भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर अडाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर यानी करीब 33 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का बड़ा आरोप लगा है। कांग्रेस ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीमा कंपनी ने अडाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए मई 2025 में यह निवेश किया। पार्टी का कहना है कि ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इसकी जांच की मांग की है। वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पोस्ट की है, जिसके अनुसार गौतम अडाणी जब इस साल की शुरुआत में भारी कर्ज में डूबे थे, अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों का सामना कर रहे थे तब केंद्र सरकार और LIC ने अडाणी ग्रुप में निवेश किया। LIC ने रिपोर्ट को गलत बताया
LIC ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को नकार दिया है। कंपनी ने साफ किया है कि उसके सारे निवेश पूरी ईमानदारी और सावधानीपूर्वक जांच के साथ ही किए जाते हैं। LIC ने कहा कि रिपोर्ट में बताए गए किसी भी ऐसे डॉक्यूमेंट या प्लान को LIC ने कभी तैयार नहीं किया, जो LIC के अडाणी ग्रुप में निवेश के प्लान को बताती हो। कंपनी ने कहा कि ये रिपोर्ट LIC की मजबूत और साफ-सुथरी फैसला लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने, कंपनी की अच्छी इमेज को खराब करने और भारत के मजबूत वित्तीय क्षेत्र की बुनियाद को खराब करने के मकसद से जारी की गई है। जयराम रमेश ने कहा- यह घोटाला बहुत बड़ा, इसमें कई बातें शामिल हैं… गौतम अडाणी से जुड़े विवाद… पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए : जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए। 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की। कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’ दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप
इसी साल फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर ( करीब 2360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था। अडाणी ग्रुप पर पहले कोल इम्पोर्ट बिल में हेराफेरी के आरोप लगे थे… अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी
गौतम अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ 6.22 लाख करोड़ रुपए है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वे 27वें नंबर पर हैं। अडाणी ग्रुप का साम्राज्य कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, सीमेंट इंडस्ट्री और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर अडाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर यानी करीब 33 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का बड़ा आरोप लगा है। कांग्रेस ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीमा कंपनी ने अडाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए मई 2025 में यह निवेश किया। पार्टी का कहना है कि ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इसकी जांच की मांग की है। वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पोस्ट की है, जिसके अनुसार गौतम अडाणी जब इस साल की शुरुआत में भारी कर्ज में डूबे थे, अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों का सामना कर रहे थे तब केंद्र सरकार और LIC ने अडाणी ग्रुप में निवेश किया। LIC ने रिपोर्ट को गलत बताया
LIC ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को नकार दिया है। कंपनी ने साफ किया है कि उसके सारे निवेश पूरी ईमानदारी और सावधानीपूर्वक जांच के साथ ही किए जाते हैं। LIC ने कहा कि रिपोर्ट में बताए गए किसी भी ऐसे डॉक्यूमेंट या प्लान को LIC ने कभी तैयार नहीं किया, जो LIC के अडाणी ग्रुप में निवेश के प्लान को बताती हो। कंपनी ने कहा कि ये रिपोर्ट LIC की मजबूत और साफ-सुथरी फैसला लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने, कंपनी की अच्छी इमेज को खराब करने और भारत के मजबूत वित्तीय क्षेत्र की बुनियाद को खराब करने के मकसद से जारी की गई है। जयराम रमेश ने कहा- यह घोटाला बहुत बड़ा, इसमें कई बातें शामिल हैं… गौतम अडाणी से जुड़े विवाद… पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए : जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए। 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की। कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’ दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप
इसी साल फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर ( करीब 2360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था। अडाणी ग्रुप पर पहले कोल इम्पोर्ट बिल में हेराफेरी के आरोप लगे थे… अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी
गौतम अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ 6.22 लाख करोड़ रुपए है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वे 27वें नंबर पर हैं। अडाणी ग्रुप का साम्राज्य कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, सीमेंट इंडस्ट्री और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है।