
खालिस्तान समर्थक और पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह ने नई पार्टी अकाली दल (वारिस पंजाब दे) के गठन के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहली याचिका दायर की है। याचिका में अमृतपाल सिंह ने गणतंत्र दिवस परेड देखने के साथ-साथ संसद सत्र में हिस्सा लेने की अपील की है। अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में दलील दी है कि गणतंत्र दिवस और संसद सत्र में उनकी भागीदारी न्याय और समानता के हित में है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान में निहित मूल सिद्धांतों का प्रतीक बताया है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय महत्व के इन कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी जनहित का मामला है। अमृतपाल ने कोर्ट से मांग की है कि संबंधित अधिकारियों से कहा जाए कि उन्हें इन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाए। सांसद होने के नाते संसद सत्र में हिस्सा लेना और संसद में जनता के मुद्दे उठाना उनका संवैधानिक कर्तव्य है। याचिका में अमृतपाल ने भारत सरकार, पंजाब सरकार और अन्य को पक्षकार बनाया है। हालांकि अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है। अमृतपाल की याचिका में उठाए गए तीन सवाल- 1. 60 दिन से अधिक अनुपस्थिति से सदस्यता रद्द- याचिका में कहा गया है कि यदि कोई सदस्य लगातार 60 दिनों तक संसद सत्र में अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है। अमृतपाल सिंह अब तक कुल 46 दिनों से संसद से अनुपस्थित हैं। 2. 30 नवंबर के सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी- याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर को लोकसभा स्पीकर को एक औपचारिक अनुरोध भेजा गया था, जिसमें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी गई थी। डीसी अमृतसर को भी अनुरोध किया गया। लेकिन आज तक जवाब नहीं आया। 3. जनप्रतिनिधि होने के नाते यह उनका कर्तव्य- अमृतपाल ने याचिका में कहा है कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते यह उनका कर्तव्य है कि वह संसद सत्र में शामिल होकर अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के मुद्दों को उठाएं। 14 जनवरी 2025 को बनाई नई पार्टी
अमृतपाल सिंह की नई पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे का ऐलान 14 जनवरी 2025 को मुक्तसर के माघी मेले में किया गया था। अमृतपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई थी। पार्टी के नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा था कि चुनाव आयोग को पार्टी के लिए 3 नाम भेजे गए थे, जिसमें इस नाम पर मुहर लगी। ये दो विचारधाराओं की जंग है। एक विचारधारा दिल्ली की है, जो किसानों की जान ले रही है। दिल्ली की सोच सिख समुदाय को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच बंदी सिखों को बंदी बनाए रखना चाहती है। दिल्ली की सोच पंथ और पंजाब को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच पंजाब के पानी को लूटना चाहती है। दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे के चीफ बने
सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संभाल रहे थे। यह संगठन पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू तब सुर्खियों में आए थे, जब पिछले किसान आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर उन्होंने अधिकारी से अंग्रेजी में बात की। इसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में भी दीप सिद्धू प्रमुख आरोपी था। दीप सिद्धू ने संगठन बनाने के बाद कहा था कि इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटा और वारिस पंजाब दे का चीफ बन बए।
खालिस्तान समर्थक और पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह ने नई पार्टी अकाली दल (वारिस पंजाब दे) के गठन के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहली याचिका दायर की है। याचिका में अमृतपाल सिंह ने गणतंत्र दिवस परेड देखने के साथ-साथ संसद सत्र में हिस्सा लेने की अपील की है। अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में दलील दी है कि गणतंत्र दिवस और संसद सत्र में उनकी भागीदारी न्याय और समानता के हित में है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान में निहित मूल सिद्धांतों का प्रतीक बताया है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय महत्व के इन कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी जनहित का मामला है। अमृतपाल ने कोर्ट से मांग की है कि संबंधित अधिकारियों से कहा जाए कि उन्हें इन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाए। सांसद होने के नाते संसद सत्र में हिस्सा लेना और संसद में जनता के मुद्दे उठाना उनका संवैधानिक कर्तव्य है। याचिका में अमृतपाल ने भारत सरकार, पंजाब सरकार और अन्य को पक्षकार बनाया है। हालांकि अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है। अमृतपाल की याचिका में उठाए गए तीन सवाल- 1. 60 दिन से अधिक अनुपस्थिति से सदस्यता रद्द- याचिका में कहा गया है कि यदि कोई सदस्य लगातार 60 दिनों तक संसद सत्र में अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है। अमृतपाल सिंह अब तक कुल 46 दिनों से संसद से अनुपस्थित हैं। 2. 30 नवंबर के सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी- याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर को लोकसभा स्पीकर को एक औपचारिक अनुरोध भेजा गया था, जिसमें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी गई थी। डीसी अमृतसर को भी अनुरोध किया गया। लेकिन आज तक जवाब नहीं आया। 3. जनप्रतिनिधि होने के नाते यह उनका कर्तव्य- अमृतपाल ने याचिका में कहा है कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते यह उनका कर्तव्य है कि वह संसद सत्र में शामिल होकर अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के मुद्दों को उठाएं। 14 जनवरी 2025 को बनाई नई पार्टी
अमृतपाल सिंह की नई पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे का ऐलान 14 जनवरी 2025 को मुक्तसर के माघी मेले में किया गया था। अमृतपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई थी। पार्टी के नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा था कि चुनाव आयोग को पार्टी के लिए 3 नाम भेजे गए थे, जिसमें इस नाम पर मुहर लगी। ये दो विचारधाराओं की जंग है। एक विचारधारा दिल्ली की है, जो किसानों की जान ले रही है। दिल्ली की सोच सिख समुदाय को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच बंदी सिखों को बंदी बनाए रखना चाहती है। दिल्ली की सोच पंथ और पंजाब को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच पंजाब के पानी को लूटना चाहती है। दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे के चीफ बने
सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संभाल रहे थे। यह संगठन पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू तब सुर्खियों में आए थे, जब पिछले किसान आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर उन्होंने अधिकारी से अंग्रेजी में बात की। इसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में भी दीप सिद्धू प्रमुख आरोपी था। दीप सिद्धू ने संगठन बनाने के बाद कहा था कि इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटा और वारिस पंजाब दे का चीफ बन बए।