संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाने के बयान पर शनिवार को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भी संघ पर तीन बार प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर चुकी है, अब चाहे तो चौथी बार भी कोशिश कर ले। जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान होसबोले ने कहा – जो संगठन भारत के समाज और राष्ट्रनिर्माण में जुटा है, उस पर प्रतिबंध लगाने की बात कहने वाले नेताओं को पहले के अनुभव से सीख लेनी चाहिए। कांग्रेस ने पहले भी तीन बार संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। अब वे चाहें तो फिर प्रयास करके देख लें, लेकिन पहले यह भी बताएं कि आखिर संघ पर बैन लगाने की जरूरत क्यों है? उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस को समाज ने स्वीकार किया है और पहले लगाए गए प्रतिबंधों को भी अदालत ने गलत ठहराया था। जब पहले प्रतिबंध लगाया गया था, तब न्यायालय ने क्या कहा था? और कांग्रेस को उससे क्या मिला? इतने सबके बावजूद संघ लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि जब आरएसएस देश की सुरक्षा, संस्कृति और विकास के लिए काम कर रहा है, तो ऐसे संगठन पर बैन लगाने की बात कहना किस आधार पर उचित है। राजनीतिक दृष्टि से जातिगत जनगणना गलत राजनीतिक दृष्टि से जातिगत जनगणना नहीं होना चाहिए, क्योंकि देश में कुछ जातियां पीछे रह गई हैं और सिर्फ पिछड़ों के भले के लिए ही आंकड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर राजनीति के लिए ये इस्तेमाल होगा, तो इससे विभेद बढ़ेगा। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कही। उन्होंने कहा कि बंगाल को ऐसे रखने के लिए देश के साथ अन्याय हो रहा है। अस्थिरता फैलाने वालों को बंगाल में राजनीतिक प्रश्रय उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लाइव इन रिलेशनशिप संस्कृति के लिए ठीक नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि हर गलती कानून से नहीं रुकेगी, इसके लिए समाज को संस्कार देकर पहले विकृति को रोकना होगा। एसआईआर को लेकर कहा कि मतदाता सूची जरूरी है और इस प्रक्रिया पर जिन्हें शक है उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। संघ की जबलपुर बैठक में देशभर से वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए हैं, जहां संगठन के आगामी कार्यक्रमों और सामाजिक अभियानों को लेकर चर्चा की जा रही है। धर्मांतरण रोकना और घर वापसी जरूरी आरएसएस के संघ के सरकार्यवाह ने कहा कि देश में बढ़ते धर्मांतरण पर भी संघ ने इस कार्यकारी बैठक पर चर्चा की है। धर्मांतरण रोकना और घर वापसी कराना भी अब जरूरी हो गया है। देशभर में धर्म जागरण को लेकर संघ कार्य भी कर रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में विशेष प्रयास किया जा रहे हैं कि धर्मांतरण रोकने के साथ-साथ धर्म जागृति भी कैसे फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि धर्म गुरुओं से यह कार्य होंगे और घर वापसी के साथ धर्म जागरण का कार्य भी संघ लगातार कर रहा है। पंजाब में धर्मांतरण की एक बड़ी समस्या है और वहां पर साजिश के तहत ही धर्मांतरण किया जा रहा है। हिंदू धर्म में संघ लगातार घर वापसी के भी प्रयास कर रहा है। संघ में भाजपा कार्यकर्ता ज्यादा, पर हम सभी के होसबाले ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी पार्टियों का है, लेकिन यहां यह सच है कि हमारे संघ में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ज्यादा हैं। सरकार किसी भी पार्टी की हो, लेकिन हम अपने विचार सभी के समक्ष रखते हैं। आज सरकार में संघ के स्वयं सेवक बैठे हैं, इसलिए हमारे और भाजपा के बीच समन्वय बना हुआ है। आरएसएस का दरवाजा सभी के लिए खुला है, यह भी सच है कि भाजपा में घर के ही लोग हैं।
संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाने के बयान पर शनिवार को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भी संघ पर तीन बार प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर चुकी है, अब चाहे तो चौथी बार भी कोशिश कर ले। जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान होसबोले ने कहा – जो संगठन भारत के समाज और राष्ट्रनिर्माण में जुटा है, उस पर प्रतिबंध लगाने की बात कहने वाले नेताओं को पहले के अनुभव से सीख लेनी चाहिए। कांग्रेस ने पहले भी तीन बार संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। अब वे चाहें तो फिर प्रयास करके देख लें, लेकिन पहले यह भी बताएं कि आखिर संघ पर बैन लगाने की जरूरत क्यों है? उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस को समाज ने स्वीकार किया है और पहले लगाए गए प्रतिबंधों को भी अदालत ने गलत ठहराया था। जब पहले प्रतिबंध लगाया गया था, तब न्यायालय ने क्या कहा था? और कांग्रेस को उससे क्या मिला? इतने सबके बावजूद संघ लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि जब आरएसएस देश की सुरक्षा, संस्कृति और विकास के लिए काम कर रहा है, तो ऐसे संगठन पर बैन लगाने की बात कहना किस आधार पर उचित है। राजनीतिक दृष्टि से जातिगत जनगणना गलत राजनीतिक दृष्टि से जातिगत जनगणना नहीं होना चाहिए, क्योंकि देश में कुछ जातियां पीछे रह गई हैं और सिर्फ पिछड़ों के भले के लिए ही आंकड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर राजनीति के लिए ये इस्तेमाल होगा, तो इससे विभेद बढ़ेगा। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कही। उन्होंने कहा कि बंगाल को ऐसे रखने के लिए देश के साथ अन्याय हो रहा है। अस्थिरता फैलाने वालों को बंगाल में राजनीतिक प्रश्रय उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लाइव इन रिलेशनशिप संस्कृति के लिए ठीक नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि हर गलती कानून से नहीं रुकेगी, इसके लिए समाज को संस्कार देकर पहले विकृति को रोकना होगा। एसआईआर को लेकर कहा कि मतदाता सूची जरूरी है और इस प्रक्रिया पर जिन्हें शक है उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। संघ की जबलपुर बैठक में देशभर से वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए हैं, जहां संगठन के आगामी कार्यक्रमों और सामाजिक अभियानों को लेकर चर्चा की जा रही है। धर्मांतरण रोकना और घर वापसी जरूरी आरएसएस के संघ के सरकार्यवाह ने कहा कि देश में बढ़ते धर्मांतरण पर भी संघ ने इस कार्यकारी बैठक पर चर्चा की है। धर्मांतरण रोकना और घर वापसी कराना भी अब जरूरी हो गया है। देशभर में धर्म जागरण को लेकर संघ कार्य भी कर रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में विशेष प्रयास किया जा रहे हैं कि धर्मांतरण रोकने के साथ-साथ धर्म जागृति भी कैसे फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि धर्म गुरुओं से यह कार्य होंगे और घर वापसी के साथ धर्म जागरण का कार्य भी संघ लगातार कर रहा है। पंजाब में धर्मांतरण की एक बड़ी समस्या है और वहां पर साजिश के तहत ही धर्मांतरण किया जा रहा है। हिंदू धर्म में संघ लगातार घर वापसी के भी प्रयास कर रहा है। संघ में भाजपा कार्यकर्ता ज्यादा, पर हम सभी के होसबाले ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी पार्टियों का है, लेकिन यहां यह सच है कि हमारे संघ में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ज्यादा हैं। सरकार किसी भी पार्टी की हो, लेकिन हम अपने विचार सभी के समक्ष रखते हैं। आज सरकार में संघ के स्वयं सेवक बैठे हैं, इसलिए हमारे और भाजपा के बीच समन्वय बना हुआ है। आरएसएस का दरवाजा सभी के लिए खुला है, यह भी सच है कि भाजपा में घर के ही लोग हैं।