कानपुर में चलती स्लीपर बस में भीषण आग लग गई। आग का गोला बनी बस में 43 यात्री अंदर फंस गए। चीख-पुकार मच गई। पुरुष यात्री किसी तरह कूदकर नीचे उतरे, लेकिन महिलाएं और बच्चे फंस गए। ड्राइवर-कंडक्टर भी भाग गए। रामा देवी चौराहे पर ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी दौड़कर मौके पर पहुंचे। धू-धू कर जल रही बस में जान की परवाह किए बगैर दो सिपाही चढ़ गए। तब तक बस की छत से लपटें तेज हो चुकी थीं। कुछ महिला यात्री अपना सामान उठाने लगीं। दोनों कॉन्स्टेबल चिल्लाए- सामान छोड़ दो आग तेज हो रही है। इसके बाद दोनों कॉन्स्टेबलों ने एक-एक यात्री को बाहर निकाला। कॉन्स्टेबल बोले- अगर 2 मिनट भी हम देरी से पहुंचते तो 4-5 लोगों की मौत हो सकती थी। वे जिंदा जल जाते। लेकिन समय रहते सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया गया। बस हादसे की तस्वीरें देखिए… पलक ट्रैवल्स की बस दिल्ली से बनारस जा रही थी। आग कैसे लगी यह क्लियर नहीं हो पाया है। यात्रियों का दावा है कि बस के ऊपर रखे सामान की वजह से आग लगी। सामान क्या था, पुलिस इसकी जांच कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अंदर यात्री फंस गए। आग की लपटें बस के गेट तक आ रही थीं। कोई बाहर नहीं आ पा रहा था। उधर, हादसे की वजह से हाईवे पर करीब 10 किलोमीटर का भीषण जाम लग गया। हादसा शुक्रवार सुबह करीब 10.45 बजे रामदेवी चौराहा से 200 मीटर दूर फ्लाईओवर पर हुआ। पढ़िए यात्री क्या बोले… ‘बस के ऊपर सामान था, सबसे पहले उसी में आग लगी’ मंजीत झा ने बताया- मैं दिल्ली से प्रयागराज जा रहा था। अचानक कोई चिल्लाया, जल्दी निकलो- जल्दी निकलो। हम लोगों ने पूछा क्या हुआ? तो बोला कि जल्दी बाहर निकलो पहले। आग लग गई है। तो हम लोग बस से निकलने लगे। मेरा सामान जल गया। बैग में 20 हजार रुपए थे। वो भी जल गए। बस के ऊपर सामान था। सबसे पहले उसी में आग लगी। वाराणसी के हितेश ने बताया- मैं दिल्ली से घर जा रहा था। बस में अनावश्यक सामान भर रखा था। इस कारण से बस में लग गई। मैं कल (गुरुवार) रात से लगातार शिकायत कर रहा था। मेरा लाखों का सामान जल गया। जो हादसा हुआ, उसमें हमारी क्या गलती थी। हम तो पूरा टिकट लेकर चल रहे थे। अब जो हमारा नुकसान हुआ, उसे कौन देगा। गोरखपुर के सुरेंद्र कुमार ने बताया- मैं दिल्ली से काशी जा रहा था। बस ओवर लोड थी। ऊपर सामान रखा था, उसी में आग लगी। मेरा पूरा सामान जलकर राख हो गया। किसी का कुछ भी सामान नहीं बचा। पुष्पा देवी ने बताया- मैं दिल्ली से मिर्जापुर शादी में जा रही हूं। ड्राइवर अचानक चिल्लाया कि बस में आग लग गई। सभी लोग नीचे उतरो। मेरा 43 हजार का सामान जल गया। मेरे बैग में लैपटॉप और लड्डू गोपाल भी थे। हमें क्या पता था कि सारा सामान जल जाएगा। नहीं तो ऊपर रखते ही नहीं। ये कहो जान बच गई, लड्डू गोपाल ने बचा लिया। अब विस्तार से पूरा मामला समझिए… जलती बस में घुसे पुलिसकर्मी
पास ही चौराहे पर मौजूद पुलिसकर्मी भागकर बस के पास आए। पीआरवी और ट्रैफिक पुलिस को बुलाया। अंदर लोग जान बचाने के लिए चिल्ला रहे थे। यात्रियों को बचाने के लिए दो पुलिसकर्मी पुष्पेंद्र और साहिल खान जान जोखिम में डालकर अंदर घुस गए। दोनों ने एक-एक यात्री को बाहर निकलने में मदद की। जिन पुलिसकर्मियों ने यात्रियों की जान बचाई, आइए उनसे बात करते हैं… बच्चों और बुजुर्गों को गोद में लेकर बाहर निकाला साहिल खान ने बताया- बस में आग लगते ही हम अपना ड्यूटी पॉइंट छोड़कर भागे। बस में छत की तरफ से आग लगती जा रही थी। ये देखते ही हम तुरंत बस के अंदर घुस गए। तुरंत ही हमने दो-दो, तीन-तीन बच्चों को गोदी में बैठाकर बाहर किया। एक गर्भवती महिला थी, उसे सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। हमारा दम घुटने लगा था। सांस लेना मुश्किल हो रहा था। इस पर बाहर निकल आए। फिर हमें किसी ने बताया कि बस के अंदर एक बच्चा रह गया है। तो हम फिर जलती बस के अंदर घुसे, एक-एक सीट देखी, लेकिन कोई बच्चा नहीं था। बाद में पता चला कि वो बच्चा बाहर ही था। हमने और मेरे सहयोगी पुष्पेंद्र भाई ने बस से सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया। हमने अपना कर्तव्य निभाया है, कोई और होता, वह भी यही करता। 2-3 मिनट देरी होने पर जा सकती थी जानें साहिल ने कहा- अगर हम 2-3 दिन मिनट देरी से पहुंचते तो कम से कम 4-5 लोगों की मौके पर जान जा सकती थी। क्योंकि आग ऊपर रखे सामानों से फैलकर बस के अंदर आ चुकी थी। भीषण गर्माहट और धुंए से दम घुटने लगा था। महिलाएं साड़ी पहने हुए थीं। उन्हें उतरने में दिक्कत हो रही थी। जल्दी नहीं उतर पा रही थीं। तो उनको जल्दी-जल्दी बाहर निकाला। कई यात्री बार-बार अपने सामान के लिए परेशान हो रहे थे। लेकिन हमने सबसे पहली प्रायरिटी लोगों को दी। उन्हें समझाया कि जान बच गई तो सब कुछ है। सामान फिर से खरीद सकते हैं। लेकिन जान नहीं खरीदी जा सकती है। धुएं से हमारा दम घुटने लगा था पुष्पेंद्र ने बताया- हमारी ड्यूटी डायवर्जन में लगी थी। जैसे ही हम दोनों सिपाहियों ने देखा कि बस के ऊपर से जोर-जोर धुआं उठ रहा है, हम दोनों फौरन बस की तरफ भागे। हमने देखा, बस पूरी भरी थी। हम तुरंत बस के अंदर पहुंचे। हमारा फोन चालू था। हमने सबसे पहले सारी सवारियों को बाहर निकाला। एकदम से बस में लोगों में धुएं की वजह से दम घुटने लगा था। तो कुछ बुजुर्ग यात्रियों को हम दोनों ने अपनी गोद में उठाकर जल्दी-जल्दी बस के बाहर बैठाया। आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। फिर हमारा भी दम घुटने लगा था। जितना हमारे बस की थी, उतना हम लोगों ने यात्रियों के सामान को भी बस के बाहर फेंका। 43 लोग इसमें थे। लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। आग की वजह पता ही नहीं चल रही, कि आखिर किस वजह से आग लगी। 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा
हादसे की वजह से हाईवे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। एक राहगीर ने बताया कि नौबस्ता तक जाम लग गया है। नौबस्ता से आने में उनको 1 घंटे से ज्यादा लग गया। जाम फ्लाइओवर और सर्विस रोड पर लगा रहा। इसमें सैकड़ों वाहन फंसे रहे। लाखों का माल जलकर खाक
बस में सवार लगभग 43 सवारियों का सामान जलकर खाक हो गया। ज्वैलरी, नगदी, घरेलू सामान समेत एनी सामान जलकर खाक हो गया। हालांकि, नुकसान का अभी आकलन नहीं हो सका है। ————————— ये भी पढ़ें बजरी भरा डंपर कार पर पलटा, 7 की मौत:सहारनपुर में गाड़ी पिचककर 2 फीट रह गई…अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे यूपी के सहारनपुर में शुक्रवार को डंपर बेकाबू होकर कार पर पलट गया। हादसे में 4 साल के बच्चे समेत 7 लोगों की मौत हो गई। डंपर में बजरी भरी हुई थी। रफ्तार तेज होने की वजह से डंपर बेकाबू हो गया और बगल में चल रही कार पर पलट गया। डंपर पर लदी बजरी भी कार पर गिर गई। पूरी खबर पढ़िए
कानपुर में चलती स्लीपर बस में भीषण आग लग गई। आग का गोला बनी बस में 43 यात्री अंदर फंस गए। चीख-पुकार मच गई। पुरुष यात्री किसी तरह कूदकर नीचे उतरे, लेकिन महिलाएं और बच्चे फंस गए। ड्राइवर-कंडक्टर भी भाग गए। रामा देवी चौराहे पर ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी दौड़कर मौके पर पहुंचे। धू-धू कर जल रही बस में जान की परवाह किए बगैर दो सिपाही चढ़ गए। तब तक बस की छत से लपटें तेज हो चुकी थीं। कुछ महिला यात्री अपना सामान उठाने लगीं। दोनों कॉन्स्टेबल चिल्लाए- सामान छोड़ दो आग तेज हो रही है। इसके बाद दोनों कॉन्स्टेबलों ने एक-एक यात्री को बाहर निकाला। कॉन्स्टेबल बोले- अगर 2 मिनट भी हम देरी से पहुंचते तो 4-5 लोगों की मौत हो सकती थी। वे जिंदा जल जाते। लेकिन समय रहते सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया गया। बस हादसे की तस्वीरें देखिए… पलक ट्रैवल्स की बस दिल्ली से बनारस जा रही थी। आग कैसे लगी यह क्लियर नहीं हो पाया है। यात्रियों का दावा है कि बस के ऊपर रखे सामान की वजह से आग लगी। सामान क्या था, पुलिस इसकी जांच कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अंदर यात्री फंस गए। आग की लपटें बस के गेट तक आ रही थीं। कोई बाहर नहीं आ पा रहा था। उधर, हादसे की वजह से हाईवे पर करीब 10 किलोमीटर का भीषण जाम लग गया। हादसा शुक्रवार सुबह करीब 10.45 बजे रामदेवी चौराहा से 200 मीटर दूर फ्लाईओवर पर हुआ। पढ़िए यात्री क्या बोले… ‘बस के ऊपर सामान था, सबसे पहले उसी में आग लगी’ मंजीत झा ने बताया- मैं दिल्ली से प्रयागराज जा रहा था। अचानक कोई चिल्लाया, जल्दी निकलो- जल्दी निकलो। हम लोगों ने पूछा क्या हुआ? तो बोला कि जल्दी बाहर निकलो पहले। आग लग गई है। तो हम लोग बस से निकलने लगे। मेरा सामान जल गया। बैग में 20 हजार रुपए थे। वो भी जल गए। बस के ऊपर सामान था। सबसे पहले उसी में आग लगी। वाराणसी के हितेश ने बताया- मैं दिल्ली से घर जा रहा था। बस में अनावश्यक सामान भर रखा था। इस कारण से बस में लग गई। मैं कल (गुरुवार) रात से लगातार शिकायत कर रहा था। मेरा लाखों का सामान जल गया। जो हादसा हुआ, उसमें हमारी क्या गलती थी। हम तो पूरा टिकट लेकर चल रहे थे। अब जो हमारा नुकसान हुआ, उसे कौन देगा। गोरखपुर के सुरेंद्र कुमार ने बताया- मैं दिल्ली से काशी जा रहा था। बस ओवर लोड थी। ऊपर सामान रखा था, उसी में आग लगी। मेरा पूरा सामान जलकर राख हो गया। किसी का कुछ भी सामान नहीं बचा। पुष्पा देवी ने बताया- मैं दिल्ली से मिर्जापुर शादी में जा रही हूं। ड्राइवर अचानक चिल्लाया कि बस में आग लग गई। सभी लोग नीचे उतरो। मेरा 43 हजार का सामान जल गया। मेरे बैग में लैपटॉप और लड्डू गोपाल भी थे। हमें क्या पता था कि सारा सामान जल जाएगा। नहीं तो ऊपर रखते ही नहीं। ये कहो जान बच गई, लड्डू गोपाल ने बचा लिया। अब विस्तार से पूरा मामला समझिए… जलती बस में घुसे पुलिसकर्मी
पास ही चौराहे पर मौजूद पुलिसकर्मी भागकर बस के पास आए। पीआरवी और ट्रैफिक पुलिस को बुलाया। अंदर लोग जान बचाने के लिए चिल्ला रहे थे। यात्रियों को बचाने के लिए दो पुलिसकर्मी पुष्पेंद्र और साहिल खान जान जोखिम में डालकर अंदर घुस गए। दोनों ने एक-एक यात्री को बाहर निकलने में मदद की। जिन पुलिसकर्मियों ने यात्रियों की जान बचाई, आइए उनसे बात करते हैं… बच्चों और बुजुर्गों को गोद में लेकर बाहर निकाला साहिल खान ने बताया- बस में आग लगते ही हम अपना ड्यूटी पॉइंट छोड़कर भागे। बस में छत की तरफ से आग लगती जा रही थी। ये देखते ही हम तुरंत बस के अंदर घुस गए। तुरंत ही हमने दो-दो, तीन-तीन बच्चों को गोदी में बैठाकर बाहर किया। एक गर्भवती महिला थी, उसे सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। हमारा दम घुटने लगा था। सांस लेना मुश्किल हो रहा था। इस पर बाहर निकल आए। फिर हमें किसी ने बताया कि बस के अंदर एक बच्चा रह गया है। तो हम फिर जलती बस के अंदर घुसे, एक-एक सीट देखी, लेकिन कोई बच्चा नहीं था। बाद में पता चला कि वो बच्चा बाहर ही था। हमने और मेरे सहयोगी पुष्पेंद्र भाई ने बस से सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया। हमने अपना कर्तव्य निभाया है, कोई और होता, वह भी यही करता। 2-3 मिनट देरी होने पर जा सकती थी जानें साहिल ने कहा- अगर हम 2-3 दिन मिनट देरी से पहुंचते तो कम से कम 4-5 लोगों की मौके पर जान जा सकती थी। क्योंकि आग ऊपर रखे सामानों से फैलकर बस के अंदर आ चुकी थी। भीषण गर्माहट और धुंए से दम घुटने लगा था। महिलाएं साड़ी पहने हुए थीं। उन्हें उतरने में दिक्कत हो रही थी। जल्दी नहीं उतर पा रही थीं। तो उनको जल्दी-जल्दी बाहर निकाला। कई यात्री बार-बार अपने सामान के लिए परेशान हो रहे थे। लेकिन हमने सबसे पहली प्रायरिटी लोगों को दी। उन्हें समझाया कि जान बच गई तो सब कुछ है। सामान फिर से खरीद सकते हैं। लेकिन जान नहीं खरीदी जा सकती है। धुएं से हमारा दम घुटने लगा था पुष्पेंद्र ने बताया- हमारी ड्यूटी डायवर्जन में लगी थी। जैसे ही हम दोनों सिपाहियों ने देखा कि बस के ऊपर से जोर-जोर धुआं उठ रहा है, हम दोनों फौरन बस की तरफ भागे। हमने देखा, बस पूरी भरी थी। हम तुरंत बस के अंदर पहुंचे। हमारा फोन चालू था। हमने सबसे पहले सारी सवारियों को बाहर निकाला। एकदम से बस में लोगों में धुएं की वजह से दम घुटने लगा था। तो कुछ बुजुर्ग यात्रियों को हम दोनों ने अपनी गोद में उठाकर जल्दी-जल्दी बस के बाहर बैठाया। आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। फिर हमारा भी दम घुटने लगा था। जितना हमारे बस की थी, उतना हम लोगों ने यात्रियों के सामान को भी बस के बाहर फेंका। 43 लोग इसमें थे। लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। आग की वजह पता ही नहीं चल रही, कि आखिर किस वजह से आग लगी। 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा
हादसे की वजह से हाईवे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। एक राहगीर ने बताया कि नौबस्ता तक जाम लग गया है। नौबस्ता से आने में उनको 1 घंटे से ज्यादा लग गया। जाम फ्लाइओवर और सर्विस रोड पर लगा रहा। इसमें सैकड़ों वाहन फंसे रहे। लाखों का माल जलकर खाक
बस में सवार लगभग 43 सवारियों का सामान जलकर खाक हो गया। ज्वैलरी, नगदी, घरेलू सामान समेत एनी सामान जलकर खाक हो गया। हालांकि, नुकसान का अभी आकलन नहीं हो सका है। ————————— ये भी पढ़ें बजरी भरा डंपर कार पर पलटा, 7 की मौत:सहारनपुर में गाड़ी पिचककर 2 फीट रह गई…अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे यूपी के सहारनपुर में शुक्रवार को डंपर बेकाबू होकर कार पर पलट गया। हादसे में 4 साल के बच्चे समेत 7 लोगों की मौत हो गई। डंपर में बजरी भरी हुई थी। रफ्तार तेज होने की वजह से डंपर बेकाबू हो गया और बगल में चल रही कार पर पलट गया। डंपर पर लदी बजरी भी कार पर गिर गई। पूरी खबर पढ़िए