केरल के सबरीमाला मंदिर से गोल्ड कम होने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT ) ने बुधवार को मंदिर के पूर्व अधिकारी बी. मुरारी बाबू को चंगनाश्शेरी स्थित घर से गिरफ्तार किया। SIT ने गुरुवार को बताया कि मुरारी से तिरुवनंतपुरम के क्राइम ब्रांच ऑफिस में पूछताछ की जा रही है। SIT ने मुरारी को पथानामथिट्टा में ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने मुरारी को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। उन्हें तिरुवनंतपुरम स्पेशल सब जेल में शिफ्ट किया जाएगा। मुरारी द्वारपालक मूर्तियों की सोने की प्लेट और गर्भगृह के दरवाजों की फ्रेम से सोना गायब होने से जुड़े दो मामलों में आरोपी है। इस मामले में त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) की विजिलेंस टीम ने शुरुआती जांच के बाद रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें बोर्ड के 9 अधिकारियों के खिलाफ ऐक्शन लेने का फैसला किया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा था जहां कोर्ट ने 6 अक्टूबर को जांच के लिए SIT गठित की थी, जिसे 6 हफ्ते में रिपोर्ट देना है। TDB ने कमिश्नर बी मुरारी को निलंबित किया सबरीमाला मंदिर के TDB ने 7 अक्टूबर को बी मुरारी बाबू को जांच के दौरान निलंबित किया था। बोर्ड के मुताबिक, बाबू ने 17 जुलाई 2019 को सबरीमाला के कार्यकारी अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें उन्होंने मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ लगी सोने की मूर्तियों को गलत तरीके से तांबे की बताया था। बोर्ड ने इसे गंभीर चूक माना। हालांकि, बाबू ने आरोपों से इनकार किया था। उनका दावा था कि 2019 में उन्होंने मंदिर के तांत्री की राय लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में तांबे की प्लेट लिखा क्योंकि वास्तव में तांबा ही साफ दिख रहा था। इसलिए सोना चढ़ाने का निर्देश दिया गया था। मामले में उन्नीकृष्णन भी आरोपी इस मामले में उन्नीकृष्णन पोट्टी भी आरोपी हैं। TDB की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्निकृष्णन ने द्वारपालक मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने की पेशकश की थी, उन्हें इसके लिए काफी मात्रा में सोना सौंपा गया था। जनवरी 2025 में उन्होंने मंदिर की 18 सीढ़ियों के दोनों ओर विभिन्न पूजा और सजावट का काम स्पॉन्सर किया था। जांच में सामने आया कि गर्भग्रह के दरवाजे की मरम्मत और सोना चढ़ाने का काम जो पोट्टी ने स्पॉन्सर किया था, असल में बल्लारी के व्यापारी गोवर्धनन ने उसके पैसे दिए थे। हाईकोर्ट ने 6 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए कहा था कि पोट्टी को लगभग 474.9 ग्राम सोना दिया गया था। हाईकोर्ट ने उन्नीकृष्णन पोट्टी के उस ईमेल का भी जिक्र किया, जो उसने 9 दिसंबर, 2019 को TDB के अध्यक्ष को भेजा था। उन्नीकृष्णन ने ईमेल में लिखा था- सबरीमाला गर्भगृह के मुख्य द्वार और द्वारपालकों की मूर्तियों पर परत चढ़ाने के बाद मेरे पास कुछ सोना बचा है। मैं TDB के साथ मिलकर इसका इस्तेमाल एक लड़की की शादी के लिए करना चाहता हूं, जिसे मदद की जरूरत है। कृपया इस संबंध में अपनी राय दें। कई बार लाखों रुपए जमा हुए और मंदिर को दान दिए TDB की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025-26 में पोट्टी के बैंक खाते में कमाक्षी एंटरप्राइजेज से 10.85 लाख रुपए जमा हुए। जो अन्य सामाजिक या सामुदायिक सेवा कैटेगरी में दर्ज हैं। रिपोर्ट से सामने आया था कि उन्निकृष्णन का कोई परमानेंट इनकम सोर्स नहीं है। शुरुआती जांच में पोट्टी के 2017 से 2025 तक के आयकर रिटर्न को भी जांचा गया। जांच करने के बाद पोट्टी को 17 अक्टूबर 2025 को हिरासत में लिया गया। हाईकोर्ट ने 29 सितंबर को TDB को फटकार लगाई थी 29 सितंबर को मामले में जस्टिस राजा विजयराघवन वी और जस्टिस के वी जयकुमार की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान TDB को फटकार लगाई। कहा कि बोर्ड ने मंदिर की कीमती सामान का सही रजिस्टर नहीं रखा, जिससे गड़बड़ियां छिपाने में मदद मिली। अदालत ने कहा कि भक्तों के चढ़ाए आभूषण और सिक्कों का रिकॉर्ड रजिस्टर में रखा जाता है, जिसमें डिस्क्रिप्शन, तारीख, प्राप्ति और क्वालिटी लिखी जाती है, लेकिन कोडीमारम, द्वारपालक मूर्तियां, पीडम जैसी अन्य चीजों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अदालत ने नोट किया कि इन सामानों को किसी को देने की भी कोई एंट्री नहीं है। द्वारपालक मूर्तियों को दोबारा लगाते समय उनका वजन भी रिकॉर्ड नहीं किया गया, जो जानबूझकर हुआ जिससे 4 किलो सोने की कमी सामने न आए। सबरीमाला मंदिर 800 साल पुराना केरल में शैव और वैष्णवों में बढ़ते मनमुटाव के कारण एक मध्य मार्ग की स्थापना की गई थी, जिसमें अय्यप्पा स्वामी का सबरीमाला मंदिर बनाया गया था। इसमें सभी पंथ के लोग आ सकते हैं। ये मंदिर लगभग 800 साल पुराना माना जाता है। अयप्पा स्वामी को ब्रह्मचारी माना गया है, इसी वजह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। मंदिर की विशेषता यह है कि दर्शनार्थियों को 41 दिनों का कठोर व्रत रखना पड़ता है, जिसमें ब्रह्मचर्य, शाकाहारी भोजन और सादा जीवन अपनाना शामिल है। भगवान शिव और विष्णु की संतान हैं अयप्पा कथाओं के अनुसार, सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पा को भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का अवतार) का पुत्र माना जाता है। इनका एक नाम हरिहरपुत्र भी है। हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव, इन्हीं दोनों भगवानों के नाम पर हरिहरपुत्र नाम पड़ा। इनके अलावा भगवान अयप्पा को अयप्पन, शास्ता, मणिकांता नाम से भी जाना जाता है। —————————- यह खबर भी पढ़ें… केरल में राष्ट्रपति मुर्मू का हेलिकॉप्टर गड्ढे में फंसा:पुलिस, फायर स्टाफ ने धक्का मारकर निकाला केरल पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हेलिकॉप्टर बुधवार को उतरने के बाद गड्ढे में फंस गया। मौके पर मौजूद पुलिस और अग्निशमन कर्मियों ने भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर को धक्का देकर गड्ढे से निकाला। प्रेसिडेंट सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने जा रही थीं। पूरी खबर पढ़ें…
केरल के सबरीमाला मंदिर से गोल्ड कम होने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT ) ने बुधवार को मंदिर के पूर्व अधिकारी बी. मुरारी बाबू को चंगनाश्शेरी स्थित घर से गिरफ्तार किया। SIT ने गुरुवार को बताया कि मुरारी से तिरुवनंतपुरम के क्राइम ब्रांच ऑफिस में पूछताछ की जा रही है। SIT ने मुरारी को पथानामथिट्टा में ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने मुरारी को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। उन्हें तिरुवनंतपुरम स्पेशल सब जेल में शिफ्ट किया जाएगा। मुरारी द्वारपालक मूर्तियों की सोने की प्लेट और गर्भगृह के दरवाजों की फ्रेम से सोना गायब होने से जुड़े दो मामलों में आरोपी है। इस मामले में त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) की विजिलेंस टीम ने शुरुआती जांच के बाद रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें बोर्ड के 9 अधिकारियों के खिलाफ ऐक्शन लेने का फैसला किया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा था जहां कोर्ट ने 6 अक्टूबर को जांच के लिए SIT गठित की थी, जिसे 6 हफ्ते में रिपोर्ट देना है। TDB ने कमिश्नर बी मुरारी को निलंबित किया सबरीमाला मंदिर के TDB ने 7 अक्टूबर को बी मुरारी बाबू को जांच के दौरान निलंबित किया था। बोर्ड के मुताबिक, बाबू ने 17 जुलाई 2019 को सबरीमाला के कार्यकारी अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें उन्होंने मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ लगी सोने की मूर्तियों को गलत तरीके से तांबे की बताया था। बोर्ड ने इसे गंभीर चूक माना। हालांकि, बाबू ने आरोपों से इनकार किया था। उनका दावा था कि 2019 में उन्होंने मंदिर के तांत्री की राय लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में तांबे की प्लेट लिखा क्योंकि वास्तव में तांबा ही साफ दिख रहा था। इसलिए सोना चढ़ाने का निर्देश दिया गया था। मामले में उन्नीकृष्णन भी आरोपी इस मामले में उन्नीकृष्णन पोट्टी भी आरोपी हैं। TDB की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्निकृष्णन ने द्वारपालक मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने की पेशकश की थी, उन्हें इसके लिए काफी मात्रा में सोना सौंपा गया था। जनवरी 2025 में उन्होंने मंदिर की 18 सीढ़ियों के दोनों ओर विभिन्न पूजा और सजावट का काम स्पॉन्सर किया था। जांच में सामने आया कि गर्भग्रह के दरवाजे की मरम्मत और सोना चढ़ाने का काम जो पोट्टी ने स्पॉन्सर किया था, असल में बल्लारी के व्यापारी गोवर्धनन ने उसके पैसे दिए थे। हाईकोर्ट ने 6 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए कहा था कि पोट्टी को लगभग 474.9 ग्राम सोना दिया गया था। हाईकोर्ट ने उन्नीकृष्णन पोट्टी के उस ईमेल का भी जिक्र किया, जो उसने 9 दिसंबर, 2019 को TDB के अध्यक्ष को भेजा था। उन्नीकृष्णन ने ईमेल में लिखा था- सबरीमाला गर्भगृह के मुख्य द्वार और द्वारपालकों की मूर्तियों पर परत चढ़ाने के बाद मेरे पास कुछ सोना बचा है। मैं TDB के साथ मिलकर इसका इस्तेमाल एक लड़की की शादी के लिए करना चाहता हूं, जिसे मदद की जरूरत है। कृपया इस संबंध में अपनी राय दें। कई बार लाखों रुपए जमा हुए और मंदिर को दान दिए TDB की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025-26 में पोट्टी के बैंक खाते में कमाक्षी एंटरप्राइजेज से 10.85 लाख रुपए जमा हुए। जो अन्य सामाजिक या सामुदायिक सेवा कैटेगरी में दर्ज हैं। रिपोर्ट से सामने आया था कि उन्निकृष्णन का कोई परमानेंट इनकम सोर्स नहीं है। शुरुआती जांच में पोट्टी के 2017 से 2025 तक के आयकर रिटर्न को भी जांचा गया। जांच करने के बाद पोट्टी को 17 अक्टूबर 2025 को हिरासत में लिया गया। हाईकोर्ट ने 29 सितंबर को TDB को फटकार लगाई थी 29 सितंबर को मामले में जस्टिस राजा विजयराघवन वी और जस्टिस के वी जयकुमार की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान TDB को फटकार लगाई। कहा कि बोर्ड ने मंदिर की कीमती सामान का सही रजिस्टर नहीं रखा, जिससे गड़बड़ियां छिपाने में मदद मिली। अदालत ने कहा कि भक्तों के चढ़ाए आभूषण और सिक्कों का रिकॉर्ड रजिस्टर में रखा जाता है, जिसमें डिस्क्रिप्शन, तारीख, प्राप्ति और क्वालिटी लिखी जाती है, लेकिन कोडीमारम, द्वारपालक मूर्तियां, पीडम जैसी अन्य चीजों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अदालत ने नोट किया कि इन सामानों को किसी को देने की भी कोई एंट्री नहीं है। द्वारपालक मूर्तियों को दोबारा लगाते समय उनका वजन भी रिकॉर्ड नहीं किया गया, जो जानबूझकर हुआ जिससे 4 किलो सोने की कमी सामने न आए। सबरीमाला मंदिर 800 साल पुराना केरल में शैव और वैष्णवों में बढ़ते मनमुटाव के कारण एक मध्य मार्ग की स्थापना की गई थी, जिसमें अय्यप्पा स्वामी का सबरीमाला मंदिर बनाया गया था। इसमें सभी पंथ के लोग आ सकते हैं। ये मंदिर लगभग 800 साल पुराना माना जाता है। अयप्पा स्वामी को ब्रह्मचारी माना गया है, इसी वजह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। मंदिर की विशेषता यह है कि दर्शनार्थियों को 41 दिनों का कठोर व्रत रखना पड़ता है, जिसमें ब्रह्मचर्य, शाकाहारी भोजन और सादा जीवन अपनाना शामिल है। भगवान शिव और विष्णु की संतान हैं अयप्पा कथाओं के अनुसार, सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पा को भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का अवतार) का पुत्र माना जाता है। इनका एक नाम हरिहरपुत्र भी है। हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव, इन्हीं दोनों भगवानों के नाम पर हरिहरपुत्र नाम पड़ा। इनके अलावा भगवान अयप्पा को अयप्पन, शास्ता, मणिकांता नाम से भी जाना जाता है। —————————- यह खबर भी पढ़ें… केरल में राष्ट्रपति मुर्मू का हेलिकॉप्टर गड्ढे में फंसा:पुलिस, फायर स्टाफ ने धक्का मारकर निकाला केरल पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हेलिकॉप्टर बुधवार को उतरने के बाद गड्ढे में फंस गया। मौके पर मौजूद पुलिस और अग्निशमन कर्मियों ने भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर को धक्का देकर गड्ढे से निकाला। प्रेसिडेंट सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने जा रही थीं। पूरी खबर पढ़ें…