पंजाब के अमृतसर के रहने वाले फौजी हरप्रीत सिंह और उनकी पत्नी प्रिया अपने बच्चे इश्मीत के इलाज के लिए लोगों से मदद की अपील कर रहे हैं। परिवार ने बच्चे के इलाज के लिए सरकारी तंत्र का हर दरवाजा खटखटा दिया पर अभी कोई ठोस रिस्पोंस नहीं मिला। परिवार अब छुट्टी वाले दिन अलग-अलग जगहों पर जाकर बच्चे के इलाज के लिए पैसे एकत्रित कर रहा हे। इश्मीत को डीएमडी (ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी) नाम की बीमारी है। इसके इलाज के लिए परिवार को 27 करोड़ रुपए की जरूरत है। एक साल से परिवार सड़क पर आकर बच्चे के इलाज के लिए पैसे एकत्रित कर रहा है। अब तक 3.10 करोड़ रुपए ही इकट्ठा हो पाए है। परिवार के मुताबिक, बच्चे को अगर अगले एक साल में इलाज नहीं मिला तो वो चलने फिरने लायक भी नहीं रहेगा। इस तरह परिवार को अब एक साल में 24 करोड़ रुपए जुटाने हैं। परिवार इसके लिए लोगों से अपील कर रहा है। फौजी की पत्नी बच्चे के इलाज के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिली। मुख्यमंत्री ने उनकी फाइल ली और कहा कि कुछ दिन में उनको फोन आ जाएगा। यहां जानिए इश्मीत को कैसे हुई ये बीमारी… यहां जानिए मदद मांगने का सिलसिला कब से शुरू हुआ… छुट्टी के दिन अलग-अलग शहरों में जाते हैं पति-पत्नी
प्रिया ने बताया कि बच्चे की मेडिकल ग्राउंड पर उनके पति हरमीत को दिल्ली में पोस्टिंग मिली। बच्चे का इलाज फिलहाल आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली और एम्स दिल्ली में चल रहा है। मगर, बिना अमेरिकी टीके के इसका इलाज संभव नहीं है। उन्हें 27 करोड़ रुपए जुटाने हैं। इसके लिए वो संस्थाओं, सेलिब्रिटी, उद्यमियों और आम लोगों से अपील कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब पति की छुट्टी होती है तो उस दिन कार लेकर अलग-अलग शहरों में जाते हैं और पीपा रखकर लोगों से बच्चे के लिए मदद मांगते हैं। परिवार की अपने बच्चे के लिए लोगों से अपील
पिता हरप्रीत बार-बार लोगों से अपील कर रहे हैं कि अगर 5 लाख लोग भी उन्हें पांच-पांच सौ रुपए दे देते हैं तो 25 करोड़ रुपए हो जाते हैं। अगर 2.50 लाख लोग एक-एक हजार रुपए देते हैं तो उनके बच्चे के इलाज के लिए पैसे एकत्रित हो जाएंगे।
उधर, मां प्रिया ने लोगों से डबल अपील कर रही है। पहले में तो वो लोगों से अपने बच्चे के इलाज के लिए मदद मांग रही हैं, वहीं महिलाओं से अपील भी कर रही हैं कि आपके खान-पान से आपके पेट में पल रहे बच्चे को कुछ भी हो सकता है। इसलिए आप खाते पीते समय जरूर ध्यान रखें। मेरे बच्चे के साथ भी ऐसा ही हुआ है।
पंजाब के अमृतसर के रहने वाले फौजी हरप्रीत सिंह और उनकी पत्नी प्रिया अपने बच्चे इश्मीत के इलाज के लिए लोगों से मदद की अपील कर रहे हैं। परिवार ने बच्चे के इलाज के लिए सरकारी तंत्र का हर दरवाजा खटखटा दिया पर अभी कोई ठोस रिस्पोंस नहीं मिला। परिवार अब छुट्टी वाले दिन अलग-अलग जगहों पर जाकर बच्चे के इलाज के लिए पैसे एकत्रित कर रहा हे। इश्मीत को डीएमडी (ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी) नाम की बीमारी है। इसके इलाज के लिए परिवार को 27 करोड़ रुपए की जरूरत है। एक साल से परिवार सड़क पर आकर बच्चे के इलाज के लिए पैसे एकत्रित कर रहा है। अब तक 3.10 करोड़ रुपए ही इकट्ठा हो पाए है। परिवार के मुताबिक, बच्चे को अगर अगले एक साल में इलाज नहीं मिला तो वो चलने फिरने लायक भी नहीं रहेगा। इस तरह परिवार को अब एक साल में 24 करोड़ रुपए जुटाने हैं। परिवार इसके लिए लोगों से अपील कर रहा है। फौजी की पत्नी बच्चे के इलाज के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिली। मुख्यमंत्री ने उनकी फाइल ली और कहा कि कुछ दिन में उनको फोन आ जाएगा। यहां जानिए इश्मीत को कैसे हुई ये बीमारी… यहां जानिए मदद मांगने का सिलसिला कब से शुरू हुआ… छुट्टी के दिन अलग-अलग शहरों में जाते हैं पति-पत्नी
प्रिया ने बताया कि बच्चे की मेडिकल ग्राउंड पर उनके पति हरमीत को दिल्ली में पोस्टिंग मिली। बच्चे का इलाज फिलहाल आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली और एम्स दिल्ली में चल रहा है। मगर, बिना अमेरिकी टीके के इसका इलाज संभव नहीं है। उन्हें 27 करोड़ रुपए जुटाने हैं। इसके लिए वो संस्थाओं, सेलिब्रिटी, उद्यमियों और आम लोगों से अपील कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब पति की छुट्टी होती है तो उस दिन कार लेकर अलग-अलग शहरों में जाते हैं और पीपा रखकर लोगों से बच्चे के लिए मदद मांगते हैं। परिवार की अपने बच्चे के लिए लोगों से अपील
पिता हरप्रीत बार-बार लोगों से अपील कर रहे हैं कि अगर 5 लाख लोग भी उन्हें पांच-पांच सौ रुपए दे देते हैं तो 25 करोड़ रुपए हो जाते हैं। अगर 2.50 लाख लोग एक-एक हजार रुपए देते हैं तो उनके बच्चे के इलाज के लिए पैसे एकत्रित हो जाएंगे।
उधर, मां प्रिया ने लोगों से डबल अपील कर रही है। पहले में तो वो लोगों से अपने बच्चे के इलाज के लिए मदद मांग रही हैं, वहीं महिलाओं से अपील भी कर रही हैं कि आपके खान-पान से आपके पेट में पल रहे बच्चे को कुछ भी हो सकता है। इसलिए आप खाते पीते समय जरूर ध्यान रखें। मेरे बच्चे के साथ भी ऐसा ही हुआ है।