पश्चिम बंगाल में SIR पर राजनीति लगातार गरमा रही है। शनिवार रात तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया कि पूर्व बर्दवान जिले के एक और व्यक्ति की मौत SIR के डर से हुई है। TMC ने इसे लेकर कहा कि बीजेपी के हाथ खून से रंगे हैं। चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे भय और नफरत की सियासत का नतीजा बताया है। TMC ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जमालपुर, पूर्व बर्दवान के नबाग्राम गांव के रहने वाले बिमल संत्रा की जान SIR के डर और तनाव की वजह से गई। वे तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरी करते थे। तृणमूल कांग्रेस ने पोस्ट में लिखा कि बीजेपी की डर और नफरत की राजनीति ने एक और कीमती जान ले ली है। कुछ ही दिनों में हमने देखा कि पनिहाटी के प्रदीप कर ने NRC के डर से जान दी, दिनहाटा के 63 वर्षीय बुजुर्ग ने खुदकुशी की कोशिश की, और अब बिमल संत्रा की मौत हुई है। यह सब SIR के आतंक का नतीजा है। तनाव में थे पिता-बिमल संत्रा के बेटे पापा काफी तनाव में थे। नौकरी नहीं थी, इसलिए तमिलनाडु चले गए थे। वहीं उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं मामले पर स्थानीय विधायक अशोक मजूमदार ने कहा कि 100 दिन का काम (मनरेगा) बंद होने से लोग बेरोजगार थे। बिमल तमिलनाडु में मजदूरी कर रहे थे। परिवार ने बताया कि वे SIR के डर से परेशान थे और तनाव में थे। यह बहुत दुखद है। मैं परिवार के साथ हूं। तृणमूल कांग्रेस का EC पर पक्षपात का आरोप टीएमसी के राज्य मंत्री अरूप विश्वास और सांसद पार्थ भौमिक ने आरोप लगाया कि आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश कर रहा है। उधर, भाजपा नेता शिशिर बजोरिया ने सीईओ कार्यालय की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 40% बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) अस्थायी हैं और राज्य सरकार से जुड़े हैं। भाजपा बोली- TMC गुमराह कर रही SIR को लेकर डर के माहौल वाली बात पर BJP का कहना है कि TMC जनता को गुमराह कर रही है। पश्चिम बंगाल में SIR ट्रेनिंग शुरू पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के लिए शनिवार को BLO का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया। इस दौरान कई BLO ने प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्थाओं का विरोध किया। SIR क्या है? SIR चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है। इसमें वोटर लिस्ट अपडेट की जाती है। इसमें 18 साल से ज्यादा के नए वोटर्स को जोड़ा जाता है। ऐसे लोग जिनकी मौत हो चुकी है। जो शिफ्ट हो चुके हैं उनके नाम हटाए जाते हैं। वोटर लिस्ट में नाम, पते में हुई गलतियों को भी ठीक किया जाता है। BLO घर-घर जाकर खुद फॉर्म भरवाते हैं। राजस्थान, एमपी, यूपी समेत 12 राज्यों में SIR देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट अपडेट होगी। चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को बताया कि इन राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR कल यानी 28 अक्टूबर से शुरू होगा और 7 फरवरी को खत्म होगा। 103 दिन के प्रोसेस में वोटर लिस्ट का अपडेशन होगा। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और वोटर लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। नीचे देखें 12 राज्यों की लिस्ट जहां SIR होगा ———– ये खबर भी पढ़ें… प्रधानमंत्री पर ममता बनर्जी की विवादित टिप्पणी:कहा- पीएम ऐसे बात कर रहे, जैसे हर महिला के पति हों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 29 मई को कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे हर महिला के पति हों। वे अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते? हालांकि मैं इस संबंध में बात नहीं करना चाहती, लेकिन आपने मुझे बोलने के लिए मजबूर कर दिया। पूरी खबर पढ़ें…
पश्चिम बंगाल में SIR पर राजनीति लगातार गरमा रही है। शनिवार रात तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया कि पूर्व बर्दवान जिले के एक और व्यक्ति की मौत SIR के डर से हुई है। TMC ने इसे लेकर कहा कि बीजेपी के हाथ खून से रंगे हैं। चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे भय और नफरत की सियासत का नतीजा बताया है। TMC ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जमालपुर, पूर्व बर्दवान के नबाग्राम गांव के रहने वाले बिमल संत्रा की जान SIR के डर और तनाव की वजह से गई। वे तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरी करते थे। तृणमूल कांग्रेस ने पोस्ट में लिखा कि बीजेपी की डर और नफरत की राजनीति ने एक और कीमती जान ले ली है। कुछ ही दिनों में हमने देखा कि पनिहाटी के प्रदीप कर ने NRC के डर से जान दी, दिनहाटा के 63 वर्षीय बुजुर्ग ने खुदकुशी की कोशिश की, और अब बिमल संत्रा की मौत हुई है। यह सब SIR के आतंक का नतीजा है। तनाव में थे पिता-बिमल संत्रा के बेटे पापा काफी तनाव में थे। नौकरी नहीं थी, इसलिए तमिलनाडु चले गए थे। वहीं उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं मामले पर स्थानीय विधायक अशोक मजूमदार ने कहा कि 100 दिन का काम (मनरेगा) बंद होने से लोग बेरोजगार थे। बिमल तमिलनाडु में मजदूरी कर रहे थे। परिवार ने बताया कि वे SIR के डर से परेशान थे और तनाव में थे। यह बहुत दुखद है। मैं परिवार के साथ हूं। तृणमूल कांग्रेस का EC पर पक्षपात का आरोप टीएमसी के राज्य मंत्री अरूप विश्वास और सांसद पार्थ भौमिक ने आरोप लगाया कि आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश कर रहा है। उधर, भाजपा नेता शिशिर बजोरिया ने सीईओ कार्यालय की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 40% बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) अस्थायी हैं और राज्य सरकार से जुड़े हैं। भाजपा बोली- TMC गुमराह कर रही SIR को लेकर डर के माहौल वाली बात पर BJP का कहना है कि TMC जनता को गुमराह कर रही है। पश्चिम बंगाल में SIR ट्रेनिंग शुरू पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के लिए शनिवार को BLO का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया। इस दौरान कई BLO ने प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्थाओं का विरोध किया। SIR क्या है? SIR चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है। इसमें वोटर लिस्ट अपडेट की जाती है। इसमें 18 साल से ज्यादा के नए वोटर्स को जोड़ा जाता है। ऐसे लोग जिनकी मौत हो चुकी है। जो शिफ्ट हो चुके हैं उनके नाम हटाए जाते हैं। वोटर लिस्ट में नाम, पते में हुई गलतियों को भी ठीक किया जाता है। BLO घर-घर जाकर खुद फॉर्म भरवाते हैं। राजस्थान, एमपी, यूपी समेत 12 राज्यों में SIR देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट अपडेट होगी। चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को बताया कि इन राज्यों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR कल यानी 28 अक्टूबर से शुरू होगा और 7 फरवरी को खत्म होगा। 103 दिन के प्रोसेस में वोटर लिस्ट का अपडेशन होगा। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और वोटर लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। नीचे देखें 12 राज्यों की लिस्ट जहां SIR होगा ———– ये खबर भी पढ़ें… प्रधानमंत्री पर ममता बनर्जी की विवादित टिप्पणी:कहा- पीएम ऐसे बात कर रहे, जैसे हर महिला के पति हों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 29 मई को कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे हर महिला के पति हों। वे अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते? हालांकि मैं इस संबंध में बात नहीं करना चाहती, लेकिन आपने मुझे बोलने के लिए मजबूर कर दिया। पूरी खबर पढ़ें…