कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में क्लिनिकल ट्रायल में एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि नागेश वीरन्ना (33 साल) एक रिसर्च एंड डेवलपनमेंट कंपनी के क्लिनिकल ट्रायल में शामिल था। ट्रायल के दौरान दी गई दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मृतक की भाई की शिकायत पर BNS की धारा 194 (3) के तहत अननेचुरल डेथ की रिपोर्ट दर्ज की है। रिसर्च कंपनी ने जांच में सहयोग करने की बात कही है। भाई बोला- दवा लेने के बाद नागेश के पेट में दर्द होता था
मृतक की भाई रेवन सिद्दप्पा ने बताया कि दिसंबर, 2024 में हेल्थ इश्यूज के बाद नागेश को एक प्राइवेट हॉस्पिटल के ICU में भर्ती कराया गया था। इसके बाद सिंजेन इंटरनेशनल नाम की रिसर्च कंपनी ने अपने क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए उनसे संपर्क किया था। कंपनी ने उन्हें कुछ टैबलेट और इंजेक्शन दिए थे। रेवन ने बताया कि उनके भाई टैबलेट और इंजेक्शन लेने के बाद पेट में दर्द की शिकायत करते थे। हालांकि, बाद में यह समस्या ठीक हो गई। वे हेल्थ चेकअप के लिए नियमित रूप से कंपनी जाते थे। इसी तरह 21 जनवरी को भी वे चेकअप के लिए गए। लौटने बाद रात में खाना खाया और सो गए। सुबह जब वे उठे नहीं तो हमने कंपनी के डॉक्टर से संपर्क किया। उन्होंने नागेश को उसी अस्पताल में ले जाने को कहा, जहां उनका पहले इलाज हुआ था। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने नागेश को मृत घोषित कर दिया। ——————————————– क्लिनिकल ट्रायल से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… अमेरिका में कैंसर वैक्सीन पर स्टडी हुई, HPV वैक्सीन कई तरह के कैंसर को रोकने में कारगर अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (ASCO) की एक नई स्टडी आई है। इस स्टडी के मुताबिक HPV वायरस से होने वाले कैंसर की वैक्सीन सिर्फ महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों को भी होने वाले कई तरह के कैंसर को रोकने में कारगर है। पूरी खबर पढ़ें… कोवैक्सिन अकेली वैक्सीन जिसका ट्रायल भारत में हुआ, कंपनी बोली- लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड पर उठ रहे सवालों के बीच कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि हमारी वैक्सीन सुरक्षित है। इसे बनाते समय हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा थी और दूसरी प्राथमिकता वैक्सीन की गुणवत्ता थी। पूरी खबर पढ़ें…
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में क्लिनिकल ट्रायल में एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि नागेश वीरन्ना (33 साल) एक रिसर्च एंड डेवलपनमेंट कंपनी के क्लिनिकल ट्रायल में शामिल था। ट्रायल के दौरान दी गई दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मृतक की भाई की शिकायत पर BNS की धारा 194 (3) के तहत अननेचुरल डेथ की रिपोर्ट दर्ज की है। रिसर्च कंपनी ने जांच में सहयोग करने की बात कही है। भाई बोला- दवा लेने के बाद नागेश के पेट में दर्द होता था
मृतक की भाई रेवन सिद्दप्पा ने बताया कि दिसंबर, 2024 में हेल्थ इश्यूज के बाद नागेश को एक प्राइवेट हॉस्पिटल के ICU में भर्ती कराया गया था। इसके बाद सिंजेन इंटरनेशनल नाम की रिसर्च कंपनी ने अपने क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए उनसे संपर्क किया था। कंपनी ने उन्हें कुछ टैबलेट और इंजेक्शन दिए थे। रेवन ने बताया कि उनके भाई टैबलेट और इंजेक्शन लेने के बाद पेट में दर्द की शिकायत करते थे। हालांकि, बाद में यह समस्या ठीक हो गई। वे हेल्थ चेकअप के लिए नियमित रूप से कंपनी जाते थे। इसी तरह 21 जनवरी को भी वे चेकअप के लिए गए। लौटने बाद रात में खाना खाया और सो गए। सुबह जब वे उठे नहीं तो हमने कंपनी के डॉक्टर से संपर्क किया। उन्होंने नागेश को उसी अस्पताल में ले जाने को कहा, जहां उनका पहले इलाज हुआ था। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने नागेश को मृत घोषित कर दिया। ——————————————– क्लिनिकल ट्रायल से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… अमेरिका में कैंसर वैक्सीन पर स्टडी हुई, HPV वैक्सीन कई तरह के कैंसर को रोकने में कारगर अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (ASCO) की एक नई स्टडी आई है। इस स्टडी के मुताबिक HPV वायरस से होने वाले कैंसर की वैक्सीन सिर्फ महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों को भी होने वाले कई तरह के कैंसर को रोकने में कारगर है। पूरी खबर पढ़ें… कोवैक्सिन अकेली वैक्सीन जिसका ट्रायल भारत में हुआ, कंपनी बोली- लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड पर उठ रहे सवालों के बीच कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि हमारी वैक्सीन सुरक्षित है। इसे बनाते समय हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा थी और दूसरी प्राथमिकता वैक्सीन की गुणवत्ता थी। पूरी खबर पढ़ें…