कर्नाटक के बेलगावी में हट्टारागी टोल प्लाजा पर शुक्रवार शाम गन्ना किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इस दौरान पत्थरबाजी में कई वाहनों को नुकसान पहुंचा। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। कई बसों, ट्रक और दूसरे वाहनों की विंडशील्ड और खिड़कियों पर लगे कांच टूटे। बेलगावी एसपी डॉ. भीमाशंकर एस. गुलेड़ ने कहा- किसान संगठन नेशनल हाईवे पर आ गए थे। पुलिस ने उन्हें हाईवे खाली करने के कहा। जब वे नहीं हटे तो उन्हें हटाया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। हमने किसान नेताओं को विश्वास में लिया और उनसे बात स्थिति संभाली। एसपी ने कहा कि कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है। 6 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी भी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। दरअसल, बेगवाली समेत राज्य के बगलकोट, विजयपुरा, विजयनगर, बीदर, गड़ग, हुबली-धारवाड़ और हावड़ी जिलों में किसान गन्ना बीते 8 दिन से आंदोलन पर हैं। वे चीनी मिलों से ₹3500 प्रति टन कीमत की मांग कर रहे हैं। जबकि चीनी मिलें ₹3200 प्रति टन देने को तैयार हैं। पथराव-हंगामे की 4 तस्वीरें… सिद्धारमैया बोले- केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर इस मामले में तत्काल बैठक की मांग की है। उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गन्ना किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 से MSP में बढ़ोतरी नहीं की है। इसने एथेनॉल की दर में भी वृद्धि नहीं की है। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी केंद्र सरकार को लेटर लिखा चुका हूं, लेकिन केंद्र से सपोर्ट नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को विधानसभा हॉल में गन्ना किसानों और शुगर मिल मालिकों के साथ बैठक भी की। मिल मालिक ₹3200 देने को तैयार वहीं, कर्नाटक में 26 शुगर मिल बंद पड़ी हुई हैं। किसानों की गन्ना की कीमत ₹3500 प्रति टन की मांग के बदले मिल मालिक ₹3200 प्रति टन देने के राजी हैं, लेकिन किसान इस पर राजी नही हैं। वहीं, मिल मालिकों का कहना है कि ₹3500 प्रति टन देने पर उन्हें नुकसान होगा। वे घाटे में चले जाएंगे, उन पर कर्जा बढ़ेगा। वहीं किसानों का कहना है कि फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) के अनुसार 2025-26 के लिए ₹3550 प्रति टन तय किया गया, लेकिन हॉर्वेस्टिंग और ट्रांसपोर्ट कटौती के बाद उन्हें ₹2600-₹3000 प्रति टन ही मिल रहे हैं। इससे खर्चा भी नहीं निकल रहा है। गन्ना किसानों के आंदोलन की 3 तस्वीरें… यह है कि किसानों की मांग कर्नाटक सरकार के केंद्र को सुझाव 5 नवंबर: आंदोलनकारी किसान ने जहर खाया 5 नवंबर को बेलगावी के किसान लक्कप्पा गुनादर ने प्रदर्शन के दौरान जहर खा लिया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कर्नाटक में विपक्ष के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने किसान गुनादर से मुलाकात की थी। 6 नवंबर: मंत्री शिवानंद पाटिल की कार पर चप्पल फेंकी 6 नवंबर को राज्य सरकार में मंत्री शिवानंद पाटिल आंदोलन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने उनकी कार पर चप्पल फेंकी थी। शिवानंद पाटिल ने कहा था कि मैं सिर्फ किसानों से अपील करने आया हूं कि गन्ने के दाम तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। वही FRP तय करती है। ………………………..
कर्नाटक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… CM सिद्धारमैया बोले- मोदी सरकार जबरन हिंदी थोप रही: कन्नड़ की उपेक्षा हो रही; हिंदी-अंग्रेजी से हमारे बच्चों की प्रतिभा घट रही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की मोदी सरकार पर कन्नड़ की उपेक्षा करने और हिंदी थोपने का आरोप लगाया था। उन्होंने कर्नाटक के स्थापना दिवस पर हुए 70वें राज्योत्सव में कहा था कि केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…
कर्नाटक के बेलगावी में हट्टारागी टोल प्लाजा पर शुक्रवार शाम गन्ना किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इस दौरान पत्थरबाजी में कई वाहनों को नुकसान पहुंचा। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। कई बसों, ट्रक और दूसरे वाहनों की विंडशील्ड और खिड़कियों पर लगे कांच टूटे। बेलगावी एसपी डॉ. भीमाशंकर एस. गुलेड़ ने कहा- किसान संगठन नेशनल हाईवे पर आ गए थे। पुलिस ने उन्हें हाईवे खाली करने के कहा। जब वे नहीं हटे तो उन्हें हटाया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। हमने किसान नेताओं को विश्वास में लिया और उनसे बात स्थिति संभाली। एसपी ने कहा कि कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है। 6 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी भी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। दरअसल, बेगवाली समेत राज्य के बगलकोट, विजयपुरा, विजयनगर, बीदर, गड़ग, हुबली-धारवाड़ और हावड़ी जिलों में किसान गन्ना बीते 8 दिन से आंदोलन पर हैं। वे चीनी मिलों से ₹3500 प्रति टन कीमत की मांग कर रहे हैं। जबकि चीनी मिलें ₹3200 प्रति टन देने को तैयार हैं। पथराव-हंगामे की 4 तस्वीरें… सिद्धारमैया बोले- केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर इस मामले में तत्काल बैठक की मांग की है। उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गन्ना किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 से MSP में बढ़ोतरी नहीं की है। इसने एथेनॉल की दर में भी वृद्धि नहीं की है। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी केंद्र सरकार को लेटर लिखा चुका हूं, लेकिन केंद्र से सपोर्ट नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को विधानसभा हॉल में गन्ना किसानों और शुगर मिल मालिकों के साथ बैठक भी की। मिल मालिक ₹3200 देने को तैयार वहीं, कर्नाटक में 26 शुगर मिल बंद पड़ी हुई हैं। किसानों की गन्ना की कीमत ₹3500 प्रति टन की मांग के बदले मिल मालिक ₹3200 प्रति टन देने के राजी हैं, लेकिन किसान इस पर राजी नही हैं। वहीं, मिल मालिकों का कहना है कि ₹3500 प्रति टन देने पर उन्हें नुकसान होगा। वे घाटे में चले जाएंगे, उन पर कर्जा बढ़ेगा। वहीं किसानों का कहना है कि फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) के अनुसार 2025-26 के लिए ₹3550 प्रति टन तय किया गया, लेकिन हॉर्वेस्टिंग और ट्रांसपोर्ट कटौती के बाद उन्हें ₹2600-₹3000 प्रति टन ही मिल रहे हैं। इससे खर्चा भी नहीं निकल रहा है। गन्ना किसानों के आंदोलन की 3 तस्वीरें… यह है कि किसानों की मांग कर्नाटक सरकार के केंद्र को सुझाव 5 नवंबर: आंदोलनकारी किसान ने जहर खाया 5 नवंबर को बेलगावी के किसान लक्कप्पा गुनादर ने प्रदर्शन के दौरान जहर खा लिया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कर्नाटक में विपक्ष के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने किसान गुनादर से मुलाकात की थी। 6 नवंबर: मंत्री शिवानंद पाटिल की कार पर चप्पल फेंकी 6 नवंबर को राज्य सरकार में मंत्री शिवानंद पाटिल आंदोलन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने उनकी कार पर चप्पल फेंकी थी। शिवानंद पाटिल ने कहा था कि मैं सिर्फ किसानों से अपील करने आया हूं कि गन्ने के दाम तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। वही FRP तय करती है। ………………………..
कर्नाटक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… CM सिद्धारमैया बोले- मोदी सरकार जबरन हिंदी थोप रही: कन्नड़ की उपेक्षा हो रही; हिंदी-अंग्रेजी से हमारे बच्चों की प्रतिभा घट रही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की मोदी सरकार पर कन्नड़ की उपेक्षा करने और हिंदी थोपने का आरोप लगाया था। उन्होंने कर्नाटक के स्थापना दिवस पर हुए 70वें राज्योत्सव में कहा था कि केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…