हरियाणा की नायब सैनी सरकार को 17 अक्टूबर को एक साल पूरा हुआ है। पार्टी हाईकमान ने प्रदेश सरकार के एक साल के कामकाज का रिव्यू करके रिपोर्ट तैयार कराई। इसमें 5 पॉइंट्स पर समीक्षा की गई, जिसमें प्रशासनिक पकड़ में 100 में से 47 नंबर ही दिए गए हैं। हालांकि CM की पब्लिक अपीयरेंस यानी लोगों के बीच नजर आने, चुनावी वादे निभाने और संगठन के साथ ट्यूनिंग के मामले में अच्छे नंबर मिले हैं। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक सीनियर नेता को आकलन करने के लिए कहा गया था, जिन्होंने रिपोर्ट बनाकर भेजी। 5 में से 3 पॉइंट्स पर एक्सीलेंट ग्रेड मिला है, जबकि दो पाइंट्स पर बारीकी से काम करने और खुद फैसला लेने को कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह सीएम नायब सैनी की सार्वजनिक मंच पर समय-समय पर पीठ थपथपाते रहे हैं। सूत्रों के हवाले से ये भी बात सामने आई है कि हरियाणा से पार्टी के एक केंद्रीय नेता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तक कह चुके हैं कि देश के प्रमुख मुख्यमंत्रियों में CM सैनी का नाम शामिल होगा। यहां पढ़ते हैं किन पांच पॉइंट्स पर तैयार हुआ लेखा जोखा… 1. प्रशासन पर पकड़ में सिर्फ 47 नंबर
सबसे पहले केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार के प्रशासनिक सिस्टम का लेखा जोखा तैयार किया। इसके लिए सरकार को 50% से कम नंबर दिए गए। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस सेक्टर में सैनी सरकार को 47 नंबर दिए गए। बताया जा रहा है कि अभी सचिवालय या जिलों के अधिकारी विकास के कामों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बहुत से कामों को ब्यूरोक्रेसी के द्वारा लटकाया जा रहा है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकार बनने के बाद बड़े स्तर पर कोई भी प्रशासनिक फेरबदल नहीं किया गया है, जो इसमें एक बड़ा कारण है। 2. पब्लिक फिगर में 86 नंबर
इस सेक्टर में सैनी सरकार को केंद्रीय नेतृत्व ने 86 नंबर दिए हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने सैनी कैबिनेट के सभी मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री की पब्लिक के बीच की प्रेजेंस का लेखा जोखा बनाया है। चूंकि मुख्यमंत्री सैनी खुद अपने सरकारी आवास पर लोगों से मुलाकात करते हैं और अपने सहयोगी मंत्रियों से भी जनता के बीच ही रहने को कहते हैं। एक साल के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने कई मौकों पर राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कार्यक्रमों के बहाने पूरी सरकार को ग्राउंड में एक्टिव रखा है। यही वजह है कि सीएम नायब सैनी के बारे में पार्टी के केंद्र से लेकर हरियाणा तक के नेता नायब सैनी को पब्लिक मैन बता रहे हैं। 3. केंद्रीय योजनाएं लागू करने में 73 नंबर मिले
हरियाणा में कई केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण और व्यक्तिगत घरेलू लेट्रिन), प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, आयुष्मान भारत – पीएमजेएवाई, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना, और अल्पसंख्यकों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शामिल हैं। कृषि से जुड़ी योजनाओं में फसल अवशेष प्रबंधन और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन हैं। इन सबकी समीक्षा में केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार को 73 नंबर दिए हैं। इसकी वजह यह है कि केंद्र की सभी योजनाओं का समीक्षा सीएम खुद कर रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय योजनाओं की रिव्यू मीटिंग में अधिकारियों को तय सीमा में क्रियान्वयन के निर्देश जारी किए हैं। 4. चुनाव संकल्प पत्र वादे
हरियाणा में बीजेपी ने 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी संकल्प पत्र जारी किया था। इस संकल्प पत्र में 217 छोटे-बड़े वादे पार्टी ने किए थे। सरकार ये सभी वादे पांच साल में पूरा करेगी। नायब सैनी ने पहले साल में ही 40 वादे पूरे कर दिए हैं। इनमें बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति पत्र और दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना प्रमुख हैं। हालांकि सीएम नायब सैनी ने ये दावा किया है कि इस साल के अंत तक इन संकल्पों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। केंद्र ने इन संकल्पों को पूरा करने की गति का एक फॉर्मूला निकाला है, जिसके हिसाब से पांच सालों में 92% का रेश्यो निकला है। 5. सरकार और संगठन की ट्यूनिंग
लेखा जोखा के पांचवें पॉइंट में सरकार और संगठन पर फोकस किया गया है। इसमें भी सरकार को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अच्छे नंबर दिए गए हैं। वर्तमान पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सीएम नायब सैनी सरकार की अच्छी ट्यूनिंग है। प्रदेश अध्यक्ष CM नायब सैनी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। CM सैनी भी संगठन के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में बड़ौली के साथ दिखाई देते हैं, जबकि इससे पहले मनोहर लाल खट्टर की सरकार में दो प्रदेश अध्यक्ष बदले गए। हालांकि सीएम सैनी के दूसरे टर्म में भी संगठन को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। यहां पढ़ते हैं इस सर्वे की वजह क्या रही…
हरियाणा की नायब सैनी सरकार को 17 अक्टूबर को एक साल पूरा हुआ है। पार्टी हाईकमान ने प्रदेश सरकार के एक साल के कामकाज का रिव्यू करके रिपोर्ट तैयार कराई। इसमें 5 पॉइंट्स पर समीक्षा की गई, जिसमें प्रशासनिक पकड़ में 100 में से 47 नंबर ही दिए गए हैं। हालांकि CM की पब्लिक अपीयरेंस यानी लोगों के बीच नजर आने, चुनावी वादे निभाने और संगठन के साथ ट्यूनिंग के मामले में अच्छे नंबर मिले हैं। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक सीनियर नेता को आकलन करने के लिए कहा गया था, जिन्होंने रिपोर्ट बनाकर भेजी। 5 में से 3 पॉइंट्स पर एक्सीलेंट ग्रेड मिला है, जबकि दो पाइंट्स पर बारीकी से काम करने और खुद फैसला लेने को कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह सीएम नायब सैनी की सार्वजनिक मंच पर समय-समय पर पीठ थपथपाते रहे हैं। सूत्रों के हवाले से ये भी बात सामने आई है कि हरियाणा से पार्टी के एक केंद्रीय नेता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तक कह चुके हैं कि देश के प्रमुख मुख्यमंत्रियों में CM सैनी का नाम शामिल होगा। यहां पढ़ते हैं किन पांच पॉइंट्स पर तैयार हुआ लेखा जोखा… 1. प्रशासन पर पकड़ में सिर्फ 47 नंबर
सबसे पहले केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार के प्रशासनिक सिस्टम का लेखा जोखा तैयार किया। इसके लिए सरकार को 50% से कम नंबर दिए गए। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस सेक्टर में सैनी सरकार को 47 नंबर दिए गए। बताया जा रहा है कि अभी सचिवालय या जिलों के अधिकारी विकास के कामों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बहुत से कामों को ब्यूरोक्रेसी के द्वारा लटकाया जा रहा है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकार बनने के बाद बड़े स्तर पर कोई भी प्रशासनिक फेरबदल नहीं किया गया है, जो इसमें एक बड़ा कारण है। 2. पब्लिक फिगर में 86 नंबर
इस सेक्टर में सैनी सरकार को केंद्रीय नेतृत्व ने 86 नंबर दिए हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने सैनी कैबिनेट के सभी मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री की पब्लिक के बीच की प्रेजेंस का लेखा जोखा बनाया है। चूंकि मुख्यमंत्री सैनी खुद अपने सरकारी आवास पर लोगों से मुलाकात करते हैं और अपने सहयोगी मंत्रियों से भी जनता के बीच ही रहने को कहते हैं। एक साल के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने कई मौकों पर राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कार्यक्रमों के बहाने पूरी सरकार को ग्राउंड में एक्टिव रखा है। यही वजह है कि सीएम नायब सैनी के बारे में पार्टी के केंद्र से लेकर हरियाणा तक के नेता नायब सैनी को पब्लिक मैन बता रहे हैं। 3. केंद्रीय योजनाएं लागू करने में 73 नंबर मिले
हरियाणा में कई केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण और व्यक्तिगत घरेलू लेट्रिन), प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, आयुष्मान भारत – पीएमजेएवाई, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना, और अल्पसंख्यकों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शामिल हैं। कृषि से जुड़ी योजनाओं में फसल अवशेष प्रबंधन और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन हैं। इन सबकी समीक्षा में केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार को 73 नंबर दिए हैं। इसकी वजह यह है कि केंद्र की सभी योजनाओं का समीक्षा सीएम खुद कर रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय योजनाओं की रिव्यू मीटिंग में अधिकारियों को तय सीमा में क्रियान्वयन के निर्देश जारी किए हैं। 4. चुनाव संकल्प पत्र वादे
हरियाणा में बीजेपी ने 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी संकल्प पत्र जारी किया था। इस संकल्प पत्र में 217 छोटे-बड़े वादे पार्टी ने किए थे। सरकार ये सभी वादे पांच साल में पूरा करेगी। नायब सैनी ने पहले साल में ही 40 वादे पूरे कर दिए हैं। इनमें बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति पत्र और दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना प्रमुख हैं। हालांकि सीएम नायब सैनी ने ये दावा किया है कि इस साल के अंत तक इन संकल्पों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। केंद्र ने इन संकल्पों को पूरा करने की गति का एक फॉर्मूला निकाला है, जिसके हिसाब से पांच सालों में 92% का रेश्यो निकला है। 5. सरकार और संगठन की ट्यूनिंग
लेखा जोखा के पांचवें पॉइंट में सरकार और संगठन पर फोकस किया गया है। इसमें भी सरकार को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अच्छे नंबर दिए गए हैं। वर्तमान पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सीएम नायब सैनी सरकार की अच्छी ट्यूनिंग है। प्रदेश अध्यक्ष CM नायब सैनी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। CM सैनी भी संगठन के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में बड़ौली के साथ दिखाई देते हैं, जबकि इससे पहले मनोहर लाल खट्टर की सरकार में दो प्रदेश अध्यक्ष बदले गए। हालांकि सीएम सैनी के दूसरे टर्म में भी संगठन को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। यहां पढ़ते हैं इस सर्वे की वजह क्या रही…