
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 लोगों की रहस्यमयी मौत के बाद बधाल गांव में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इसके चलते सभी डॉक्टरों की छुट्टियां भी कैंसिल कर दी गई हैं। एक दिन पहले शनिवार को मृतकों के नजदीकी करीब 200 रिश्तेदारों को आइसोलेशन सेंटर भेजा गया था। करीब 14 मरीज अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। उनकी हालत में सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चंडीगढ़ से FSL रिपोर्ट आने में अभी 4-5 दिन और लग सकते हैं। उसके बाद ही मौतों की वजह साफ हो सकेगी। हालांकि, 23 जनवरी को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जहरीले पदार्थ को मौतों का कारण बताया था। 3 बहनों को एयरलिफ्ट करके चंडीगढ़ भेजा गया
22 जनवरी को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ने के बाद राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया था। वहां भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। तीनों बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है। पहले उन्हें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) राजौरी में भर्ती किया गया था। हालत में सुधार न होने पर उसी दिन उन्हें जम्मू रेफर कर दिया गया। तीनों की स्थित इतनी गंभीर थी कि उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट करके PGI चंडीगढ़ भेजा गया। इससे एक पहले 25 साल के युवक एजाज अहमद को भी GMC जम्मू लाया गया लेकिन उसे भी PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, चारों की तबीयत में सुधार हो रहा है। गांव 3 कंटेनमेंट जोन में बांटा गया… CM अब्दुल्ला पीड़ित परिवारों से मिलने गांव पहुंचे थे
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 21 जनवरी को पीड़ित परिवारों से मिलने गांव बधाल पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत में उमर ने कहा था- यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्ट रही है। मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये नहीं फैले। मुख्यमंत्री ने छह बच्चों को खोने वाले मोहम्मद असलम से भी मुलाकात की थी। असलम को उनके मामा और मामी ने गोद लिया था, इस बीमारी से उनकी भी मौत हो चुकी है। परिवार में असलम और उनकी पत्नी ही जीवित बचे हैं। गृह मंत्रालय ने जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाई
गृह मंत्री अमित शाह ने इन मौतों की जांच के लिए 18 जनवरी को इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया था। यह हाई लेवल टीम रविवार को गांव पहुंची थी। टीम को गृह मंत्रालय ही लीड कर रहा है। टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। यह मौत की वजह की जांच के साथ ही आगे इस तरह की मौतें रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाएगी। इससे पहले 15 जनवरी को रियासी जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) गौरव सिकरवार ने SIT गठित की थी। 11 मेंबरों की SIT की अध्यक्षता सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था- मृतकों में न्यूरो-टॉक्सिन मिला मंत्री सकीना मसूद ने कहा था कि अगर ये मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो ये तेजी से फैल जातीं और केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहती। हालांकि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मृतकों के नमूनों में ‘न्यूरो-टॉक्सिन’ पाए जाने की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नेशनल लेवल के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की मदद ले रही है। इसमें पुणे का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और PGI चंडीगढ़ शामिल हैं। ———————————————— रहस्यमयी बीमारी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… महाराष्ट्र के 3 गांवों के 60 लोग अचानक गंजे हुए; बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान, सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित महाराष्ट्र के बुलढाना शहर में अजब बीमारी फैल रही है। यहां के 3 गांवों में अचानक 60 लोग गंजेपन का शिकार हो गए। शहर के शेगाव तहसील के बोंडगांव, कालवड़ और हिंगना गांवों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लोगों के बाल झड़ने लगे हैं। इससे सभी गंजे होते जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 लोगों की रहस्यमयी मौत के बाद बधाल गांव में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इसके चलते सभी डॉक्टरों की छुट्टियां भी कैंसिल कर दी गई हैं। एक दिन पहले शनिवार को मृतकों के नजदीकी करीब 200 रिश्तेदारों को आइसोलेशन सेंटर भेजा गया था। करीब 14 मरीज अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। उनकी हालत में सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चंडीगढ़ से FSL रिपोर्ट आने में अभी 4-5 दिन और लग सकते हैं। उसके बाद ही मौतों की वजह साफ हो सकेगी। हालांकि, 23 जनवरी को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जहरीले पदार्थ को मौतों का कारण बताया था। 3 बहनों को एयरलिफ्ट करके चंडीगढ़ भेजा गया
22 जनवरी को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ने के बाद राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया था। वहां भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। तीनों बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है। पहले उन्हें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) राजौरी में भर्ती किया गया था। हालत में सुधार न होने पर उसी दिन उन्हें जम्मू रेफर कर दिया गया। तीनों की स्थित इतनी गंभीर थी कि उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट करके PGI चंडीगढ़ भेजा गया। इससे एक पहले 25 साल के युवक एजाज अहमद को भी GMC जम्मू लाया गया लेकिन उसे भी PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, चारों की तबीयत में सुधार हो रहा है। गांव 3 कंटेनमेंट जोन में बांटा गया… CM अब्दुल्ला पीड़ित परिवारों से मिलने गांव पहुंचे थे
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 21 जनवरी को पीड़ित परिवारों से मिलने गांव बधाल पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत में उमर ने कहा था- यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्ट रही है। मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये नहीं फैले। मुख्यमंत्री ने छह बच्चों को खोने वाले मोहम्मद असलम से भी मुलाकात की थी। असलम को उनके मामा और मामी ने गोद लिया था, इस बीमारी से उनकी भी मौत हो चुकी है। परिवार में असलम और उनकी पत्नी ही जीवित बचे हैं। गृह मंत्रालय ने जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाई
गृह मंत्री अमित शाह ने इन मौतों की जांच के लिए 18 जनवरी को इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया था। यह हाई लेवल टीम रविवार को गांव पहुंची थी। टीम को गृह मंत्रालय ही लीड कर रहा है। टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। यह मौत की वजह की जांच के साथ ही आगे इस तरह की मौतें रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाएगी। इससे पहले 15 जनवरी को रियासी जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) गौरव सिकरवार ने SIT गठित की थी। 11 मेंबरों की SIT की अध्यक्षता सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था- मृतकों में न्यूरो-टॉक्सिन मिला मंत्री सकीना मसूद ने कहा था कि अगर ये मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो ये तेजी से फैल जातीं और केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहती। हालांकि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मृतकों के नमूनों में ‘न्यूरो-टॉक्सिन’ पाए जाने की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नेशनल लेवल के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की मदद ले रही है। इसमें पुणे का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और PGI चंडीगढ़ शामिल हैं। ———————————————— रहस्यमयी बीमारी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… महाराष्ट्र के 3 गांवों के 60 लोग अचानक गंजे हुए; बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान, सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित महाराष्ट्र के बुलढाना शहर में अजब बीमारी फैल रही है। यहां के 3 गांवों में अचानक 60 लोग गंजेपन का शिकार हो गए। शहर के शेगाव तहसील के बोंडगांव, कालवड़ और हिंगना गांवों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लोगों के बाल झड़ने लगे हैं। इससे सभी गंजे होते जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…