
केरल के कोल्लम जिले के रहने वाले एक शख्स को पुलिस ने फोन पर पत्नी को तीन तलाक देने के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम बसिथ है और वह म्यनागप्पल्ली इलाके का रहने वाला है। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बसिथ को उसकी 20 साल की पत्नी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। शिकायत के मुताबिक, बसिथ ने उससे अपनी पहली शादी की बात छिपाकर शादी की थी। निकाह के बाद बसिथ उसे एक किराए के घर ले गया, क्योंकि उसके पारिवारिक घर में पहली पत्नी रह रही थी। पहली शादी की बात सामने आने पर हुआ विवाद पति की पहली शादी की बात पता चलने पर महिला ने उससे इस बारे में सवाल किए। इसके चलते बसिथ ने उसके साथ मारपीट की और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बसिथ ने उसे धमकी दी कि वह किसी और से शादी कर लेगा जिसके बाद दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया। पुलिस के मुताबिक, लड़ाई के बाद महिला अपने माता-पिता के पास लौट आई। 19 जनवरी की सुबह बसिथ ने उसे फोन किया और तीन तलाक दे दिया। बसिथ पर भारतीय न्याय संहिता के मुस्लिम वीमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) एक्ट की धाराओं और अब्यूज के अन्य मामलों में केस दर्ज किया गया है। वह छवारा सब-जेल में बंद है। 2017 में खत्म हुई थी तीन तलाक की मान्यता सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को तत्काल तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) असंवैधानिक घोषित किया था। वहीं, केंद्र सरकार ने 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया था। इसमें तीन तलाक को अपराध घोषित करके 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया। कानून के खिलाफ दो मुस्लिम संगठनों- जमीयत उलेमा-ए-हिंद और समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने याचिका लगाई थी। इसमें कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में मुस्लिम संगठनों का दावा है कि एक धर्म में तलाक के तरीके को अपराध बताया गया है, जबकि अन्य धर्मों में शादी और तलाक सिविल लॉ के अंतर्गत आता है। यह आर्टिकल 15 के खिलाफ है।
केरल के कोल्लम जिले के रहने वाले एक शख्स को पुलिस ने फोन पर पत्नी को तीन तलाक देने के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम बसिथ है और वह म्यनागप्पल्ली इलाके का रहने वाला है। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बसिथ को उसकी 20 साल की पत्नी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। शिकायत के मुताबिक, बसिथ ने उससे अपनी पहली शादी की बात छिपाकर शादी की थी। निकाह के बाद बसिथ उसे एक किराए के घर ले गया, क्योंकि उसके पारिवारिक घर में पहली पत्नी रह रही थी। पहली शादी की बात सामने आने पर हुआ विवाद पति की पहली शादी की बात पता चलने पर महिला ने उससे इस बारे में सवाल किए। इसके चलते बसिथ ने उसके साथ मारपीट की और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बसिथ ने उसे धमकी दी कि वह किसी और से शादी कर लेगा जिसके बाद दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया। पुलिस के मुताबिक, लड़ाई के बाद महिला अपने माता-पिता के पास लौट आई। 19 जनवरी की सुबह बसिथ ने उसे फोन किया और तीन तलाक दे दिया। बसिथ पर भारतीय न्याय संहिता के मुस्लिम वीमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) एक्ट की धाराओं और अब्यूज के अन्य मामलों में केस दर्ज किया गया है। वह छवारा सब-जेल में बंद है। 2017 में खत्म हुई थी तीन तलाक की मान्यता सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को तत्काल तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) असंवैधानिक घोषित किया था। वहीं, केंद्र सरकार ने 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया था। इसमें तीन तलाक को अपराध घोषित करके 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया। कानून के खिलाफ दो मुस्लिम संगठनों- जमीयत उलेमा-ए-हिंद और समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने याचिका लगाई थी। इसमें कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में मुस्लिम संगठनों का दावा है कि एक धर्म में तलाक के तरीके को अपराध बताया गया है, जबकि अन्य धर्मों में शादी और तलाक सिविल लॉ के अंतर्गत आता है। यह आर्टिकल 15 के खिलाफ है।