महाराष्ट्र में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर हो रहे सरकारी कार्यक्रमों को लेकर विवाद छिड़ गया है। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम का निमंत्रण ठुकरा दिया। साटम ने उन्हें उनके घर के पास होने वाले वंदे मातरम् के सामूहिक गायन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। वंदे मातरम् के 150 साल पूरे हुए महाराष्ट्र सरकार वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताहभर का उत्सव मना रही है। इसी उत्सव के तहत राज्यभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक कार्यक्रम के लिए मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आजमी को आमंत्रित किया। निमंत्रण के जवाब में आजमी ने कहा उन्होंने आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि किसी को भी राष्ट्रीय गीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। जब विधानसभा में वंदे मातरम् गाया जाता है, हम खड़े होकर सम्मान देते हैं। जन गण मन भी पूरी श्रद्धा से गाते हैं। लेकिन आप लोगों को यह नहीं बताते कि मुस्लिम वंदे मातरम् क्यों नहीं गा सकते, बल्कि उन्हें ‘देशद्रोही’ कह देते हैं। यह बहुत ही शर्मनाक और घटिया राजनीति है। आजमी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा आपको मुस्लिमों से वंदे मातरम् गवाना है, लेकिन मेयर का सरनेम ‘खान’ नहीं चाहिए। जो कुरान पढ़े, उन्हें पाकिस्तान भेजने की बात करते हैं। यह देशभक्ति नहीं, राजनीति है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी हमला बोला कि वे इस तरह की राजनीति पर चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। आजमी बोले- बीजेपी और उसके नेता संविधान और अल्पसंख्यकों का अपमान कर रहे हैं। लेकिन याद रखिए, सत्ता हमेशा नहीं रहती। वंदे मातरम् को राजनीतिक हथियार मत बनाइए। हमने कभी इसका विरोध नहीं किया और न कभी करेंगे। स्कूलों में 7 नवंबर तक राष्ट्रगीत गाने का निर्देश दिया महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में सभी स्कूलों को 31 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वंदे मातरम् का पूरा संस्करण गाने का निर्देश दिया था। इस पर आजमी ने कहा कि किसी पर इसे ज़बरदस्ती गवाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, इस्लाम में मां का सम्मान जरूरी है, लेकिन सजदा (प्रणाम) सिर्फ अल्लाह के लिए होता है। इस बयान के बाद अबू आसिम आजमी फिर से राजनीतिक विवादों में आ गए हैं। बीजेपी नेता इसे राष्ट्रगीत के प्रति अवमानना बता रहे हैं, जबकि आजमी का कहना है कि हमारी देशभक्ति पर किसी को शक करने का हक नहीं है।
महाराष्ट्र में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर हो रहे सरकारी कार्यक्रमों को लेकर विवाद छिड़ गया है। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम का निमंत्रण ठुकरा दिया। साटम ने उन्हें उनके घर के पास होने वाले वंदे मातरम् के सामूहिक गायन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। वंदे मातरम् के 150 साल पूरे हुए महाराष्ट्र सरकार वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताहभर का उत्सव मना रही है। इसी उत्सव के तहत राज्यभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक कार्यक्रम के लिए मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आजमी को आमंत्रित किया। निमंत्रण के जवाब में आजमी ने कहा उन्होंने आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि किसी को भी राष्ट्रीय गीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। जब विधानसभा में वंदे मातरम् गाया जाता है, हम खड़े होकर सम्मान देते हैं। जन गण मन भी पूरी श्रद्धा से गाते हैं। लेकिन आप लोगों को यह नहीं बताते कि मुस्लिम वंदे मातरम् क्यों नहीं गा सकते, बल्कि उन्हें ‘देशद्रोही’ कह देते हैं। यह बहुत ही शर्मनाक और घटिया राजनीति है। आजमी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा आपको मुस्लिमों से वंदे मातरम् गवाना है, लेकिन मेयर का सरनेम ‘खान’ नहीं चाहिए। जो कुरान पढ़े, उन्हें पाकिस्तान भेजने की बात करते हैं। यह देशभक्ति नहीं, राजनीति है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी हमला बोला कि वे इस तरह की राजनीति पर चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। आजमी बोले- बीजेपी और उसके नेता संविधान और अल्पसंख्यकों का अपमान कर रहे हैं। लेकिन याद रखिए, सत्ता हमेशा नहीं रहती। वंदे मातरम् को राजनीतिक हथियार मत बनाइए। हमने कभी इसका विरोध नहीं किया और न कभी करेंगे। स्कूलों में 7 नवंबर तक राष्ट्रगीत गाने का निर्देश दिया महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में सभी स्कूलों को 31 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वंदे मातरम् का पूरा संस्करण गाने का निर्देश दिया था। इस पर आजमी ने कहा कि किसी पर इसे ज़बरदस्ती गवाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, इस्लाम में मां का सम्मान जरूरी है, लेकिन सजदा (प्रणाम) सिर्फ अल्लाह के लिए होता है। इस बयान के बाद अबू आसिम आजमी फिर से राजनीतिक विवादों में आ गए हैं। बीजेपी नेता इसे राष्ट्रगीत के प्रति अवमानना बता रहे हैं, जबकि आजमी का कहना है कि हमारी देशभक्ति पर किसी को शक करने का हक नहीं है।