्रीम कोर्ट आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि रोहिंग्या को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही वापस भेजा जा सकता है। केंद्र सरकार की दलील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका किसी प्रभावित व्यक्ति नहीं, बल्कि एक एक्टिविस्ट ने दायर की है। इसलिए उसका कानूनी अधिकार नहीं बनता। इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले ये तय करना होगा कि रोहिंग्या शरणार्थी हैं या गैर-कानूनी तरीके से आए विदेशी। आगे ये सवाल तय होंगे: कोर्ट ने तीन याचिका को तीन ग्रुप में बांटा अदालत ने सभी याचिकाओं को तीन समूहों में बांट दिया है। अब इनकी सुनवाई अलग-अलग होगी। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने क्या कहा-
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के कानूनी दर्जे पर कड़े सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई गैर-कानूनी तरीके से भारत में घुस आता है, तो क्या उसे “रेड कार्पेट वेलकम” देना चाहिए, जबकि देश के अपने नागरिक ही गरीबी से जूझ रहे हैं? CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने एक हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एक्टिविस्ट रीता मनचंदा ने याचिका में आरोप था कि दिल्ली पुलिस ने कुछ रोहिंग्या लोगों को मई में उठा लिया और अब उनकी कोई जानकारी नहीं है। CJI ने कहा: याचिकाकर्ता का तर्क याचिकाकर्ता ने 2020 के सुप्रीम कोर्ट आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि रोहिंग्या को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही वापस भेजा जा सकता है। केंद्र सरकार की दलील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका किसी प्रभावित व्यक्ति नहीं, बल्कि एक एक्टिविस्ट ने दायर की है। इसलिए उसका कानूनी अधिकार नहीं बनता। इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले ये तय करना होगा कि रोहिंग्या शरणार्थी हैं या गैर-कानूनी तरीके से आए विदेशी। आगे ये सवाल तय होंगे: कोर्ट ने तीन याचिका को तीन ग्रुप में बांटा अदालत ने सभी याचिकाओं को तीन समूहों में बांट दिया है। अब इनकी सुनवाई अलग-अलग होगी। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने क्या कहा-