पंजाब में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और ला नीना का प्रभाव इस साल दिसंबर में लोगों को ठिठुराएगा। बीते दिनों पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद से नवंबर की शुरुआत से तापमान में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे रात और सुबह की ठंड बढ़ गई है। यही कारण है कि न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री तक कम बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ के डॉयरेक्टर डॉ. सुरिंदरपाल सिंह का मानना है कि 13 नवंबर तक इस सप्ताह का अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास रहने की संभावना है। उत्तरी और पूर्वी जिलों में अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। जबकि, राज्य के अन्य हिस्सों में तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। वहीं, पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। जबकि राज्य के अन्य इलाकों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। इस स्थिति में उत्तरी और पश्चिमी जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है। जबकि अन्य हिस्सों में तापमान सामान्य के करीब रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही, इस साल ला नीना प्रभाव भी ठंड बढ़ने का एक कारण है। इस साल पंजाब के तापमान में गिरावट के पीछे ये बड़ा कारण माना जा रहा है। ला नीना प्रभाव दिसंबर में उत्तर भारत में दिखाई देता है। जानें क्या है ला-नीना
ला नीना एक मौसम की घटना है जो तब होती है जब प्रशांत महासागर के बीच और पूर्वी हिस्से का पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है। यह ठंडा पानी समुद्र की सतह के नीचे से ऊपर आता है। इससे आस-पास के इलाकों का मौसम बदल जाता है। सरल भाषा में समझें तो जब समुद्र का पानी ठंडा हो जाता है, तो इससे ठंडी हवाएं निकलती हैं, जिससे वहां का मौसम ठंडा हो जाता है। यह खास तौर पर भारत और आसपास के इलाकों में सर्दी को बढ़ा देता है और बारिश के पैटर्न को भी प्रभावित करता है। दिसंबर में सामान्य से ज्यादा रहेगी ठंड
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ला नीना के कारण अक्टूबर से दिसंबर के बीच उत्तर भारत में सर्दी सामान्य से ज्यादा रहती है। इससे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड की तीव्रता बढ़ जाती है। इस वर्ष भी ला नीना की स्थिति के कारण उत्तर भारत में दिसंबर माह में ठंड अधिक रहने और शीतलहर चलने की संभावना है। यह समय सर्दियों की शुरुआत का होता है, जब पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय रहता है, जिससे ठंड का असर और बढ़ जाता है। इसलिए पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत में दिसंबर में ठंड ज्यादा महसूस की जाती है।
पंजाब में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और ला नीना का प्रभाव इस साल दिसंबर में लोगों को ठिठुराएगा। बीते दिनों पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद से नवंबर की शुरुआत से तापमान में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे रात और सुबह की ठंड बढ़ गई है। यही कारण है कि न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री तक कम बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ के डॉयरेक्टर डॉ. सुरिंदरपाल सिंह का मानना है कि 13 नवंबर तक इस सप्ताह का अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास रहने की संभावना है। उत्तरी और पूर्वी जिलों में अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। जबकि, राज्य के अन्य हिस्सों में तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। वहीं, पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। जबकि राज्य के अन्य इलाकों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। इस स्थिति में उत्तरी और पश्चिमी जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है। जबकि अन्य हिस्सों में तापमान सामान्य के करीब रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही, इस साल ला नीना प्रभाव भी ठंड बढ़ने का एक कारण है। इस साल पंजाब के तापमान में गिरावट के पीछे ये बड़ा कारण माना जा रहा है। ला नीना प्रभाव दिसंबर में उत्तर भारत में दिखाई देता है। जानें क्या है ला-नीना
ला नीना एक मौसम की घटना है जो तब होती है जब प्रशांत महासागर के बीच और पूर्वी हिस्से का पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है। यह ठंडा पानी समुद्र की सतह के नीचे से ऊपर आता है। इससे आस-पास के इलाकों का मौसम बदल जाता है। सरल भाषा में समझें तो जब समुद्र का पानी ठंडा हो जाता है, तो इससे ठंडी हवाएं निकलती हैं, जिससे वहां का मौसम ठंडा हो जाता है। यह खास तौर पर भारत और आसपास के इलाकों में सर्दी को बढ़ा देता है और बारिश के पैटर्न को भी प्रभावित करता है। दिसंबर में सामान्य से ज्यादा रहेगी ठंड
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ला नीना के कारण अक्टूबर से दिसंबर के बीच उत्तर भारत में सर्दी सामान्य से ज्यादा रहती है। इससे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड की तीव्रता बढ़ जाती है। इस वर्ष भी ला नीना की स्थिति के कारण उत्तर भारत में दिसंबर माह में ठंड अधिक रहने और शीतलहर चलने की संभावना है। यह समय सर्दियों की शुरुआत का होता है, जब पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय रहता है, जिससे ठंड का असर और बढ़ जाता है। इसलिए पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत में दिसंबर में ठंड ज्यादा महसूस की जाती है।