जो आज साहिब-ए-मसनद है कल नहीं होंगे, किराएदार हैं, जाती मकान थोड़ी है। मशहूर शायर राहत इंदौरी का ये शेर एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस रहे अतुल श्रीधरन ने अपने विदाई समारोह में पढ़ा। दरअसल, जस्टिस श्रीधरन का हाल ही में इलाहबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर हुआ है। 4 नवंबर को हाईकोर्ट में उनका विदाई समारोह रखा गया था। समारोह में चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा सहित कई जस्टिस और सीनियर एडवोकेट मौजूद रहे। इसी दौरान जस्टिस अतुल श्रीधरन भावुक होते हुए राहत इंदौरी का शेर पढ़ते हुए ट्रांसफर पर अपना नजरिया व्यक्त किया। इसका वीडियो गुरुवार को सामने आया। जीवन और पद की अनिश्चितता, क्षणभंगुरता की ओर इशारा
इस शेर के माध्यम से उन्होंने जीवन और पद की अनिश्चितता और क्षणभंगुरता की ओर इशारा किया। इससे पहले जस्टिस अतुल श्रीधरन ने कहा कि मैं चीफ जस्टिस का धन्यवाद करता हूं, कि उनकी वजह से मैं यहां पर अच्छा समय गुजार पाया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा जी, बहुत ही नम्र व्यक्ति हैं, और सभी से तालमेल बनाकर चलते हैं। उन्होंने कहा- मैं अपने दूसरे साथी जजों का भी धन्यवाद करता हूं, उन्होंने मेरी हमेशा मदद की है। मैं अपने गुरु गोपाल सुब्रमण्यम और सत्येंद्र कुमार व्यास जी का भी अभारी हूं, जिनकी वजह से मैं जस्टिस बना। एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर सर्विस का एक हिस्सा
उन्होंने यह भी कहा कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर सर्विस का एक हिस्सा होता है। अब मैं जबकि इलाहबाद जा रहा हूं, तो देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट में काम करने के लिए भी बहुत उत्साहित हूं। यहां मेरे लिए सीखने का बहुत अवसर मिलेगा। दमोह पैर धुलाई कांड पर स्वत:संज्ञान लेकर तल्ख टिप्पणी की
2023 में जस्टिस अतुल श्रीधरन ने अपनी बेटी के इंदौर जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में वकालत शुरू करने के कारण हितों के टकराव से बचने के लिए स्वयं ही मध्य प्रदेश से बाहर तबादले का अनुरोध किया था। उस समय उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय हाल ही में स्थानांतरित किया गया था। बाद में उन्हें वापस मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ट्रांसफर किया गया। हाल ही में जस्टिस अतुल श्रीधरन ने दमोह पैर धुलाई कांड पर स्वत:संज्ञान लेते हुए कई तल्ख टिप्पणियां की थीं। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा था- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र सभी अपनी स्वतंत्र पहचान का दावा कर रहे हैं। यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो डेढ़ सदी के भीतर खुद को हिंदू कहने वाले लोग आपस में लड़कर अस्तित्वहीन हो जाएंगे। जस्टिस अतुल श्रीधरन ने सुनवाई में वर्चुअली जुड़े दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी को मामले में कमजोर धाराएं लगाने पर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने पूछा कि सतरिया मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है। एसपी ने FIR दर्ज कर 5 लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी दी। जस्टिस श्रीधरन ने कमजोर धाराएं लगाने को लेकर सवाल उठाए। जस्टिस श्रीधरन द्वारा हाल ही के प्रमुख स्वत:संज्ञान के मामले
जो आज साहिब-ए-मसनद है कल नहीं होंगे, किराएदार हैं, जाती मकान थोड़ी है। मशहूर शायर राहत इंदौरी का ये शेर एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस रहे अतुल श्रीधरन ने अपने विदाई समारोह में पढ़ा। दरअसल, जस्टिस श्रीधरन का हाल ही में इलाहबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर हुआ है। 4 नवंबर को हाईकोर्ट में उनका विदाई समारोह रखा गया था। समारोह में चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा सहित कई जस्टिस और सीनियर एडवोकेट मौजूद रहे। इसी दौरान जस्टिस अतुल श्रीधरन भावुक होते हुए राहत इंदौरी का शेर पढ़ते हुए ट्रांसफर पर अपना नजरिया व्यक्त किया। इसका वीडियो गुरुवार को सामने आया। जीवन और पद की अनिश्चितता, क्षणभंगुरता की ओर इशारा
इस शेर के माध्यम से उन्होंने जीवन और पद की अनिश्चितता और क्षणभंगुरता की ओर इशारा किया। इससे पहले जस्टिस अतुल श्रीधरन ने कहा कि मैं चीफ जस्टिस का धन्यवाद करता हूं, कि उनकी वजह से मैं यहां पर अच्छा समय गुजार पाया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा जी, बहुत ही नम्र व्यक्ति हैं, और सभी से तालमेल बनाकर चलते हैं। उन्होंने कहा- मैं अपने दूसरे साथी जजों का भी धन्यवाद करता हूं, उन्होंने मेरी हमेशा मदद की है। मैं अपने गुरु गोपाल सुब्रमण्यम और सत्येंद्र कुमार व्यास जी का भी अभारी हूं, जिनकी वजह से मैं जस्टिस बना। एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर सर्विस का एक हिस्सा
उन्होंने यह भी कहा कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर सर्विस का एक हिस्सा होता है। अब मैं जबकि इलाहबाद जा रहा हूं, तो देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट में काम करने के लिए भी बहुत उत्साहित हूं। यहां मेरे लिए सीखने का बहुत अवसर मिलेगा। दमोह पैर धुलाई कांड पर स्वत:संज्ञान लेकर तल्ख टिप्पणी की
2023 में जस्टिस अतुल श्रीधरन ने अपनी बेटी के इंदौर जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में वकालत शुरू करने के कारण हितों के टकराव से बचने के लिए स्वयं ही मध्य प्रदेश से बाहर तबादले का अनुरोध किया था। उस समय उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय हाल ही में स्थानांतरित किया गया था। बाद में उन्हें वापस मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ट्रांसफर किया गया। हाल ही में जस्टिस अतुल श्रीधरन ने दमोह पैर धुलाई कांड पर स्वत:संज्ञान लेते हुए कई तल्ख टिप्पणियां की थीं। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा था- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र सभी अपनी स्वतंत्र पहचान का दावा कर रहे हैं। यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो डेढ़ सदी के भीतर खुद को हिंदू कहने वाले लोग आपस में लड़कर अस्तित्वहीन हो जाएंगे। जस्टिस अतुल श्रीधरन ने सुनवाई में वर्चुअली जुड़े दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी को मामले में कमजोर धाराएं लगाने पर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने पूछा कि सतरिया मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है। एसपी ने FIR दर्ज कर 5 लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी दी। जस्टिस श्रीधरन ने कमजोर धाराएं लगाने को लेकर सवाल उठाए। जस्टिस श्रीधरन द्वारा हाल ही के प्रमुख स्वत:संज्ञान के मामले