बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में ‘हिंदू सनातन एकता पदयात्रा 2.0’ शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ से शुरू हुई। यह यात्रा वृंदावन तक जाएगी। इस यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथावाचक जया किशोरी भी रहेंगी। जय किशोरी ने एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है। जया किशोरी ने कहा- हरे कृष्णा, जय सीताराम, मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि बागेश्वर वाले बाबा इस बार फिर सनातन हिंदू जोड़ो यात्रा लेकर आ रहे हैं। मैं भी इस यात्रा में 7 से 16 नवंबर तक शामिल होने वाली हूं। आप सभी सनातनियों से निवेदन है कि आप सभी आएं। पूरी दुनिया के सामने एकता का स्वरूप प्रदान करें। यात्रा से पहले सुबह 9 बजे दिल्ली के कात्यायनी मंदिर परिसर में संत-महात्माओं की उपस्थिति में मंचीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के बाद संतों की ओर से सौंपे गए धर्म ध्वज को लेकर बागेश्वर बाबा के नेतृत्व में यात्रा वृंदावन के लिए रवाना हुई। पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा को लेकर ये पांच बड़ी बातें कही 1. तनातनी की नहीं, सनातनियों की पदयात्रा
यात्रा से हिंदुओं का डर खत्म होगा। हिंदू एक होगा। पूरी दुनिया को हिंदुओं की ताकत का पता लगेगा। ये तनातनी के लिए नहीं, सनातनियों के लिए पदयात्रा है। हमें मुसलमानों से भी दिक्कत नहीं। यदि वे गजवा ए हिंद कहेंगे, तो हम भगवा ए हिंद बनाकर रहेंगे। यदि वह सर तन से जुदा की बात करेंगे, तो पाकिस्तान में 9 जगह पटाखे फूटे। हमारे पास पटाखे तो हैं नहीं, लेकिन सेना तो फोड़ ही सकते हैं। जब पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र हो सकता है, तो 80 फीसदी हिंदू वाला भारत हिंदू राष्ट्र हो जाए। 2. राजनीतिक नहीं, आध्यात्मिक पदयात्रा
ये राजनीतिक नहीं आध्यात्मिक पदयात्रा है। हम चाहते हैं कि जातियां तो रहें, लेकिन उसका अहंकार न रहें। धर्म विरोधी और देश को बिगाड़ने वालों की ठठरी बंधेगी। भारत में जन्म लेने वाला व्यक्ति सनातनी है। जो सनातनी नहीं, वह तनातनी है। 3. जातियां भले अलग–अलग, हिंदू एक हों
हमारी श्रृंखलाएं अलग हों, संकल्प एक रखना। नदियां अलग–अलग हों। जैसे सभी नदियां समुद्र में मिलती हैं, वैसे हम सब हिंदुओं की जातियां भले ही अलग–अलग हों, लेकिन हम हिंदू एक हों। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए, हिंदुओं को जगाने के लिए तन मन हिंदू, रग–रग हिंदू, हर घर हिंदू, हर हिंदुस्तानी हिंदू। इस भाव को प्रबल करने के लिए हिंदुत्व की विचारधारा अपनाएं। 4. कास्टवाद को शून्य कर राष्ट्रवाद बढ़ावा
हम वचन दे रहे हैं कि आप कदम से कदम मिलाकर चलो। संतों का साथ, सनातनियों का साथ और नवंबर सात। यह वैचारिक क्रांति की यात्रा है। यह काष्टवाद को शून्य करके राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की यात्रा है। 5. जहां विश्राम वहां भोजन और भजन–कीर्तन
रोजाना यात्रा वंदे मातरम और हनुमान चालीसा से शुरू होगी। हम यात्रा सात संकल्प लेकर शुरू कर रहे हैं। धर्मध्वज सबसे आगे चलेगा। जहां–जहां विश्राम होगा, वहां अखंड कीर्तन होगा, गोमाता का पूजन होगा। भोजन और भजन की भी व्यवस्था होगी। पदयात्रा की 4 तस्वीरें… इस साल 300 से अधिक मुस्लिम सदस्य भी होंगे शामिल इस बार यात्रा को मुस्लिम समाज से भी समर्थन मिला है। फैज खान के नेतृत्व में 300 से अधिक मुस्लिम सदस्य पदयात्रा में शामिल होंगे। हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में मुस्लिम समुदाय ने कहा कि यह यात्रा ‘लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही है’, इसलिए वे भी इसमें साथ चलेंगे। पदयात्रा के सात संकल्प… 1. यमुना माता का शुद्धिकरण।
2. भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
3. गोमाता को राष्ट्र माता का दर्जा मिले।
4. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर भव्य रूप में निर्मित हो।
5. ब्रज परिक्षेत्र से मांस-मदिरा पर प्रतिबंध।
6. अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक।
7. जात-पात और ऊंच-नीच का भेद समाप्त कर सामाजिक समरसता स्थापित हो।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में ‘हिंदू सनातन एकता पदयात्रा 2.0’ शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ से शुरू हुई। यह यात्रा वृंदावन तक जाएगी। इस यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथावाचक जया किशोरी भी रहेंगी। जय किशोरी ने एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है। जया किशोरी ने कहा- हरे कृष्णा, जय सीताराम, मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि बागेश्वर वाले बाबा इस बार फिर सनातन हिंदू जोड़ो यात्रा लेकर आ रहे हैं। मैं भी इस यात्रा में 7 से 16 नवंबर तक शामिल होने वाली हूं। आप सभी सनातनियों से निवेदन है कि आप सभी आएं। पूरी दुनिया के सामने एकता का स्वरूप प्रदान करें। यात्रा से पहले सुबह 9 बजे दिल्ली के कात्यायनी मंदिर परिसर में संत-महात्माओं की उपस्थिति में मंचीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के बाद संतों की ओर से सौंपे गए धर्म ध्वज को लेकर बागेश्वर बाबा के नेतृत्व में यात्रा वृंदावन के लिए रवाना हुई। पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा को लेकर ये पांच बड़ी बातें कही 1. तनातनी की नहीं, सनातनियों की पदयात्रा
यात्रा से हिंदुओं का डर खत्म होगा। हिंदू एक होगा। पूरी दुनिया को हिंदुओं की ताकत का पता लगेगा। ये तनातनी के लिए नहीं, सनातनियों के लिए पदयात्रा है। हमें मुसलमानों से भी दिक्कत नहीं। यदि वे गजवा ए हिंद कहेंगे, तो हम भगवा ए हिंद बनाकर रहेंगे। यदि वह सर तन से जुदा की बात करेंगे, तो पाकिस्तान में 9 जगह पटाखे फूटे। हमारे पास पटाखे तो हैं नहीं, लेकिन सेना तो फोड़ ही सकते हैं। जब पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र हो सकता है, तो 80 फीसदी हिंदू वाला भारत हिंदू राष्ट्र हो जाए। 2. राजनीतिक नहीं, आध्यात्मिक पदयात्रा
ये राजनीतिक नहीं आध्यात्मिक पदयात्रा है। हम चाहते हैं कि जातियां तो रहें, लेकिन उसका अहंकार न रहें। धर्म विरोधी और देश को बिगाड़ने वालों की ठठरी बंधेगी। भारत में जन्म लेने वाला व्यक्ति सनातनी है। जो सनातनी नहीं, वह तनातनी है। 3. जातियां भले अलग–अलग, हिंदू एक हों
हमारी श्रृंखलाएं अलग हों, संकल्प एक रखना। नदियां अलग–अलग हों। जैसे सभी नदियां समुद्र में मिलती हैं, वैसे हम सब हिंदुओं की जातियां भले ही अलग–अलग हों, लेकिन हम हिंदू एक हों। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए, हिंदुओं को जगाने के लिए तन मन हिंदू, रग–रग हिंदू, हर घर हिंदू, हर हिंदुस्तानी हिंदू। इस भाव को प्रबल करने के लिए हिंदुत्व की विचारधारा अपनाएं। 4. कास्टवाद को शून्य कर राष्ट्रवाद बढ़ावा
हम वचन दे रहे हैं कि आप कदम से कदम मिलाकर चलो। संतों का साथ, सनातनियों का साथ और नवंबर सात। यह वैचारिक क्रांति की यात्रा है। यह काष्टवाद को शून्य करके राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की यात्रा है। 5. जहां विश्राम वहां भोजन और भजन–कीर्तन
रोजाना यात्रा वंदे मातरम और हनुमान चालीसा से शुरू होगी। हम यात्रा सात संकल्प लेकर शुरू कर रहे हैं। धर्मध्वज सबसे आगे चलेगा। जहां–जहां विश्राम होगा, वहां अखंड कीर्तन होगा, गोमाता का पूजन होगा। भोजन और भजन की भी व्यवस्था होगी। पदयात्रा की 4 तस्वीरें… इस साल 300 से अधिक मुस्लिम सदस्य भी होंगे शामिल इस बार यात्रा को मुस्लिम समाज से भी समर्थन मिला है। फैज खान के नेतृत्व में 300 से अधिक मुस्लिम सदस्य पदयात्रा में शामिल होंगे। हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में मुस्लिम समुदाय ने कहा कि यह यात्रा ‘लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही है’, इसलिए वे भी इसमें साथ चलेंगे। पदयात्रा के सात संकल्प… 1. यमुना माता का शुद्धिकरण।
2. भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
3. गोमाता को राष्ट्र माता का दर्जा मिले।
4. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर भव्य रूप में निर्मित हो।
5. ब्रज परिक्षेत्र से मांस-मदिरा पर प्रतिबंध।
6. अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक।
7. जात-पात और ऊंच-नीच का भेद समाप्त कर सामाजिक समरसता स्थापित हो।