सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पोर्न वीडियोज को बैन करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने सितंबर में नेपाल में हुए GenZ प्रदर्शन का हवाला दिया। कहा- नेपाल में सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगाने के बाद क्या हुआ, जरा देखिए। हालांकि चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा- पोर्नोग्राफी बैन वाली याचिका पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई की जाएगी। गवई 23 नवंबर को अपने पद से रिटायर्ड हो रहे हैं। याचिका में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह अश्लील कंटेंट (पोर्नोग्राफी) पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नेशनल पॉलिसी बनाए। साथ ही बच्चों तक यह कंटेंट नहीं पहुंचे, इसके लिए जरूरी एक्शन ले। इसके अलावा पब्लिक प्लेटफॉर्म से ऐसे वीडियोज हटाए जाएं। पोर्न बैन वाली याचिका की 2 मुख्य बातें… अश्लील कंटेंट पर सुप्रीम कोर्ट की पिछली 2 सुनवाई… 28 अप्रैल 2025: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता गंभीर मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन अश्लील कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और 9 OTT-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। याचिका एक गंभीर चिंता पैदा करती है। केंद्र को इस पर कुछ कदम उठाने की जरूरत है। पूरी खबर पढ़ें… 24 सितंबर 2024: सेक्स एजुकेशन वेस्टर्न कॉन्सेप्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेक्स एजुकेशन को वेस्टर्न कॉन्सेप्ट मानना गलत है। इससे युवाओं में अनैतिकता नहीं बढ़ती। इसलिए भारत में इसकी शिक्षा बेहद जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि लोगों का मानना है कि सेक्स एजुकेशन भारतीय मूल्यों के खिलाफ है। इसी वजह से कई राज्यों में यौन शिक्षा को बैन कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें… —————————- ये खबर भी पढ़ें… Ullu-ALTT समेत 25 OTT प्लेटफॉर्म बैन:अश्लील कंटेंट दिखाने को लेकर सरकार का एक्शन; पिछले साल 18 एप्स बंद किए थे केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले 25 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया। सरकार का कहना है कि ये एप्स एंटरटेनमेंट के नाम पर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो पेश कर रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पोर्न वीडियोज को बैन करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने सितंबर में नेपाल में हुए GenZ प्रदर्शन का हवाला दिया। कहा- नेपाल में सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगाने के बाद क्या हुआ, जरा देखिए। हालांकि चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा- पोर्नोग्राफी बैन वाली याचिका पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई की जाएगी। गवई 23 नवंबर को अपने पद से रिटायर्ड हो रहे हैं। याचिका में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह अश्लील कंटेंट (पोर्नोग्राफी) पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नेशनल पॉलिसी बनाए। साथ ही बच्चों तक यह कंटेंट नहीं पहुंचे, इसके लिए जरूरी एक्शन ले। इसके अलावा पब्लिक प्लेटफॉर्म से ऐसे वीडियोज हटाए जाएं। पोर्न बैन वाली याचिका की 2 मुख्य बातें… अश्लील कंटेंट पर सुप्रीम कोर्ट की पिछली 2 सुनवाई… 28 अप्रैल 2025: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता गंभीर मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन अश्लील कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और 9 OTT-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। याचिका एक गंभीर चिंता पैदा करती है। केंद्र को इस पर कुछ कदम उठाने की जरूरत है। पूरी खबर पढ़ें… 24 सितंबर 2024: सेक्स एजुकेशन वेस्टर्न कॉन्सेप्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेक्स एजुकेशन को वेस्टर्न कॉन्सेप्ट मानना गलत है। इससे युवाओं में अनैतिकता नहीं बढ़ती। इसलिए भारत में इसकी शिक्षा बेहद जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि लोगों का मानना है कि सेक्स एजुकेशन भारतीय मूल्यों के खिलाफ है। इसी वजह से कई राज्यों में यौन शिक्षा को बैन कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें… —————————- ये खबर भी पढ़ें… Ullu-ALTT समेत 25 OTT प्लेटफॉर्म बैन:अश्लील कंटेंट दिखाने को लेकर सरकार का एक्शन; पिछले साल 18 एप्स बंद किए थे केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले 25 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया। सरकार का कहना है कि ये एप्स एंटरटेनमेंट के नाम पर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो पेश कर रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…