राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 13 दिन अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा। आर्मी, एयरफोर्स और नौसेना के 30 हजार जवान थार में जॉइंट एक्सरसाइज करेंगें। इस युद्धाभ्यास को त्रिशूल नाम दिया गया है। करीब 13 दिन चलने वाली एक्सरसाइज की शुरुआत 30 अक्टूबर से होगी। इस युद्धाभ्यास के दौरान बॉर्डर कुछ एरिया में कॉमर्शियल फ्लाइट्स के रूट में बदलाव भी हो सकता है। एक्सरसाइज जैसलमेर के एरिया से लेकर गुजरात के सर क्रीक इलाके तक होगी। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात दौरे के दौरान सर क्रीक सीमा विवाद की चर्चा की थी। 12 दिन तक कॉमर्शियल फ्लाइट के बदले जा सकते हैं रूट
भारत ने 30 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक पाकिस्तान बॉर्डर पर थल सेना, नौसेना और वायु सेना के संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है। इसके जरिए पश्चिमी एयर कॉरिडोर में उड़ानों के लिए चेतावनी दी गई है। इस दौरान कॉमर्शियल फ्लाइट के लिए इस एरिया के रूट में बदलाव हो सकता है। इस युद्धाभ्यास के लिए 28,000 फीट तक का हवाई क्षेत्र आरक्षित किया गया है। तीनों सेनाएं मिलकर परखेंगी नई तकनीक और युद्ध प्रणाली
‘त्रिशूल’ में तीनों सेनाएं एक साथ तालमेल स्थापित कर यूनिफाइड ऑपरेशन, डीप स्ट्राइक और मल्टी-डोमेन वॉरफेयर का अभ्यास करेंगी। इस दौरान भारतीय सेना अपने कई नए स्वदेशी हथियारों और हाईटेक सिस्टमों की टेस्टिंग भी करेगी। इनमें टी-90 एस और अर्जुन टैंक, हॉवित्जर तोपें, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। यह अभ्यास जैसलमेर से शुरू होकर कच्छ तक होगा। कच्छ का इलाका समुद्र के पास है, इसलिए वायुसेना और नेवी के विशेष विमान इस इलाके में मिलकर काम करेंगी। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद सतर्कता बढ़ी, ड्रोन हमलों पर फोकस हाल ही में पश्चिमी सीमा पर हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की ओर से ड्रोन गतिविधियों और घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं। इसलिए इस एक्सरसाइज में विशेष रूप से काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार बाधा (जैमिंग) और ऑटोमैटिक स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी मॉडर्न तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा वायुसेना प्रिसिशन स्ट्राइक, एयर डिफेंस इंटरसेप्शन और मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस पर विशेष ध्यान देगी। ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर की हाई-टेक टेस्टिंग अभ्यास के दौरान UAV (ड्रोन), सटीक-निर्देशित मिसाइलें, लोइटर म्यूनिशन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। यह अभ्यास दक्षिण-पश्चिमी वायुसेना कमान की रेडिनेस और कोऑर्डिनेशन को परखने का भी बड़ा मंच बनेगा। मेक इन इंडिया वाले हथियार इस युद्धाभ्यास में नजर आएंगे महागुजराज एक्सरसाइज से सर क्रीक फिर चर्चा में अक्टूबर महीने की शुरुआत गुजरात दौरे के दौरान सर क्रीक में सीमा विवाद की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि- भारत ने कई बार बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में खोट है। रक्षा मंत्री ने कहा- जिस तरह से हाल में पाकिस्तान ने सर क्रीक से सटे इलाकों में मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है, वह उसकी नीयत बताता है। अगर पाकिस्तान की ओर से कोई हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। महागुजराज एक्सरसाइज से ये इलाका फिर चर्चा में आ गया है। …. पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… रक्षा मंत्री ने जवानों को अपने हाथों से नाश्ता कराया:जैसलमेर से नमन सेंटर, दो एप की शुरुआत; राजनाथ की मौजूदगी में सेना ने दिखाई शक्ति
राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 13 दिन अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा। आर्मी, एयरफोर्स और नौसेना के 30 हजार जवान थार में जॉइंट एक्सरसाइज करेंगें। इस युद्धाभ्यास को त्रिशूल नाम दिया गया है। करीब 13 दिन चलने वाली एक्सरसाइज की शुरुआत 30 अक्टूबर से होगी। इस युद्धाभ्यास के दौरान बॉर्डर कुछ एरिया में कॉमर्शियल फ्लाइट्स के रूट में बदलाव भी हो सकता है। एक्सरसाइज जैसलमेर के एरिया से लेकर गुजरात के सर क्रीक इलाके तक होगी। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात दौरे के दौरान सर क्रीक सीमा विवाद की चर्चा की थी। 12 दिन तक कॉमर्शियल फ्लाइट के बदले जा सकते हैं रूट
भारत ने 30 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक पाकिस्तान बॉर्डर पर थल सेना, नौसेना और वायु सेना के संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है। इसके जरिए पश्चिमी एयर कॉरिडोर में उड़ानों के लिए चेतावनी दी गई है। इस दौरान कॉमर्शियल फ्लाइट के लिए इस एरिया के रूट में बदलाव हो सकता है। इस युद्धाभ्यास के लिए 28,000 फीट तक का हवाई क्षेत्र आरक्षित किया गया है। तीनों सेनाएं मिलकर परखेंगी नई तकनीक और युद्ध प्रणाली
‘त्रिशूल’ में तीनों सेनाएं एक साथ तालमेल स्थापित कर यूनिफाइड ऑपरेशन, डीप स्ट्राइक और मल्टी-डोमेन वॉरफेयर का अभ्यास करेंगी। इस दौरान भारतीय सेना अपने कई नए स्वदेशी हथियारों और हाईटेक सिस्टमों की टेस्टिंग भी करेगी। इनमें टी-90 एस और अर्जुन टैंक, हॉवित्जर तोपें, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। यह अभ्यास जैसलमेर से शुरू होकर कच्छ तक होगा। कच्छ का इलाका समुद्र के पास है, इसलिए वायुसेना और नेवी के विशेष विमान इस इलाके में मिलकर काम करेंगी। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद सतर्कता बढ़ी, ड्रोन हमलों पर फोकस हाल ही में पश्चिमी सीमा पर हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की ओर से ड्रोन गतिविधियों और घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं। इसलिए इस एक्सरसाइज में विशेष रूप से काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार बाधा (जैमिंग) और ऑटोमैटिक स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी मॉडर्न तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा वायुसेना प्रिसिशन स्ट्राइक, एयर डिफेंस इंटरसेप्शन और मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस पर विशेष ध्यान देगी। ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर की हाई-टेक टेस्टिंग अभ्यास के दौरान UAV (ड्रोन), सटीक-निर्देशित मिसाइलें, लोइटर म्यूनिशन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। यह अभ्यास दक्षिण-पश्चिमी वायुसेना कमान की रेडिनेस और कोऑर्डिनेशन को परखने का भी बड़ा मंच बनेगा। मेक इन इंडिया वाले हथियार इस युद्धाभ्यास में नजर आएंगे महागुजराज एक्सरसाइज से सर क्रीक फिर चर्चा में अक्टूबर महीने की शुरुआत गुजरात दौरे के दौरान सर क्रीक में सीमा विवाद की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि- भारत ने कई बार बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में खोट है। रक्षा मंत्री ने कहा- जिस तरह से हाल में पाकिस्तान ने सर क्रीक से सटे इलाकों में मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है, वह उसकी नीयत बताता है। अगर पाकिस्तान की ओर से कोई हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। महागुजराज एक्सरसाइज से ये इलाका फिर चर्चा में आ गया है। …. पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… रक्षा मंत्री ने जवानों को अपने हाथों से नाश्ता कराया:जैसलमेर से नमन सेंटर, दो एप की शुरुआत; राजनाथ की मौजूदगी में सेना ने दिखाई शक्ति