
जम्मू-कश्मीर के राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। इन मौतों की वजह अभी सामने नहीं आई है।मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांव में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इसके बाद प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया। इस बीमारी की जांच केंद्रीय टीम कर रही है। जांच में शामिल GMC राजौरी के प्रमुख शुजा कादरी ने कहा कि अब तक की जांच से यह सामने आया है कि इन मौतों का कारण संक्रामक बीमारी नहीं है। टीम ने खाद्य पदार्थों के 200 से ज्यादा नमूने अलग-अलग संस्थानों में भेजे हैं ताकि यह पता चल सके कि कहीं खाने-पीने की चीजों में कोई जहरीला तत्व तो नहीं है। गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया… क्या ये बीमार है, हमें इसका जवाब चाहिए
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उमर ने मोहम्मद असलम से मुलाकात की। उसने परिवार के 8 सदस्यों को खोया है। उमर ने कहा- ऐसा क्यों हुआ? हमें इस सवाल का जवाब चाहिए। यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्ट रही है। उमर ने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये नहीं फैले। मृतकों के नमूनों में न्यूरोटॉक्सिन मिला
मंत्री सकीना मसूद ने कहा कि अगर ये मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो ये तेजी से फैल जातीं और केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहती। हालांकि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मृतकों के नमूनों में ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए जाने की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नेशनल लेवल के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की मदद ले रही है। इसमें पुणे का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और PGI चंडीगढ़ शामिल हैं। किसी भी जांच में कोई नेगेटिव रिजल्ट सामने नहीं आया है। पानी और फूड आइटम्स की भी जांच की गई है, लेकिन किसी भी जहरीले पदार्थ का पता नहीं चला है। गृह मंत्रालय ने जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाई
गृह मंत्री अमित शाह ने इन मौतों की जांच के लिए शनिवार को इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया था। यह हाई लेवल टीम रविवार को गांव पहुंची थी। टीम को गृह मंत्रालय ही लीड कर रहा है। टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। यह मौत की वजह की जांच के साथ ही आगे इस तरह की मौतें रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाएगी। इससे पहले 15 जनवरी को रियासी जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) गौरव सिकरवार ने SIT गठित की थी। 11 मेंबरों की SIT की अध्यक्षता सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं। ………………………….. रहस्यमयी बीमारी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… महाराष्ट्र के 3 गांवों के 60 लोग अचानक गंजे हुए; बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान, सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित महाराष्ट्र के बुलढाना शहर में अजब बीमारी फैल रही है। यहां के 3 गांवों में अचानक 60 लोग गंजेपन का शिकार हो गए। शहर के शेगाव तहसील के बोंडगांव, कालवड़ और हिंगना गांवों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लोगों के बाल झड़ने लगे हैं। इससे सभी गंजे होते जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
जम्मू-कश्मीर के राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। इन मौतों की वजह अभी सामने नहीं आई है।मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांव में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इसके बाद प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया। इस बीमारी की जांच केंद्रीय टीम कर रही है। जांच में शामिल GMC राजौरी के प्रमुख शुजा कादरी ने कहा कि अब तक की जांच से यह सामने आया है कि इन मौतों का कारण संक्रामक बीमारी नहीं है। टीम ने खाद्य पदार्थों के 200 से ज्यादा नमूने अलग-अलग संस्थानों में भेजे हैं ताकि यह पता चल सके कि कहीं खाने-पीने की चीजों में कोई जहरीला तत्व तो नहीं है। गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया… क्या ये बीमार है, हमें इसका जवाब चाहिए
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उमर ने मोहम्मद असलम से मुलाकात की। उसने परिवार के 8 सदस्यों को खोया है। उमर ने कहा- ऐसा क्यों हुआ? हमें इस सवाल का जवाब चाहिए। यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्ट रही है। उमर ने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये नहीं फैले। मृतकों के नमूनों में न्यूरोटॉक्सिन मिला
मंत्री सकीना मसूद ने कहा कि अगर ये मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो ये तेजी से फैल जातीं और केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहती। हालांकि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मृतकों के नमूनों में ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए जाने की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नेशनल लेवल के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की मदद ले रही है। इसमें पुणे का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और PGI चंडीगढ़ शामिल हैं। किसी भी जांच में कोई नेगेटिव रिजल्ट सामने नहीं आया है। पानी और फूड आइटम्स की भी जांच की गई है, लेकिन किसी भी जहरीले पदार्थ का पता नहीं चला है। गृह मंत्रालय ने जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाई
गृह मंत्री अमित शाह ने इन मौतों की जांच के लिए शनिवार को इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया था। यह हाई लेवल टीम रविवार को गांव पहुंची थी। टीम को गृह मंत्रालय ही लीड कर रहा है। टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। यह मौत की वजह की जांच के साथ ही आगे इस तरह की मौतें रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाएगी। इससे पहले 15 जनवरी को रियासी जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) गौरव सिकरवार ने SIT गठित की थी। 11 मेंबरों की SIT की अध्यक्षता सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं। ………………………….. रहस्यमयी बीमारी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… महाराष्ट्र के 3 गांवों के 60 लोग अचानक गंजे हुए; बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान, सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित महाराष्ट्र के बुलढाना शहर में अजब बीमारी फैल रही है। यहां के 3 गांवों में अचानक 60 लोग गंजेपन का शिकार हो गए। शहर के शेगाव तहसील के बोंडगांव, कालवड़ और हिंगना गांवों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लोगों के बाल झड़ने लगे हैं। इससे सभी गंजे होते जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…