भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को सतना में हैं। वे 53 साल बाद अपने बचपन के स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे। आर्मी चीफ ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था, यह आगे भी जारी रहेगा। हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या किसी भी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला किया। आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 1971-72 में चौथी क्लास में इस स्कूल में पढ़े हैं। इतने सालों बाद अपने स्कूल लौटकर वह भावुक हो गए।
आर्मी चीफ बोले- ऑपरेशन सिंदूर ने देश को बांधा
उन्होंने कहा- ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा। सिद्धांत और तकनीक के संयोजन से मिशन सफल हुआ। पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि हम धर्म युद्ध के अनुयायी हैं और आगे भी यही नीति अपनाएंगे। स्कूल से मिली निर्णय लेने की क्षमता
स्कूल के दिनों में सीखी निर्णय क्षमता ने मुझे सेना में कई सफलताएं दिलाईं। चौथी कक्षा में यहीं से निर्णय लेने की क्षमता मिली, इसी ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक सफलता दिलाई। यह वही स्कूल है, जिसने जनरल द्विवेदी के व्यक्तित्व और राष्ट्र सेवा के संकल्प को मजबूत किया। आर्मी चीफ ने छात्रों को सफलता का मंत्र दिया
जनरल द्विवेदी ने छात्रों से कहा- सफलता की नींव विद्यार्थी जीवन में ही रखी जाती है। उन्होंने सफलता का मंत्र Three-A (Attitude, Adaptibility, Ability) बताया। उन्होंने कहा कि Attitude से सकारात्मक दृष्टिकोण और पॉजिटिविटी आती है। Adaptibility से आप अपने अंदर समय के साथ बदलाव ला सकते हैं और Ability आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाएगी। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम करने वाला ही भविष्य में देश का निर्माण करता है। आप वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में, राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दें। यह देश हमारा है। जब हम सब मिलकर काम करेंगे, तभी 2047 का विकसित भारत बनेगा।
भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को सतना में हैं। वे 53 साल बाद अपने बचपन के स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे। आर्मी चीफ ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था, यह आगे भी जारी रहेगा। हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या किसी भी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला किया। आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 1971-72 में चौथी क्लास में इस स्कूल में पढ़े हैं। इतने सालों बाद अपने स्कूल लौटकर वह भावुक हो गए।
आर्मी चीफ बोले- ऑपरेशन सिंदूर ने देश को बांधा
उन्होंने कहा- ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा। सिद्धांत और तकनीक के संयोजन से मिशन सफल हुआ। पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि हम धर्म युद्ध के अनुयायी हैं और आगे भी यही नीति अपनाएंगे। स्कूल से मिली निर्णय लेने की क्षमता
स्कूल के दिनों में सीखी निर्णय क्षमता ने मुझे सेना में कई सफलताएं दिलाईं। चौथी कक्षा में यहीं से निर्णय लेने की क्षमता मिली, इसी ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक सफलता दिलाई। यह वही स्कूल है, जिसने जनरल द्विवेदी के व्यक्तित्व और राष्ट्र सेवा के संकल्प को मजबूत किया। आर्मी चीफ ने छात्रों को सफलता का मंत्र दिया
जनरल द्विवेदी ने छात्रों से कहा- सफलता की नींव विद्यार्थी जीवन में ही रखी जाती है। उन्होंने सफलता का मंत्र Three-A (Attitude, Adaptibility, Ability) बताया। उन्होंने कहा कि Attitude से सकारात्मक दृष्टिकोण और पॉजिटिविटी आती है। Adaptibility से आप अपने अंदर समय के साथ बदलाव ला सकते हैं और Ability आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाएगी। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम करने वाला ही भविष्य में देश का निर्माण करता है। आप वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में, राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दें। यह देश हमारा है। जब हम सब मिलकर काम करेंगे, तभी 2047 का विकसित भारत बनेगा।