दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच का केंद्र बनी हरियाणा में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को दिल्ली पुलिस ने समन भेजा है। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी से जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ होगी। यूनिवर्सिटी की फंडिंग को लेकर जांच करते हुए हैदराबाद से जावेद अहमद सिद्दीकी के भाई को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी 25 साल पुराने फाइनेंशियल फ्रॉड केस में हुई है। हालांकि, दिल्ली ब्लास्ट से उसका कोई लिंक है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही आज यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की कार्रवाई भी हो सकती है। रेवेन्यू विभाग ने उस पूरी जमीन का मुआयना किया है, जिस पर यूनिवर्सिटी बनी है। इसमें आया है कि यूनिवर्सिटी का कुछ हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया है, जिसे आज तोड़ा जा सकता है। इससे पहले यूनिवर्सिटी के डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद ने पूछताछ में बताया कि आतंकी मॉड्यूल ने यूनिवर्सिटी को रेडिकलाइजेशन और लॉजिस्टिक कवर के तौर पर इस्तेमाल किया, यानी यूनिवर्सिटी आतंकियों के छिपने और योजना बनाने में इस्तेमाल हो रही थी। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, यह मॉड्यूल युवाओं को कट्टर बना रहा था और उनसे हथियार और विस्फोटक खरीदने, छिपाने और हमले की योजना बनाने जैसे काम करवाता था। कल जांच एजेंसी आमिर को यूनिवर्सिटी परिसर में लेकर पहुंची थी। दिल्ली में ब्लास्ट हुई i-20 कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी। आमिर और उमर ने मिलकर ब्लास्ट की साजिश रची थी। मामले में पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच का केंद्र बनी हरियाणा में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को दिल्ली पुलिस ने समन भेजा है। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी से जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ होगी। यूनिवर्सिटी की फंडिंग को लेकर जांच करते हुए हैदराबाद से जावेद अहमद सिद्दीकी के भाई को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी 25 साल पुराने फाइनेंशियल फ्रॉड केस में हुई है। हालांकि, दिल्ली ब्लास्ट से उसका कोई लिंक है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही आज यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की कार्रवाई भी हो सकती है। रेवेन्यू विभाग ने उस पूरी जमीन का मुआयना किया है, जिस पर यूनिवर्सिटी बनी है। इसमें आया है कि यूनिवर्सिटी का कुछ हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया है, जिसे आज तोड़ा जा सकता है। इससे पहले यूनिवर्सिटी के डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद ने पूछताछ में बताया कि आतंकी मॉड्यूल ने यूनिवर्सिटी को रेडिकलाइजेशन और लॉजिस्टिक कवर के तौर पर इस्तेमाल किया, यानी यूनिवर्सिटी आतंकियों के छिपने और योजना बनाने में इस्तेमाल हो रही थी। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, यह मॉड्यूल युवाओं को कट्टर बना रहा था और उनसे हथियार और विस्फोटक खरीदने, छिपाने और हमले की योजना बनाने जैसे काम करवाता था। कल जांच एजेंसी आमिर को यूनिवर्सिटी परिसर में लेकर पहुंची थी। दिल्ली में ब्लास्ट हुई i-20 कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी। आमिर और उमर ने मिलकर ब्लास्ट की साजिश रची थी। मामले में पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…