चार साल के बाद आज से जम्मू में ‘दरबार मूव’ की बहाली कर दी गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस अवसर पर नागरिक सचिवालय पहुंचकर गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंंने कहा – हमने जनता से किया वादा निभाया। सेक्रेटेरिएट पहुंचने से पहले उन्होंने शहीदी चौक और रघुनाथ बाजार में व्यापारियों और नागरिक समाज से भी मुलाकात की। 2021 में मनोज सिन्हा ने दरबार मूव बंद कर दिया था। दरबार मूव की तस्वीरें जानिए क्या है दरबार मूव दरबार मूव जम्मू-कश्मीर की एक पुरानी परंपरा है, जिसमें राज्य के सरकारी कार्यालय हर छह महीने में श्रीनगर और जम्मू के बीच स्थानांतरित होते हैं। यह परंपरा राज्य के दो प्रमुख शहरों को जोड़ने और प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने के लिए अपनाई जाती थी। हालांकि, 2021 में राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ₹200 करोड़ सालाना खर्च के कारण दरबार मूव बंद कर दिया था। दरबार मूव बंद होने से जम्मू को बड़ा धक्का लगा- CM उमर अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू को बहुत बड़ा धक्का लगा था जब दरबार मूव को बंद किया गया था। हमने जनता से वादा किया था कि दरबार मूव को बहाल करेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी भी थी और और इससे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। कुछ चीजें भावनात्मक रूप से भी मायने रखती हैं। श्रीनगर और जम्मू को जोड़ने वाला दरबार मूव सबसे बड़ा तरीका था। इसे कम करने से जम्मू-कश्मीर की एकता को नुकसान हुआ था, जिसे हमने दुरुस्त करने की कोशिश की है। शहीदी चौक से शालीमार चौक तक पैदल चले CM उमर अब्दुल्ला ने अपने सरकारी आवास से पैदल रेजीडेंसी रोड स्थित शहीदी चौक से रघुनाथ बाजार होते हुए शालीमार चौक तक यात्रा की, जहां व्यापारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया। रघुनाथ बाजार के व्यापारी दरबार मूव की परंपरा को फिर से शुरू करने के लिए खुले तौर पर समर्थन कर रहे थे, क्योंकि उनका व्यवसाय सर्दियों में कश्मीर से आने वाले लोगों पर निर्भर करता है। जम्मू सचिवालय में मंत्रियों की मौजूदगी की तारीख तय हुई दरबार मूव की बहाली के बाद जम्मू मुख्य सचिवालय में अधिकारियों की उपस्थिति का समय तय कर दिया गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह व्यवस्था तेजी और प्रभावी शासन सुनिश्चित करने के लिए की है। हालांकि, गृह विभाग के कार्यालय, जो राज्यपाल के अधीन हैं, सामान्य रूप से श्रीनगर और जम्मू दोनों जगह काम करते रहेंगे। जम्मू और कश्मीर साथ मिलकर बढ़ेंगे- डॉ. फारूक अब्दुल्ला एनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू और कश्मीर एक हैं, और दोनों साथ मिलकर प्रगति करेंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि क्षेत्र की समस्याओं को समझें और लोगों का समर्थन करें। दरबार मूव एक पॉजिटिव कदम है, जो प्रगति को दर्शाता है। अब राजनीति से ऊपर उठने का और सालों की चुनौतियों के बाद री-डेवलपमेंट करने का समय है।
चार साल के बाद आज से जम्मू में ‘दरबार मूव’ की बहाली कर दी गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस अवसर पर नागरिक सचिवालय पहुंचकर गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंंने कहा – हमने जनता से किया वादा निभाया। सेक्रेटेरिएट पहुंचने से पहले उन्होंने शहीदी चौक और रघुनाथ बाजार में व्यापारियों और नागरिक समाज से भी मुलाकात की। 2021 में मनोज सिन्हा ने दरबार मूव बंद कर दिया था। दरबार मूव की तस्वीरें जानिए क्या है दरबार मूव दरबार मूव जम्मू-कश्मीर की एक पुरानी परंपरा है, जिसमें राज्य के सरकारी कार्यालय हर छह महीने में श्रीनगर और जम्मू के बीच स्थानांतरित होते हैं। यह परंपरा राज्य के दो प्रमुख शहरों को जोड़ने और प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने के लिए अपनाई जाती थी। हालांकि, 2021 में राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ₹200 करोड़ सालाना खर्च के कारण दरबार मूव बंद कर दिया था। दरबार मूव बंद होने से जम्मू को बड़ा धक्का लगा- CM उमर अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू को बहुत बड़ा धक्का लगा था जब दरबार मूव को बंद किया गया था। हमने जनता से वादा किया था कि दरबार मूव को बहाल करेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी भी थी और और इससे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। कुछ चीजें भावनात्मक रूप से भी मायने रखती हैं। श्रीनगर और जम्मू को जोड़ने वाला दरबार मूव सबसे बड़ा तरीका था। इसे कम करने से जम्मू-कश्मीर की एकता को नुकसान हुआ था, जिसे हमने दुरुस्त करने की कोशिश की है। शहीदी चौक से शालीमार चौक तक पैदल चले CM उमर अब्दुल्ला ने अपने सरकारी आवास से पैदल रेजीडेंसी रोड स्थित शहीदी चौक से रघुनाथ बाजार होते हुए शालीमार चौक तक यात्रा की, जहां व्यापारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया। रघुनाथ बाजार के व्यापारी दरबार मूव की परंपरा को फिर से शुरू करने के लिए खुले तौर पर समर्थन कर रहे थे, क्योंकि उनका व्यवसाय सर्दियों में कश्मीर से आने वाले लोगों पर निर्भर करता है। जम्मू सचिवालय में मंत्रियों की मौजूदगी की तारीख तय हुई दरबार मूव की बहाली के बाद जम्मू मुख्य सचिवालय में अधिकारियों की उपस्थिति का समय तय कर दिया गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह व्यवस्था तेजी और प्रभावी शासन सुनिश्चित करने के लिए की है। हालांकि, गृह विभाग के कार्यालय, जो राज्यपाल के अधीन हैं, सामान्य रूप से श्रीनगर और जम्मू दोनों जगह काम करते रहेंगे। जम्मू और कश्मीर साथ मिलकर बढ़ेंगे- डॉ. फारूक अब्दुल्ला एनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू और कश्मीर एक हैं, और दोनों साथ मिलकर प्रगति करेंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि क्षेत्र की समस्याओं को समझें और लोगों का समर्थन करें। दरबार मूव एक पॉजिटिव कदम है, जो प्रगति को दर्शाता है। अब राजनीति से ऊपर उठने का और सालों की चुनौतियों के बाद री-डेवलपमेंट करने का समय है।